हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) के जूनियर सिविल इंजीनियर पद के लिए 10 अप्रैल को हुई परीक्षा के एक सवाल पर विवाद खड़ा हो गया है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की ओर से ली गई परीक्षा के प्रश्नपत्र में सवाल नंबर 75 के उत्तर के लिए दिए तीसरे व चौथे विकल्प को लेकर ब्राह्मण समाज ने विरोध जताया है. ब्राह्मण समाज के लोग आयोग के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और एचएसएससी चेयरमैन व प्रश्न पत्र तैयार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. विवाद बढ़ता देख आयोग ने बयान जारी कर कहा है कि किसी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो आयोग उसके लिए खेद व्यक्त करते हुए इस प्रश्न को वापस लेने का निर्णय लेता है.
इस सवाल पर मचा है बवाल
सवाल : हरियाणा में कौन-सा अपशकुन नहीं माना जाता है?
(क) खाली घड़ा
(ख) फ्यूल भरा कास्केट
(ग) काले ब्राह्मण से मिलना
(घ) ब्राह्मण कन्या को देखना.
सही उत्तर : 'ब्राह्मण कन्या को देखना'
विवाद ये : क्या आयोग काले ब्राह्मण से मिलने को अपशकुन मानता है.
इस मामले में कांग्रेस विधायक करण दलाल ने कहा पिछले तीन साल से हरियाणा में बीजेपी जात-पात के नाम पर जहर फैला रही है. एचएसएससी की ओर से प्रश्न पत्र में जातिगत सवाल पूछकर नफरत फैलाने का काम किया गया है. अब समय आ गया है कि तुरंत खट्टर सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए. ये ना केवल ब्राह्मणों को बल्कि पूरे समाज को अपमानित किया गया है. जिस सदस्य या चेयरमैन का इसमें हाथ रहा है उन्हें बर्खास्त किया जाए. ब्राह्मण मंत्रियों को भी सरकार से इस्तीफा देकर अपना रोष प्रकट करना चाहिए.
ब्राह्मण समाज ने हरियाणा सरकार का फूंका पुतला
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई परीक्षा में ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी से आहत समस्त ब्राह्मण समाज ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन के तहत जहां हरियाणा सरकार व कर्मचारी चयन आयोग के खिलाफ नारेबाजी की गई, वहीं पुतला जलाकर गुस्सा भी जाहिर किया. ब्राह्मण समाज ने प्रदेश सरकार से कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो ब्राह्मण समाज राज्य स्तर पर आंदोलन करेगा.
प्रदर्शनकारी अरुण भारद्वाज, होशियारी लाल शर्मा और योगेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार एक सोची समझी रणनीति के तहत उस समाज को अपमानित कर रही है, जिसे पूरे भारत में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन के इशारे पर परीक्षा पत्र तैयार करवाया गया है, जिसमें जान-बूझकर ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी की गई है. उक्त सभी ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसी भी जाति विशेष पर टीका-टिप्पणी का अधिकार नहीं है. इस समाज को और इस समाज की कन्याओं पर इस तरह की टीका-टिप्पणी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व परीक्षा पत्र तैयार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाया तो मजबूरन सरकार के खिलाफ पूरा ब्राह्मण समाज एकजुटता के साथ आंदोलन छेड़ देगा.