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अच्छा है एक दीप जलाएॅ

28 अप्रैल 2017

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अच्छा है एक दीप जलाएॅ

राजनीतिक दबाव और रिश्वत के अभाव के कारण उच्च अधिकारी के आदेश के बावजूद उधवा स्कूल इंस्पेक्टर बोधन साहब मास्टर भोला को हेडमास्टरी नहीं दिए। एक दिन भोला अपने सेवा पुस्तिका को लेकर इंस्पेक्टर बोधन साहब के पास गए थे। इंस्पेक्टर साहब सेवा पुस्तिका में जो कार्य था वह खुशी-खुशी कर देते हैं। फिर बड़े प्रेम से भोला को बैठने कहते हैं। बैठिए भोला जी ! भोला को आश्चर्य होता है कि जो बोधन साहब विरोधी थे, उनके द्वारा आज इस तरह का आदर क्यों दिया जा रहा है ! ऐसे सुंदर बोध के पीछे कोई चाल तो नहीं ! भोला भी कुर्सी में बैठ गया। इंस्पेक्टर साहब कहते हैं- भोला जी हम लोग चाह करके भी अच्छा काम नहीं कर सकते हैं। आप जैसे अच्छे शिक्षक को चाहने वाले भी आखिर कितने हैं। भोला मन नही मन सोचा आखिर अच्छे शिक्षक को आपको तो स्थान देना चाहिए साहब! दूसरी बात उन्होंने कह डाला - भेाला जी आपके लिए आपका विद्यालय आने वाला कल बहुत ही पेनफुल होने वाला है। भोला बड़े सकते में आ गया। आखिर मेरा विद्यालय मेरे लिए पेनफुल क्यों होगा ? वह बिल्कुल आश्चर्यचकित हो गया सुनकर। फिर एक सवाल और उठा दिया- भोला जी जितना जल्दी हो सके आप अपने इस विद्यालय को छोड़ दीजिए । और इसी बीच दो तीन दो - तीन शिक्षिकाएं कार्यालय में साहब के सामने आ गई। भोला सिर्फ इतना ही कहा कि सर मैं अपने विद्यालय में कुछ अच्छा करके निकलूंगा और भोला प्रणाम कर कार्यालय से निकल गया । घर आया । एकांत में बैठ कर भोला सोचता रहा कि आखिर मेरा विद्यालय मेरे लिए पेनफुल क्यों होगा ! इसलिए न इस विद्यालय में सभी गुटबाजी करेंगे, साहब भी दबोचने का अवसर तलासेंगे इत्यादि। तो भोला मन ही मन ठान लिया कि चाहे कोई गुटबाजी करें या जो करें भोला चुनौतियों को स्वीकार करेगा , एक नया इतिहास रचेगा। बस समय पर विद्यालय जाता था और जाता रहेगा और समय तक विद्यालय में रहेगा। बच्चे भगवान के रूप माने जाते हैं और बच्चे को सिर्फ पढ़ाना है, बच्चों के साथ रागात्मक संबंध जोड़कर रखेगा । समर्पित भाव से उनकी सेवा करेगा । फिर भोला के लिए विद्यालय पेनफुल कैसे बन सकता है! और बस इस संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित हो गया। अब रही बात विद्यालय छोड़ने की तो वह छोड़ना चाहता नहीं चाहता है, उसको ऐसा लगा कि इंस्पेक्टर बोधन साहब चाह रहे थे कि भोला अगर अपनी इच्छा जाहिर करे तो उनका दूसरे जगह प्रतिनियोजन कर दिया जाएगा। फिर भोला मन ही मन सोचने लगा कि क्या इंस्पेक्टर का सजेशन सावधान करना है , या डराना है, या फिर शिक्षा में गुणात्मक विकास करना हैं। वह बहुत गंभीरता से विचार करने लगा कि अगर हमारे पदाधिकारी गुणवान विद्वान या कर्मठ भोला जैसे शिक्षक का सहयोग नहीं करेंगे तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जो बातें आती है वह बिल्कुल खोखली बातें है। आदर्श की बातें जमीन पर उतारी नहीं गई तो हमारे अधिकारियों की बातें निरर्थक है । अंधेर नगरी चैपट राजा टके सेर भाजी, टके सेर खाजा। पर, भोला इस निष्कर्ष पर पहुॅचता है कि अंधकार को क्या धिक्कारें, अच्छा है एक दीप जलाएं। समस्याओं का रोना अपना दीदा खोना।

