होली-दहन चीन-माल का कर दो ।
कच्चा माल आयात करता, बेचता सस्ता माल।
हमारे ही बाजार को, करता जो गोलमाल।
फॅस गया भारत देखो, चीनी के इस जाल से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
सन् 1962 में चीन, सैन्य किया घुसपैठ।
अब अर्थ-युद्ध से कर रहा, भारत को मटियामेट।
गिद्ध-दृष्टि है जो इनकी, समझें हम विवके से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
पाक में कोरिडोर बनाता , 46 विलियन डालर से।
षड्यंत्र बड़ा है चीन का , रचता मिल वह पाक से ।
इस हेतु पाक सन्मुख, रहता भाई चारे से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
राष्ट्रभाव हम भारतवासी, सीखें मुल्क जापान से।
बम गिरा सन् 45 में, पर जीते स्वाभिमान से।
अमरीकन सेव का बहिष्कार कर, झुकाया उनको शान से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
सोनी, पेनासोनिक देखो, कंपनी है जापानी ।
अमेरिका है दीवाना इनका, है यह अजब कहानी ।
अर्थ शास्त्र दिवाली का बिगड़ा, हमारी ही नादानी से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
क्वालिटी कंट्रोल लगा दें इनपर , रोकें घटिया माल।
चुनौति होगी हमसे इनकी, हाल होगा बदहाल।
परहेज न करे भारत अब ,इस नीति के लागू से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
जिम्मेदारी हम सबकी है, न केवल सरकार की।
स्वदेशी का भाव जगे तो, लड़ाई आर पार की।
भारत माॅ की संतानें अब , चुनौती लें इस चीन से।
होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमान से।।
....................... सकलदेव