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गीत-स्मिता

Rajan

10 अध्याय
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22 पाठक
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मैं शून्य हूँ तुम श्वाँस हो मेरे दशा की न्यास हो। तुम ज़िंदगी तुम बंदगी सुरभित समर उछ्वास हो।। मेरे दशा की न्यास हो।। उल्लास तुमसे आजकल कंचन धनक में रंग है। औचक महक कर देह संदल कर रहा हिय दंग है। मुश्किल बहुत है प्रेम में लेकिन सुगम मलमास हो। मेरे दशा की न्यास हो।। मैं अनवरत ही ताकता हूँ अनगिनत इच्छा लिये। तुमसे कहूँ क्या? सोचता हूँ पत्य जो तुमने दिये। संचय अनय जब कर लिया तब निर्जला उपवास हो। मेरे दशा की न्यास हो।। नेपथ्य में सब तथ्य तेरे है हमारा कुछ नहीं। मंजूर मुझको शर्त सब अभिसार तेरा हो वहीं। बन शृंखला भव प्रेम की चंचल हृदय में वास हो। मेरे दशा की न्यास हो।। तुम मेघ सी तन स्वेद सी बौछार बन बैरिन ढ़रे। उथला हुआ मन ले बढ़ा दृग माधुरी आश्विन भरे। अनुपात में मछली जलज पर रीझती उर रास हो। मेरे दशा की न्यास हो।। नव पांखुरी सी ओष्ठ सिंदूरी झलक झिलमिल नथा। चढ़ना क्षितिज सोपान है गढ़ने युगल परिणय कथा।। अधिकार है तुम पे मुझे प्रतिपाल पर विश्वास हो। मेरे दशा की न्यास हो।। ©- राजन सिंह 

get smita

0.0(6)


शानदार👌👌👌


जबरजस्त


इस पुस्तक में लेखन प्रारंभ कीजिए राजन जी... विवरण देख कर पढ़ने की उत्सुकता जाग रही है


जबरा लिखते है आप राजन जी हर कविता भाषाई ,भाव ,छंद और रस सभी की दृष्टि से सूंदर है | बढ़िया काव्य संकलन |


बहुत ही खूब👌👌👌👌

पुस्तक के भाग

1

मन के शीशमहल में

5 सितम्बर 2021
6
8
2

<div><span style="font-size: 16px;">मन के शीशमहल में अष्टक</span></div><div><span style="font-size:

2

उत्कल बसाता है हृदय

6 सितम्बर 2021
10
14
13

<div><span style="font-size: 16px;">उस साँवरी को देख कर उत्कल बसाता है हृदय।</span></div><div><span

3

तुम याद आयी

7 सितम्बर 2021
4
11
2

<div><span style="font-size: 16px;">झूलती झूला सखी सब देख कर तुम याद आयी।</span></div><div><span sty

4

मैं सन्यासी प्रेम गणित का

8 सितम्बर 2021
4
14
2

<div><span style="font-size: 16px;">मैं सन्यासी प्रेम गणित दर, प्रतियोगी मन सार दिया।</span></div><d

5

हमने तुमको वरण किया है

9 सितम्बर 2021
3
12
1

<div><span style="font-size: 16px;">प्राणों के पावन धरती पर</span></div><div><span style="font-size:

6

सो रहा बदरी में' चंदा

10 सितम्बर 2021
4
6
2

<div><span style="font-size: 16px;">झम झमाझम मेघ बरसे बूँद सावन के बहाने-</span></div><div><span sty

7

उत्तर देना संभव ना था

11 सितम्बर 2021
5
11
2

<p>प्रश्न अनोखे थे लेकिन क्यों?</p> <p>उत्तर देना संभव ना था।</p> <p>घड़ी-घड़ी मन उचट रहा प्रिय</p>

8

एक लहर सी दौड़ रही है

12 सितम्बर 2021
2
5
2

<div><span style="font-size: 16px;">एक लहर सी</span></div><div><span style="font-size: 16px;">दौड़ र

9

बैठी साइकिल पर थी तुम

22 नवम्बर 2021
5
3
3

<p>याद तुम्हें तो होगा प्रिय! दिल से अस्सी घाट, शरद ऋतु का.</p> <p>गाये थे जो नगमें मिलके, बैठी' साइ

10

ताप ओढ़े भाप बढ़ता

23 नवम्बर 2021
2
1
2

<div>किस अगम ने</div><div>किस निगम का</div><div>ताप ओढ़े भाप बढ़ता।</div><div><br></div><div>हम विलग

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