--------त्यौहार खुशियों का - - - - - - - -
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त्यौहारों की रौनकें चहुंओर ओर दिखने लगीं।
उत्साह उमंगों की तरंगें अन्तर्मन मन में उठीं।
मुरझायें चेहरों पे खिली खिली आई मुस्कान।
हाथों में धन कलश लिये दृारे धन्वन्तरि आये।
चन्दन लेप कटोरा लिये दर्पण में रूप नखारे।
इन्द्र धनुषी रंगों से सज गयीं दृारे दृारे रंगोली।
दीपों की कतारों से रोशन हर आँगन-
चौबारा।
झिलमिल झिलमिल करती आ गयी दीवाली।
अपने अपने दामन भर लो खुशियों की आई दीवाली।
-----------बीना,, (अलीगढ़ी)
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