दिन मंगलवार भाग 1
1/3/2022
मेरी डायरी आज फरवरी महीने का परिणाम घोषित हो गया है सभी विजेताओं को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं,आज मार्च के पहले दिन से मैं तुम्हारे सामने अपने मन में उठ रहे प्रश्नों को रखूंगी शायद तुम मेरे उन प्रश्नों के उत्तर दे सकों?अगर उत्तर न देना चाहो तो कोई बात नहीं उनको सुन ही लेना।
•••••••डायरी में हम अपने मन के उदगारों को लिखते हैं उसमें कोई भी झूठ नहीं होता। डायरी में लिखीं हुईं बातें हमारे मन में उठने वाले विचारों का समूह होता है जिसे हम आत्ममंथन करने के बाद डायरी के पन्नों पर लिखते हैं।
आज मैं तुमसे आस्था के विषय पर बात करूंगी क्योंकि किसी भी काम की शुरुआत ईश्वर की आराधना के बाद प्रारंभ किया जाता है।हम ईश्वर पर विश्वास करते हैं और यही सोचते हैं कि, ईश्वर जो करता है वह अच्छा ही होता है।यह बात बिल्कुल सही भी है कि, भगवान अपने भक्तों के साथ बुरा कर ही नहीं सकता।पर उसी भगवान ने प्रत्येक व्यक्ति को बुद्धि से नवाजा है जिसका प्रयोग उन्हें करना चाहिए। क्योंकि ईश्वर ने कर्म को प्रधान माना है उन्होंने व्यक्ति को कर्म करने की शिक्षा दी है जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है वह ईश्वर की छत्रछाया प्राप्त कर लेता है। व्यक्ति को कर्म करने की पूरी आजादी होती है पर वह कैसा कर्म करें इसका निर्देशन उसकी आत्मा और मन करता है। इसलिए हमें कोई भी कार्य बिना आत्ममंथन के नहीं करना चाहिए।
जब हमें स्वयं अपने मन की सुनते हैं उस पर विचार करते हैं तब उस पर अमल कर उसे क्रियान्वित करते हैं। ऐसा करने से हम अपने कार्य को सुचारू रूप से संचालित कर उसको अंज़ाम तक पहुंचाते हैं। यदि कभी हम किसी दुविधा में पड़ जाएं तो हमें ईश्वर की को याद करना चाहिए। वह हमारी सच्ची प्रार्थना को अवश्य सुनते हैं यदि फिर भी हम संशय से बाहर निकल में कामयाब न हों तो हमें अपने बड़े बुजुर्गो और गुरू से सलाह मशविरा करने के बाद अपने कार्य को क्रियान्वित करना चाहिए।
जो व्यक्ति ईश्वर शक्ति पर विश्वास करते हैं उनमें आस्था रखते हैं उनको कभी भी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ता।यह अलग बात है कि,सच के रास्ते पर चलते हुए उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इस विषय पर तुम्हारी क्या प्रतिक्रिया होगी मुझे जरूर बताना मैं तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा करूंगी।
आज इतना ही कल पुनः मिलती हूं।
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
1/3/2022