●रिजेक्शन (Rijection) अक्सर हमे यह बताया या पढ़ाया जाता है कि हमे हर स्थिति में ना के बजाय हा कहना चाहिए।ना कहने से मामला वही पर समाप्त हो जाता है द्वार बन्द हो जाता है ।मामला समाप्त जय राम जी की। अ
जब हमें कोई गाली देता है तो हम क्रोधित हो उठते है इसी प्रकार जब हमारी कोई प्रशंसा करता है तो हम फूले नहीं समाते। साधारण सी बात है जब गाली देता है तो हम उससे नफरत करने लगते है ।हमारे अंदर की ज्वाला
सारे गमो को भूलचलो ,एक नई शुरुवातकरते हैं लोग क्या सोचेंगेइस चिंता को त्यागप्रकृति के संगखुल कर जीने का चलो प्रयास करते हैं ,अपनों एक संग जीनेका फीर से ,एक नई शुरुवातकरते हैं ।
छोड़ गाँव की अल्हड़ मस्ती,खुद को समझता शहरी हस्ती।सोच ब्रांडेड पर चींजे सस्ती,बातें जन-जन कीं अब डसती।।छूट गया ये रक्षाबंधन।टूट गया सपना तरु चंदन।।अब लगता नहीं मन किसी मोह में।यौवन गुजरे उहापोह मे
साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता के सभी नियमों के अनुसार वीक 34 (30 मई 2022 से 5 जून 2022) के सबसे सक्रिय लेखक हैं आपको शब्द.इन टीम की ओर से बधाइयां 🎊 सम्बंधित पुरस्कार आपको 1 सप्ताह के भीतर मिल जाएंग
है धरा उदघोष करती लालिमा आकाश की । शुष्क होते ताल पोखर क्यों प्रतीक्षा प्यास की । चूक गया गर आज फिर तु कल कहाँ से पाएगा ? खुद उठो तिनके जुटाओ , घर परिंदों का बनाने कौन आएगा ? यह जमाना है तेरे संग ज
साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता के सभी नियमों के अनुसार वीक 30 (2 मई 2022 से 8 मई 2022) के सबसे सक्रिय लेखक हैं आशीष जैन आपको शब्द.इन टीम की ओर से बधाइयां 🎊 सम्बंधित पुरस्कार आपको 1 सप्ताह के भीतर मिल
है अगर तो...चढ़नी होगी कठिन चढ़ाई।पैर रखते ही खिसकेगी जमीन।हिम्मत और सांसें दोनों ही छोड़ेंगी साथ।हथेलियों पर जमते खून को भी सहना है तुम्हें।लेकिन मज़ाक,ये तुमसे ना हो पाएगा। अरे! तुम ये करोगे,तुम जैस
किशोरावस्था में बच्चे जब ऐसी स्थिति पर होते हैं जब ना बड़ों में
कोई भी व्यक्तिप्रतिभावान हो सकता है चाहे वो किसी भी परिवेश या समाज से संबंध रखता हो। ये बातअलग है कि कहीं कहीं लोग अपने जान- पहचान वालों को ही मौका देना पसंद करते हैलेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि आपको दूसरे इंसान को अपने से कमतर आंकने का अधिकार मिलगया है। कुछ इंसानों की बहुत बुरी आदत होती है कि वो हमेशा
कुछ वर्षों पहले कीबात है सज्जनपुर में एक सेठ था जो करोड़ों कमाता था। उसने अपनी सहायता के लिए दीपकनाम के एक सचिव को नियुक्त किया था, क्योंकि सेठ की कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने सोचा क्यों नासारी संपत्ति दीपक के नाम कर दी जाए। दीपक उनके बहीखातों का हिसाब तो अच्छी तरहर
सांप सीढ़ी सिर्फखेल नहीं,जीवन दर्शन भी है.सफलता और विफलता दुश्मन नहीं, एक दूसरे की साथी है.हर रास्ते पर सांप सा रोड़ा, कभी मंजिल के बेहद करीब आकर भी लौटना पड़ता है.कभी सिफ़र से शिखर तो कभी शिखर से सिफ़र का सफ़र तय करना पड़ता है.सफलता का कोई
चिड़िया प्रेरणास्कूल का पहला दिन । नया सत्र,नए विद्यार्थी।कक्षा में प्रवेश करते ही लगभग पचास खिले फूलों से चेहरों ने उत्सुकता भरी आँखों और प
हम सभी के पास ऐसा समय होता है जब हम अपनी योजनाओं से नहीं चिपके होते हैं, हम जो कर रहे हैं उसके बारे में कुछ भी महसूस नहीं कर रहे होते, और जब हम जानते हैं कि हमें बस चलने के लिए कुछ प्रेरणा प्राप्त करने की आवश्यकता है।सामान्य प्रेरक सुझाव हमेशा बहुत मददगार नहीं होते हैं।लेकिन तीन प्रेरणाएँ हैं जो मुझ
कहते हैं न मेहनत इतनी ख़ामोशी से करनी चाहिए कि सफलता शोर मचा दे। जिन्हें सपने देखने का शौक होता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिन्हें सपना पूरा करना पसंद होता है उनके लिए दिन छोटा पड़ता है। एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते हैं. कोई काम छोटा या बड़ा नहीं
कहानी------------समय का मोल...!!अमितेश कुमार ओझाकड़ाके की ठंड में झोपड़ी के पास रिक्शे की खड़खड़ाहट से भोला की पत्नी और बेटा चौंक उठे। अनायास ही उन्हें कुछ प्रतिकूलता का भान हुआ। क्योंकि भोला को और देर से घर पहुंचना था। लेकिन अपेक्षा से काफी पहले ही वह घर लौट आया था। जरूर कुछ गड़बड़ हुई.... भोला की