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वीक्षण-कार्य

24 अप्रैल 2017

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वीक्षण-कार्य


आप जानते हैं कि भोला एक शिक्षक है । आज वह पड़ोस के एक विद्यालय में वीक्षण कार्य के लिए गया था। भोला को पहले से ही उस विद्यालय के शिक्षक जानते थे कि भोला बहुत ही सिद्धांत वादी शिक्षक है । समय पर भोला स्कूल जा पहुंचा तो भोला ने देखा कि उस विद्यालय के प्रधान शिक्षक बरामदे पर झाड़ू लगा रहे हैं । भोला समझ गया कि विद्यालय लेटलतीफ खुलता है और आज समय पर जब खुला तो मास्टर साहब को ही झाड़ू देना पड़ रहा है । परीक्षा शुरू हुई तो देखा गया कि प्रत्येक वर्ग में बच्चे अनुपस्थित है परंतु उसे उपस्थित करने की व्यवस्था की जा रही है । हाजरी बना दी गई है । कई एक गार्जियन भी आ गए हैं कि मेरे बच्चे को उपस्थित कर दिया जाए और उस की कॉपी भी तैयार कर ली जाए भोला यह सब देखकर आश्चर्यचकित हो गया कि आखिर परीक्षा है या ड्रामा । गार्जियन भी आग्रह कर रहे थे कि मेरे पोते को या मेरे बेटे को उपस्थित कर दिया जाए। फिर क्या था उसकी डुप्लीकेट कॉपी तैयार की गई, भोला को भी उसमें मजबूरन शिक्षक के रूप में हस्ताक्षर करना पड़ा और एक आश्चर्य कि बात यह थी कि इस विद्यालय के मास्टर साहब श्यामपट में प्रश्न का उत्तर लिखने लग गए और बच्चे उसे नकल करने लग गए। और इस प्रकार से परीक्षा पूरी हो गई। काॅपियों की बंडल भी बन गई। जरा बिचारिये इस परीक्षा प्रणाली का क्या औचित्य रह गया। क्या इससे बच्चों का विकास संभव है ? भोला बेचारा सोंचता रह गया।

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एक संघ संस्कार हे ,दूजा बीजेपी बफादार है। एक स्वयंसेवक के पीछे, मचाए हाहाकार।। "देश -धर्म " नाता है, स्वयं सेवक इसे निभाता है। पार्टियों

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अनैतिकता

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सर ! अनैतिकता का जड़, गया इतना भीतर, नाम न लेता कि जाऊँ मै उखड़, व्यवस्था हो गई गड़बड़, कैसे लेंगे बच्चे पढ़, सब रह जायेंगे अनपढ़, उनका खो रहा अवसर, सर ! लें जरा खबर ! शिक्षा जायेगी जो मर ! सर ! आप हैं अफसर ! मेरा क्या असर , मैं कहता

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सोयी जनता जाग चुकी है । अपनी जीत वो ठान चुकी है।।मुखिया दुःखिया चल पड़े हैं । एम्बर मेम्बर निकल पड़े हैं ।। तो आशा है आप अड़े हैं । जनता के लिए ही खड़े हैं। !!! --नोट- यह कविता तब लिखी गई थी जब मेरे एक

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विचार

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सर ! यदि मिला हुआ प्रभार, न रहा बरकरार, तो नैतिकता शर्मसार, होगा तमस का अधिकार, हे प्रभु सर्वाधार ! कौन करेगा विचार ? मेरा शिक्षक जाता हार, जयगोविंद ही आधार, नैतिकता का पतवार , कौन करेंगे बेड़ापार, कोर्ट दूजा है आधार, जब होता नर

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काॅटा समझकर सच को जो पथ से हटा दिया ।वो खुद को खुद से ही जुदा कर दिया ।।बचा रहा लाश सिर्फ बदबू फैलाने वाला।

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19 सितम्बर 2016
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राही राह पर चलते हैं, काॅटे उन्हें ही गड़ते हैं । मंजिल उनका आदर करती , जीवन उनका सॅवरते हैं ।। कर्तव्यच्युत जो तकते रहते, अक्सर वही अकड़ते हैं ।राही के रोड़े बन जाते, कदम- कदम पर लड़ते हैं ।।राही राह पर उन्मुख होते, रोड़े आते रहते हैं

