माँ शारदे के चरणों में भाव शब्द रूपी पुष्प अर्पित करती हूँ.......
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आज के विषय पर रिमझिम पटल पर मेरी प्रथम प्रस्तुति......
------------तुलसी -------------
तुलसी मैया मैं तेरा, किस
विधिकरूँ पूजन अर्चन।
पाप नाशिनी पुन्य दायनी।
तुझे, मेरा शत शत नमन।
दृारे २घर आँगन, चौबारे।
तेरा पवित्र स्थान है माँ।
तुझको पूजे हर नर नारी।
पाता खुद को धनवान है।
चमत्कार हमको दिखलायें।
गुणों की तू खान है, माँ।
रोग प्रतिरोधक शक्ति तुझमें। मैया तू बड़ी महान है।
नारायण के पूजन में सदैव।
तुलसी मंगलकारी कहलाये।
रोगों से मुक्ति दिलवाये।
सेवन में हितकारी है माँ।
जहाँ हो वृंदा माँ का वास
स्थान वो वृंदावन बन जाये
तुलसी मैया का चिनंतन।
जीवन को सफल बनाता।
आओ हम सब मिलकर।
महिमा का गुणगान करें।
दीप जलायें हर क्यारी में।
श्रृद्धा से शीश नवायें हम।
-----------बीना ✏✒
------(अलीगढ़ी)
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