होली में हुई याद
लंबे समय के बाद,
होली में हुई याद,
न करूंगा कोई फरियाद ,
यदाकदा करते रहें याद,
तो पूरी होगी मेरी मुराद,
मैसेज से हुआ आबाद ।।1।।
दिन छुट्टी के खेली होली,
बच्चों ने दिल है मोह ली।
लिए अबीर सब उबल पड़े,
रोक न पाई रैली,
मैंने भी जी भर खेली ।।2।।
स्कूल में बनी थी पूरी ,
रखी न बच्चों से दूरी,
छलरहित बालजीवन में,
दिखती सच्ची होली,
मैंने भी उमर थी भूली।।3।।
झुंड-झुंड में बाल-बालाएँ ,
अबीर लिए खिलते हैं,
कहीं नहीं बुजुर्गों की टोली,
ऐसे हिल-मिल मिलते हैं,
परंपरा यों बदलते हैं ।।4।।
आ रे ! मेरा बचपन ,
जिसमें था सब सचपन,
होली में था अपनापन,
अब हो गया सपनापन,
दिल करता करूण है क्रंदन।।5।।