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धार्मिक उन्माद

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धर्म के नाम पर भीड़ बनाकर किसी को भी मार देना। क्या यही धर्म है? पाकिस्तान में सियालकोट के वजीराबाद रोड पर ट्रैफिक हमेशा की तरह चल रहा था, मगर यहां दुकानों में खामोषी और माहौल में खौफ के साये थे। उनके

कहने को तो दुनियां में बहुत से धर्म हैं। कुछ नये, कुछ पुराने तो कुछ बहुत ही पुराने। सभी धर्मों का अपना-अपना कथन है कि उनका धर्म क्यों सबसे अधिक उत्तम है। जो कुछ सदी पूर्व के धर्म हैं वह अपनी नवीनता के

1) सब रोड पर किसी भी ठेले पर खा लेते हैं  , किसी भी रेस्टौरेंट मे खा लेते , किसी भी होटल मे ठहर जाते ।  2) किसी भी बस मे किसी के भी पास बैठ जाते ।  3) तीरथों मे सारी जाती के लोग जाते हैं लाइन मे

इस समय सम्पूर्ण भारत में धर्म की आड़ में अराजकता फैलाना एक आम बात हो गई है इसके मुख्य कारण हैं मैं और आप क्योंकि जब कभी भारत के किसी हिस्से में अपनी झूठी आस्था का दिखावा करने मात्र के लिए किसी की हत

धर्म के नाम पर एक दूसरे को लड़ाए है धार्मिक उन्माद ही,इससे बेहतर है की नफरत के वजह प्यार फैरलाओ बनो इंसान।

हमारा भारत धर्म-निरपेक्ष देश है।  विभिन्न धर्मों में पारस्परिक सहिषुण्ता धर्म-निरपेक्ष है। धार्मिक-उन्माद को रोकने का नाम है- धर्म-निरपेक्षता।  यह कार्य आदिकाल से चल रहा है।  इस सम्बन्ध में अथर्ववेद  

Hello friends धर्म से इंसानों में इंसानियत पैदा होती है और ये धर्म इंसानों में आदर्श , प्रेम भावना , एक दूसरे के प्रति परस्पर सहयोग आदि सार्थक विचार जाग्रत करता है । अनेकता में एकता का भाव भी धर्

उन्माद का अर्थ है - उत +माद अर्थात ज़ब किसी के लिए हमारी भावनाएं/ नशा / क्रेज अपने चरम पर पहुंच जाये ऐसी अवस्था का उन्माद कहा जाता है। बात अगर धार्मिक उन्माद की करे तो यह अनुचित भी है और उचित भी।अनुचित

प्रिय सखी ‌।कैसी हो ।हम अच्छे है ।कल शब्द टीम का वेबिनार का विडियो यूट्यूब पर देखा ।काफी रिकार्डिंग कटी हुई है पर फिर भी अच्छा लगा सब देखकर । धीरे धीरे मंच तरक्की कर रहा है तो खुशी होती है ।कल तो मैट्

27/8/2022प्रिय डायरी,                 आज का शीर्षक है धार्मिक उन्माद,      धार्मिक उन्माद का अर्थ धर्म के नाम पर उन्माद अर्थात झगड़ा फैलाना।

धार्मिक उन्माद~धारयते इति धर्म: , अर्थात जो धारण किया जाता है वो धर्म है । धर्म की परिभाषा उसका होना और अनुपालन इतना ही शालीन और सुस्पष्ट है । हमारी चिंतन परम्परा में भी चार पुरुषार्थों धर्म,अर्थ,काम

डियर काव्यांक्षी               कैसी हो प्यारी सखी 🥰 मैं अच्छी हूं।जैसा कि तुम्हे पता ही है । आज का दैनिक विषय धार्मिक उन्माद तो सखी धर्म के बिना धार्मिक होना स

धर्म की हमें मिली आजादी, संविधान देता अधिकार। हर धर्म का सम्मान करो जन,सभी धर्म है पालनहार।। जो धर्म की आड़ में जुल्म कर रहे,करें मनुज पर अत्याचार। धर्म विरोधी जो जन होते,रहे मनुज को झूठे मार।। राजनी

आज हमारी ईश्वर में आस्था,है कितनी यह देखो जरा।कोई तो करता पूजा साधना,कोई करे ऐसे खिलवाड़ जरा।।न उड़ाए मजाक आस्था का,न आस्था को ही संसाधन।करे ईश्वर की अर्चना याचना,न ही पब्लिसिटी का साधन।।ईश्वर का भी म

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