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बिलकुल सही

29 अप्रैल 2017

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असहिष्णुता में न हो तटस्थता

8 दिसम्बर 2015
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असहिष्णुता के मुद्दे में हमारे देश के तथाकथित बुद्धिजीवी, सेलीब्रेटीज व साहित्यकार तटस्थ हैं । आप या तो समर्थन करें या विरोध । आपकी तटस्थता  देश के लिए भयंकर  स्थिति उत्पन्न कर रहा है। अतः आप अपने मन्तव्य  देशहित में शीघ्र और जोरदार शब्दों अवश्य दें।  आपकी तटस्था आपके पक्ष को कमजोर करता है। क्या आप 

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राजमहल बना कूड़ामहल

10 दिसम्बर 2015
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(माननीय मुख्य मंत्री महोदय से आशार गुहार )     मान्यवर ! अतिक्रमण में उजडे दुकानदारों एवं शिक्षित बेरोजगारों के रोजगार के लिए राजमहल नगर पंचायत  (साहिबग॔ज) द्वारा  अनुमण्डल अस्पताल के चारदीवारी के भीतर  70 दुकानों का निर्माण दुकानदारों से पैसे लेकर किए गए हैं । परंतु उच्च न्यायालय राॅची के आदेश पर  

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संघ और बीजेपी

13 सितम्बर 2016
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एक संघ संस्कार हे ,दूजा बीजेपी बफादार है। एक स्वयंसेवक के पीछे, मचाए हाहाकार।। "देश -धर्म " नाता है, स्वयं सेवक इसे निभाता है। पार्टियों

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अनैतिकता

13 सितम्बर 2016
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सर ! अनैतिकता का जड़, गया इतना भीतर, नाम न लेता कि जाऊँ मै उखड़, व्यवस्था हो गई गड़बड़, कैसे लेंगे बच्चे पढ़, सब रह जायेंगे अनपढ़, उनका खो रहा अवसर, सर ! लें जरा खबर ! शिक्षा जायेगी जो मर ! सर ! आप हैं अफसर ! मेरा क्या असर , मैं कहता

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साथ साथ

15 सितम्बर 2016
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सोयी जनता जाग चुकी है । अपनी जीत वो ठान चुकी है।।मुखिया दुःखिया चल पड़े हैं । एम्बर मेम्बर निकल पड़े हैं ।। तो आशा है आप अड़े हैं । जनता के लिए ही खड़े हैं। !!! --नोट- यह कविता तब लिखी गई थी जब मेरे एक

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विचार

15 सितम्बर 2016
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सर ! यदि मिला हुआ प्रभार, न रहा बरकरार, तो नैतिकता शर्मसार, होगा तमस का अधिकार, हे प्रभु सर्वाधार ! कौन करेगा विचार ? मेरा शिक्षक जाता हार, जयगोविंद ही आधार, नैतिकता का पतवार , कौन करेंगे बेड़ापार, कोर्ट दूजा है आधार, जब होता नर

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अर्हता

15 सितम्बर 2016
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अर्हता ही नहीं जनता साथ मेरे खड़े हैं । शक्ति -तमस लिए दो -तीन ही बहक पड़े हैं ।। श्रेय लिए जनता आगे बढ़े हैं । प्रेय लिए दो -तीन नाहक अड़े हैं ।। धर्म लिए श्रेय ह

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सत्य सत्य है।

17 सितम्बर 2016
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काॅटा समझकर सच को जो पथ से हटा दिया ।वो खुद को खुद से ही जुदा कर दिया ।।बचा रहा लाश सिर्फ बदबू फैलाने वाला।

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राही

19 सितम्बर 2016
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राही राह पर चलते हैं, काॅटे उन्हें ही गड़ते हैं । मंजिल उनका आदर करती , जीवन उनका सॅवरते हैं ।। कर्तव्यच्युत जो तकते रहते, अक्सर वही अकड़ते हैं ।राही के रोड़े बन जाते, कदम- कदम पर लड़ते हैं ।।राही राह पर उन्मुख होते, रोड़े आते रहते हैं

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जमाना

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अच्छा करो तो जलता है ,बुरा करो तो हॅसता है । कुछ न करो तो निकम्मा कहते नहीं अघाता है ।। बहरे बन जो कर्मलीन हो , आगे बढ़ता जाता है।जमाना उनको अंगीकार कर , पुष्पमाल पहनाता है।।जमाने से अपेक्षा न करो , अपेक्षा निर्बल करती है । ’ एकला चोलो ’ की वांछा ही ताे , मन को संबल

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23 सितम्बर 2016
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हर आदमी का कहना है कि उनको असत्य से नफरत है।

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यह शहर है शहर है यहाॅ फैशन का कहर है।किसी को किसी का खोज है न खबर है।।म्ंदिर-मंदिर में पुजारी जी का असर है।गीता रामायण का नहीं कोई खबर है।।गाॅव व टोले में इसका जो असर है।लगता न

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29 सितम्बर 2016
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शिक्षा का ऐसा दीप जले, रहे सब बाल खिले- खिले। शिक्षक शिक्षा दान करे, नैतिकता का मान करे। अधिकारी न अपमान करे, रहे न कोई दलाल। मेरा झारखण्ड हो खुशहाल ।।1।। नक्सलियों से काॅप रहे हैं, बड़े- बड़े अधिकारी। क्या बाल- बृद्ध युवक- युवति

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आज का विद्यालय

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बन गया संस्था विद्यालय, प्रमाण-पत्र ही देने वाला। विदाई हुई पढ़ाई की, मिड डे मिल खिलाने वाला।। मिड डे मिल बना आय का, अच्छा खासा श्रोत। अखबारों में रोज छपते, इनकी ही नोक झोंक।। भीड़ जुटती बच्चों की, स्कूल बन जाता मेला। इस भीड़ म

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टीन एजर - TEEN AGER

1 अक्टूबर 2016
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उठती नहीं उफनती भी है, टीन-एज-अंगड़ाई।जरा-सी फिसलन इस उमर की, होती न भरपाई।।अंग-अंग रोमांचित होता, पुलकित होता गात।किशोर बाल-बालाओं को, ये समझ न आती बात।।अच्छी-बुरी दोनों शक्ति, तीव्र गति से बढ़ती।गति बढ़े अच्छाई की तो, बद की शक्ति घटती।।गत

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संस्मरण- जब प्राण तन से निकले

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जब प्राण तन से निकले हीरागुरुजी अपने शिष्यों को अक्सर यह समझाया करते हैं कि देह त्याग के समय चित्त के द्वारा जो चिंतन किया जाता है उसी के अनुरुप जीवात्मा को अन्य देह की प्राप्ति होती है; जैसे कि हव

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देश का असली हीरो कौन ? देश-हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो वो कहलाते।।पर्दे पर जो हीरो बनता, झूठ-मूठ बड़प्पन पाता।आलीशान बंगले में रहता, ऐश मौज वह खूब मनाता।ऐसे को हम हीरो कहकर, भूल भरम बहु बार जो करते। देश -हित जो प्राण गॅवाते, असली हीरो व

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अंधकार से न घबराएॅ

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अंधकार से न घबराएॅप्रजातंत्र मूर्खों का शासन,मूर्खों को क्या है अनुशासन?सभी मूर्ख जब मिल जाते हैं,पंडित को चकमा दे देते हैं।इसे संवारने जो जाते हैं,जूते चप्पल खा लेते हैं।ईशा , बापू ... ने प्राण गॅवाये,सुधार क्या मूर्खों को पाये?पर, निराश

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होली-दहन चीन-माल का कर दो

25 अक्टूबर 2016
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होली-दहन चीन-माल का कर दो ।कच्चा माल आयात करता, बेचता सस्ता माल।हमारे ही बाजार को, करता जो गोलमाल।फॅस गया भारत देखो, चीनी के इस जाल से।होली-दहन चीन-माल का कर दो , जीओ स्वाभिमा

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मूर्ख कौन

28 अक्टूबर 2016
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मूर्ख कौन अक्षर ज्ञान से साक्षर बन, हाेशियार यार हो जाते हम।मैट्रिक इंटर बीए एमए, कर योग्य हो जाते हम।पर सिर्फ नैतिक-हीन हो, सज्जन क्या बन पाते हम।तो फिर क्या कहलाते ?इंजिनियर बन कमीशन खाते, बिना कमीशन सा

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आवेदन

25 नवम्बर 2016
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सेवा में,माननीय मुख्य मंत्री, झारखंड, सरकार। विषयः- विद्यालय प्रभार के संबंध में ।महाषय, सविनय निवेदन यह है कि श्रीमान् जिला षिक्षा अधीक्षक, साहिबगंज के कार्यालय ज्ञापांक 1173/ साहिबगंज, दिनांक 16 जुलाई 2016 के निःसृत आदेष के आलोक में वरीयता के आध

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स्मरण-पत्र

2 जनवरी 2017
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सेवा में, माननीय मुख्य मंत्री ,झारखण्ड सरकार । विषयः- विद्यालय प्रभार के प्रसंगाधीन मुख्यमंत्री जनसंवाद Registration No-OL/Sah/16-

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अमृतवचनः

4 अप्रैल 2017
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अमृतवचनः भौतिक मूल्य जब सर्वोपरी हो जाते है , तो नैतिक ,आध्यात्मिक , सांस्क्रतिक मूल्य आहत हो जाते हैं।