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22 सितम्बर 2016
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अच्छा करो तो जलता है ,बुरा करो तो हॅसता है । कुछ न करो तो निकम्मा कहते नहीं अघाता है ।। बहरे बन जो कर्मलीन हो , आगे बढ़ता जाता है।जमाना उनको अंगीकार कर , पुष्पमाल पहनाता है।।जमाने से अपेक्षा न करो , अपेक्षा निर्बल करती है । ’ एकला चोलो ’ की वांछा ही ताे , मन को संबल

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यह शहर है शहर है यहाॅ फैशन का कहर है।किसी को किसी का खोज है न खबर है।।म्ंदिर-मंदिर में पुजारी जी का असर है।गीता रामायण का नहीं कोई खबर है।।गाॅव व टोले में इसका जो असर है।लगता न

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शिक्षा का ऐसा दीप जले, रहे सब बाल खिले- खिले। शिक्षक शिक्षा दान करे, नैतिकता का मान करे। अधिकारी न अपमान करे, रहे न कोई दलाल। मेरा झारखण्ड हो खुशहाल ।।1।। नक्सलियों से काॅप रहे हैं, बड़े- बड़े अधिकारी। क्या बाल- बृद्ध युवक- युवति

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टीन एजर - TEEN AGER

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उठती नहीं उफनती भी है, टीन-एज-अंगड़ाई।जरा-सी फिसलन इस उमर की, होती न भरपाई।।अंग-अंग रोमांचित होता, पुलकित होता गात।किशोर बाल-बालाओं को, ये समझ न आती बात।।अच्छी-बुरी दोनों शक्ति, तीव्र गति से बढ़ती।गति बढ़े अच्छाई की तो, बद की शक्ति घटती।।गत

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जब प्राण तन से निकले हीरागुरुजी अपने शिष्यों को अक्सर यह समझाया करते हैं कि देह त्याग के समय चित्त के द्वारा जो चिंतन किया जाता है उसी के अनुरुप जीवात्मा को अन्य देह की प्राप्ति होती है; जैसे कि हव

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4 अक्टूबर 2016
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देश का असली हीरो कौन ? देश-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।पर्दे पर जो हीरो बनता, झूठ-मूठ बड़प्पन पाता।आलीशान बंगले में रहता, ऐश मौज वह खूब मनाता।ऐसे को हम हीरो कहकर, भूल भरम बहु बार जो करते। देश -हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो व

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अंधकार से न घबराएॅप्रजातंत्र मूर्खों का शासन,मूर्खों को क्या है अनुशासन?सभी मूर्ख जब मिल जाते हैं,पंडित को चकमा दे देते हैं।इसे संवारने जो जाते हैं,जूते चप्पल खा लेते हैं।ईशा , बापू ... ने प्राण गॅवाये,सुधार क्या मूर्खों को पाये?पर, निराश

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होली-दहन चीन-माल का कर दो ।कच्चा माल आयात करता, बेचता सस्ता माल।हमारे ही बाजार को, करता जो गोलमाल।फॅस गया भारत देखो, चीनी के इस जाल से।होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमा

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सेवा में,माननीय मुख्य मंत्री, झारखंड, सरकार। विषयः- विद्यालय प्रभार के संबंध में ।महाषय, सविनय निवेदन यह है कि श्रीमान् जिला षिक्षा अधीक्षक, साहिबगंज के कार्यालय ज्ञापांक 1173/ साहिबगंज, दिनांक 16 जुलाई 2016 के निःसृत आदेष के आलोक में वरीयता के आध

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स्मरण-पत्र

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सेवा में, माननीय मुख्य मंत्री ,झारखण्ड सरकार । विषयः- विद्यालय प्रभार के प्रसंगाधीन मुख्यमंत्री जनसंवाद Registration No-OL/Sah/16-

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अमृतवचनः

4 अप्रैल 2017
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अमृतवचनः भौतिक मूल्य जब सर्वोपरी हो जाते है , तो नैतिक ,आध्यात्मिक , सांस्क्रतिक मूल्य आहत हो जाते हैं।

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वीक्षण-कार्यआप जानते हैं कि भोला एक शिक्षक है । आज वह पड़ोस के एक विद्यालय में वीक्षण कार्य के लिए गया था। भोला को पहले से ही उस विद्यालय के शिक्षक जानते थे कि भोला बहुत ही सिद्धांत वादी शिक्षक है । समय पर भ

