12/3/2022
मेरी डायरी आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि आज मेरे जीवन का सपना पूरा हुआ आज मेरे बेटे ने अपने प्रमोशन की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है अब वह असिस्टेंट अकाउंट्स आफिसर हो गया है पर मुझे अफसोस इस बात का है कि, मेरे यहां बहुत तेज आंधी चली है नेटवर्क काम नहीं कर रहा है रात भी ज्यादा हो गई लगभग रात्रि के11 बजे हैं मैं शायद डायरी आज प्रकाशित न कर सकूं कोई बात नहीं कल कर दूंगी।
आज मैं प्लेन की उड़ान विषय पर चर्चा करूंगी
मेरा मानना है कि,हर व्यक्ति ऊंची उड़ान भरने की कोशिश करता है पर सभी को अपनी मंजिल पर पहुंचने में सफलता प्राप्त नहीं होती।
कुछ का भाग्य साथ नहीं देता और कुछ को सही दिशा नहीं मिलती।
कुछ लोग अपनी क्षमता से अधिक उड़ान भरने की कोशिश करते हैं वह भी असफल हो जाते हैं।
यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है की जीतनी क्षमता शरीर में होगी हम उतनी ही मेहनत कर सकते हैं। हौसलों से उड़ान भरने में सफलता जरूर मिलती है पर उसके साथ शारीरिक मानसिक क्षमता भी आवश्यक होती है।
इसलिए हमें सपने बड़े देखने चाहिए उड़ान भी ऊंची भरें पर उसकी गति को नियंत्रित रखें तभी हम सफलतापूर्वक लैंडिंग कर सकते हैं।
इसका उदाहरण मेरा बेटा है मैं उसकी बढ़ाई नहीं कर रहीं हूं एक सत्य घटना का उल्लेख कर रहीं हूं।वह पढ़ने लिखने में बहुत तेज़ और मेहनती बच्चा था मैं चाहती थी कि,वह यूपीएससी की परीक्षा दे पर वह घर की परिस्थितियों को अच्छे से समझता था। संयुक्त परिवार होने के कारण समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था।तब उसने निर्णय लिया की वह पहले अपनी आधारशिला बनाएगा फिर आगे बढ़ने का प्रयास करेगा उसने निर्णय लिया कि, वह एस एस सी की परीक्षा देगा उसके लिए कोचिंग क्लासेज ज्वाइन करना था वह शहर से बाहर नहीं गया यहीं फैज़ाबाद में ही दिशा कोचिंग ज्वाइन किया और पहली बार में ही वह उसमें सफल रहा छः स्टेट में उसकी 7 वीं पोजीशन थी इसलिए उसे अपना स्टेट उत्तर प्रदेश मिल गया इलाहाबाद में उसने एकाउंटेंट के पद पर ज्वाइन किया आज चार बाद उसने डिपार्टमेंटल परीक्षा के नौ पेपर एक साथ पास किया।
अब वह इलाहाबाद में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी करेगा। मैंने आज बहुत बक-बक कर ली मां हूं ना मैंने अपनी खुशी को बेटे की सफलता में देख लिया। मैं यह डायरी 12 मार्च को ही प्रकाशित करूंगी नेटवर्क आ गया है।
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
,12/3/2022