“कुंडलिया”
मम्मा ललक दुलार में नहीं कोई विवाद।
तेरी छवि अनुसार मैं पा लूँ सुंदर चाँद..
पा लूँ सुंदर चाँद निडर चढ़ जाऊँ सीढ़ी।
है तेरा संस्कार उगाऊँ अगली पीढ़ी॥
कह गौतम कविराय भरोषा तेरा अम्मा।
रखती मन विश्वास हमारी प्यारी मम्मा॥
महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी