Hello friends
धर्म से इंसानों में इंसानियत पैदा होती है और ये धर्म इंसानों में आदर्श , प्रेम भावना , एक दूसरे के प्रति परस्पर सहयोग आदि सार्थक विचार जाग्रत करता है । अनेकता में एकता का भाव भी धर्म आगे बढ़ाता है ।
जो इंसान धर्म को विपरीत दिशा में ले जाता है , तो वो धर्म का उन्माद करने लगता है । वो इंसान अपने धर्म को एक ऐसी दिशा में लेकर जाता हैं , जहां पर उसे सिर्फ आतंकवाद , खून खराबे , मासूम लोगों का किडनैप , मासूमों को मारना - पिटना और बहुत सारे बुरे मनसूबे हो जाते हैं ।
ये सब निरर्थक कार्य , लूट - पाट और खून - खराबा ही उसके जिंदगी का पेशा बन जाता है ।
ऐसे इंसानों के लिए आप सब के सामने चार लाइन प्रस्तुत करने जा रही हूं -
धर्म का न करो तुम उन्माद ,
इस उन्माद से तुम कर न दो ,
कई जिंदगियों को बर्बाद ,
इसी स्थिति में बन जाओगे आतंकवाद ।
धर्म उन्माद बिगाड़ देता है नियत ,
धर्म से भी बड़ी है इंसानियत ,
धर्म की समझो कीमत ,
धर्म उन्माद को करो बंद ।