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वीक्षण-कार्य

24 अप्रैल 2017
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वीक्षण-कार्यआप जानते हैं कि भोला एक शिक्षक है । आज वह पड़ोस के एक विद्यालय में वीक्षण कार्य के लिए गया था। भोला को पहले से ही उस विद्यालय के शिक्षक जानते थे कि भोला बहुत ही सिद्धांत वादी शिक्षक है । समय पर भ

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अच्छा है एक दीप जलाएॅ

28 अप्रैल 2017
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अच्छा है एक दीप जलाएॅ राजनीतिक दबाव और रिश्वत के अभाव के कारण उच्च अधिकारी के आदेश के बावजूद उधवा स्कूल इंस्पेक्टर बोधन साहब मास्टर भोला को हेडमास्टरी नहीं दिए। एक दिन भोला अपने सेवा पुस्तिका को लेकर इंस्पेक्टर बोधन साहब के पास गए थे। इ

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शिक्षा आॅसू बहा रही है ।

29 अप्रैल 2017
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शिक्षा आॅसू बहा रही है।रूटीन बना है शानदार। शिक्षा का है जागा आसार।पर शिक्षक-टोटा देगा मार,कौन करे ! शिक्ष

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जीवन तेरा होगा गुलजार

10 मई 2017
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मैं शिक्षक हॅू पर हॅू लाचार । राजनीति का हूॅ खाया मार ।। पर, विद्यालय का हॅू वफादार । शिक्षा दान का हॅू हकदार ।। बच्चों के लिए ऐसा गुरुवर । जैसे फल-फूल से लदा तरुवर ।। दुष्ट-दृष्टि का अलंघ्य दीवार । सुहृदों का हॅू सुपतवार ।।

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योग

21 जून 2017
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योग के बिना जीवन अधूरारोग, तनाव, व दुःख मुक्त जीवन योग के बिना सम्भव नहीं है। योग से ही सभी रोगों को कन्ट्रोल व क्योर कर सकते हैं। योग से अपने स्वभाव में पूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं तथा भीतर प्रयुक्त ज्ञान व शक्ति का पूर्ण जागरण कर सकते हैं।

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फिडबैक

2 अगस्त 2017
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फीडबैक 2017 के ही जुलाई महीने की 28वीं तिथि थी । बुनियाद प्रशिक्षण का यह समापन दिवस था। करीब 80 प्रतिभागी एक ही कमरे में बैठे थे । 2रू45 बज चुके थे। अंतिम सत्र की बारी थी। मेरे एक परम मित्र जो ब्त्च् हैए ने खबर दी थी.. सर व्यवस्

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भोला मास्टर की पुकार

26 अगस्त 2017
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☆भोला मास्टर की पुकार ☆ भोला एक सरकारी मध्य विद्यालय में सीनियर मोस्ट सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत है। इनके विद्यालय आगमन और प्रस्थान का समय बिल्कुल सही रहता है। विद्यालय अवधि में बिल्कुल सक्रिय रुप से पठन -पाठन में भाग लिया करते हैं। प्रधानाध्यापक को कभी कुछ कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विद

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रीयल और रील लाईफ

1 सितम्बर 2017
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*रियल और रील लाइफ** रील लाइफ में राम रहीम, कितना सुंदर बाबा था । रील जब रीयल में दिखा , जेल तय आशियाना था।।1।। छोटे-मोटे राम रहीम , सकल जग

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पथद्रष्टा हीरागुरूजी

19 जनवरी 2018
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पथद्रष्टा हीरा गुरुजीप्रणाम सर !जय गुरु प्यारे, आओ प्यारे इधर बैठो। कहाँ से आए हो? कहाँ घर है?हरचंदपुर ।और पिताजी का नाम?उमा चरण ?किस क्लास में पढ़ते हो?छठी क्लास में ?और कौन स्कूल में ?मुंडली मिशन में सर।वाह ! ठीक है प्यारे। बहुत अच्छा ।सर, मैं अपने घर में सत्संग कराना चाहता हूँ । आपका प्रोग्राम

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होली में हुई याद

2 मार्च 2018
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होली में हुई यादलंबे समय के बाद, होली में हुई याद,न करूंगा कोई फरियाद ,यदाकदा करते रहें याद,तो पूरी होगी मेरी मुराद, मैसेज से हुआ आबाद ।।1।।दिन छुट्टी के खेली होली, बच्चों ने दिल है मोह ली।लिए अबीर सब उबल

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शिक्षा के आँसू

16 सितम्बर 2018
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अपनों से दो शब्द“जब अनैतिक शक्ति संस्था-प्रधान के सिंहासन में पदास्थापित हो जाती है तोव्यवस्थाएँ तो चरमराती ही हैं, नैतिक शक्ति को अवसर भी नहीं मिलता और इसकानंगा-नृत्य स

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