देश का असली हीरो कौन ?
देश-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
पर्दे पर जो हीरो बनता, झूठ-मूठ बड़प्पन पाता।
आलीशान बंगले में रहता, ऐश मौज वह खूब मनाता।
ऐसे को हम हीरो कहकर, भूल भरम बहु बार जो करते।
देश -हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
हम घरों में बैठ-बैठकर, गुलछर्रे रोज उड़ातें हैं।
समारोह में खादी पहने, डिंगियल हीरो बनते हैं।
बंद करो, इस हीरोपन को, जो नकली हीरो कहलाते ।
देश-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
बड़े-बड़े व्यापार ी बन हम, पैसे खूब कमाते हैं।
रक्षा हमारी कौन है करता, हम जो यों इतराते हैं।
पाक-वासियों को सह दें हम, धिक् नहीं शरमाते।
देश-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
डाॅक्टर हो या प्रोफेसर, नेता हो या अभिनेता।
शरहद पर प्राण जो देता, हीरो सच्चा दिल ये कहता।
लानत है उन गद्दारों को, जो हैं पाक-गुण गाते।
देष-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
बुद्धिजीवी जो कहलाते, क्यों चुप्पी साधे रहतें हैं।
इस हेतु इन द्रोहियों को, मौका जो मिल जाते हैं।
जवाब इंट का पत्थर से देने, में क्यों सब कतराते।
देश -हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।
....................सकलदेव
शिक्षक, सकलदेव मंडल, हिन्दी में एम. ए. नवीन रवनाकार ।