पहने खद्दर मुख में पान.
सस्मित कर अपना गुणगान.
जेब में रख सारा विभाग---
रख हर बाधा का समाधान.
हर अधिकारी से मिलने को--
----------------अपनाते हो हर हथकंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
चौकी थाना विकास खंड.
या कहीं से कोई मिला दंड.
रोजी रोजगार नौकरी हो---
या हो कोई खल उद्दंड.
हर बाधा के निरा करण का------
-----------------रखते हो उत्तम फंडा -
----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
चाहे होरी की हो मुर्गी.
कंचन कजरी या हो दुर्गी.
सब पर रखते अपनी निगाह---
हो वंशहीन भीखू की बुजुर्गी.
मान गये तो कुशल, नहीं तो-----
-----------------दिखलाते कानूनी डंडा.
----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
सुबह जल्द सजधज आ जाते.
अधिकारी को शीश नवाते.
कुछ पल उनके सम्मुख हँस-हँस---
उनकी झूठी स्तुति गाते.
फिर अभय का आशीर्वाद प्राप्त कर---
----------------खिल जाते जैसे सरकंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
सुलभ सरलता से हो जाते.
कुछ ले दे झगड़ा निपटाते.
रोटी बोटी दारू या धन---
देकर अधिकारी को पटाते.
अगर कोई अड़ियल मिल जाता--
------------------फोड़ देते उसका भंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा. .
मंत्री सांसद और विधायक.
दल का मुखिया या अधिनायक.
उपहार किसी से दिलवा कर---
सब विधि बनते उसके लायक.
हो मन मौजी मतदान पड़े तो-------
------------------रुख देख बदल देते झंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
सुख शांति जहाँ संतुष्ट हो तुम.
हो जाय क्रांति यदि रुष्ट हो तुम.
रखते सज्जन से प्रेम भाव---
अरु दुष्टों के संग दुष्ट हो तुम.
जन सभा को सफल बना दो, चाहे---
--------------------फेंकवा दो जूता अंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
देख चढ़ावा भक्त बनाते.
न व्यर्थ में अपना समय गँवाते.
संवेदन प्रतिपल परिवर्तित-----
अनुरक्त, विरक्त, शख्त हो जाते.
होते प्रसन्न तो करते निर्भय---
-------------------बिना दिये ताबीज व गंडा.
-----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा.
--------हर विभाग गाँव नगर में घूम रहे दलालों के सम्मान में-- --------निर्झर आजमगढ़ी