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अच्छा है एक दीप जलाएॅ

28 अप्रैल 2017
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अच्छा है एक दीप जलाएॅ राजनीतिक दबाव और रिश्वत के अभाव के कारण उच्च अधिकारी के आदेश के बावजूद उधवा स्कूल इंस्पेक्टर बोधन साहब मास्टर भोला को हेडमास्टरी नहीं दिए। एक दिन भोला अपने सेवा पुस्तिका को लेकर इंस्पेक्टर बोधन साहब के पास गए थे। इ

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शिक्षा आॅसू बहा रही है ।

29 अप्रैल 2017
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शिक्षा आॅसू बहा रही है।रूटीन बना है शानदार। शिक्षा का है जागा आसार।पर शिक्षक-टोटा देगा मार,कौन करे ! शिक्ष

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10 मई 2017
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मैं शिक्षक हॅू पर हॅू लाचार । राजनीति का हूॅ खाया मार ।। पर, विद्यालय का हॅू वफादार । शिक्षा दान का हॅू हकदार ।। बच्चों के लिए ऐसा गुरुवर । जैसे फल-फूल से लदा तरुवर ।। दुष्ट-दृष्टि का अलंघ्य दीवार । सुहृदों का हॅू सुपतवार ।।

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योग

21 जून 2017
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योग के बिना जीवन अधूरारोग, तनाव, व दुःख मुक्त जीवन योग के बिना सम्भव नहीं है। योग से ही सभी रोगों को कन्ट्रोल व क्योर कर सकते हैं। योग से अपने स्वभाव में पूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं तथा भीतर प्रयुक्त ज्ञान व शक्ति का पूर्ण जागरण कर सकते हैं।

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2 अगस्त 2017
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फीडबैक 2017 के ही जुलाई महीने की 28वीं तिथि थी । बुनियाद प्रशिक्षण का यह समापन दिवस था। करीब 80 प्रतिभागी एक ही कमरे में बैठे थे । 2रू45 बज चुके थे। अंतिम सत्र की बारी थी। मेरे एक परम मित्र जो ब्त्च् हैए ने खबर दी थी.. सर व्यवस्

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भोला मास्टर की पुकार

26 अगस्त 2017
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☆भोला मास्टर की पुकार ☆ भोला एक सरकारी मध्य विद्यालय में सीनियर मोस्ट सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत है। इनके विद्यालय आगमन और प्रस्थान का समय बिल्कुल सही रहता है। विद्यालय अवधि में बिल्कुल सक्रिय रुप से पठन -पाठन में भाग लिया करते हैं। प्रधानाध्यापक को कभी कुछ कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विद

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1 सितम्बर 2017
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*रियल और रील लाइफ** रील लाइफ में राम रहीम, कितना सुंदर बाबा था । रील जब रीयल में दिखा , जेल तय आशियाना था।।1।। छोटे-मोटे राम रहीम , सकल जग

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पथद्रष्टा हीरागुरूजी

19 जनवरी 2018
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पथद्रष्टा हीरा गुरुजीप्रणाम सर !जय गुरु प्यारे, आओ प्यारे इधर बैठो। कहाँ से आए हो? कहाँ घर है?हरचंदपुर ।और पिताजी का नाम?उमा चरण ?किस क्लास में पढ़ते हो?छठी क्लास में ?और कौन स्कूल में ?मुंडली मिशन में सर।वाह ! ठीक है प्यारे। बहुत अच्छा ।सर, मैं अपने घर में सत्संग कराना चाहता हूँ । आपका प्रोग्राम

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होली में हुई याद

2 मार्च 2018
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होली में हुई यादलंबे समय के बाद, होली में हुई याद,न करूंगा कोई फरियाद ,यदाकदा करते रहें याद,तो पूरी होगी मेरी मुराद, मैसेज से हुआ आबाद ।।1।।दिन छुट्टी के खेली होली, बच्चों ने दिल है मोह ली।लिए अबीर सब उबल

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शिक्षा के आँसू

16 सितम्बर 2018
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अपनों से दो शब्द“जब अनैतिक शक्ति संस्था-प्रधान के सिंहासन में पदास्थापित हो जाती है तोव्यवस्थाएँ तो चरमराती ही हैं, नैतिक शक्ति को अवसर भी नहीं मिलता और इसकानंगा-नृत्य स

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