दुनिया में जितने तरह के लोग, उतने तरह की उनकी डिमांड. कई बार हमें वो नहीं मिलता, जो हम चाहते हैं और ख़्वाहिश पूरी न होने पर हम अपना विरोध भी दर्ज कराते हैं. कई लोग सड़क पर कैंडल मार्च कर विरोध करते हैं, तो कुछ काम धंधा बंद कर हड़ताल पर बैठ जाते हैं. अपनी मांगों को पूरा कराने निकले लोग, उस दौरान शायद ये भूल जाते हैं कि इससे बाकि लोगों पर क्या फ़र्क पड़ेगा. सही है न?
वहीं जापान में भी बस ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं, लेकिन वैसी नहीं जैसा आप सोच रहे हैं. दरअसल, इन ड्राइवर्स ने हड़ताल के दौरान काम बंद करने के बजाये, पैसेंज़र्स से किराया न लेने का निर्णय लिया है. बताया जा रहा है कि ड्राइवर्स ने टिकट मशीन बंद कर, बस में सफ़र कर रही सवारियों को मुफ़्त सेवाएं दी.
Bus drivers in Japan are on strike... continuing to drive their routes while refusing to take fares from passengers japantoday.com/category/natio …
ऐसा करने की वजह क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, बीते 27 अप्रैल को Megurin नामक कंपनी ने बस का परिसंचालन शुरू किया था, जिसके बाद उसी रूट पर Ryobi नामक कंपनी ने अपनी बसें चलाना शुरू कर दिया. इसी के चलते Megurin ड्राइवर्स को अपनी नौकरी जाने का ख़तरा सता रहा है और वो जॉब सिक्यॉरिटी को लेकर पुख़्ता इंतज़ाम चाहते हैं.
Japan bus drivers are on strike today. Instead of not going to work, they decided to work as normal but refuse take fares from passengers. Now that’s revolutionary!
बस चालकों के अनुसार, अगर वो बस न चला कर काम बंद करने का फ़ैसला लेते, तो मैनेजमेंट उन पर ये आरोप लगा सकता था कि ड्राइवर्स को सिर्फ़ अपनी फ़िक्र है, आम जनता की नहीं. आम जनता को किसी तरह की कोई तकलीफ़ न हो, इसी लिये वो बिना किराया लिये बस चला रहे हैं.
यहां सवाल ये भी है कि अगर ड्राइवर्स पैसेंज़र्स से किराया नहीं ले रहे हैं, तो ऐसे में उनका ख़र्च कौन उठा रहा है. इसके अलावा अगर बस ड्राइवर्स शालीनता से अपनी मांगे मैनेजमेंट के सामने रख रहे हैं, तो उसका फ़र्ज बनता है कि वो ड्राइवर्स को जॉब सिक्यॉरिटी दे.