16/3/2022
मेरी डायरी मैं तुमसे मिलने आ गई आज मैंने सुबह से कुछ नहीं लिखा सिर्फ़ सभी की रचनाएं पढ़ी और यथा संभव समीक्षा भी की आज प्रतिलिपि पर एक विषय पढ़ा अखबार की सुर्खियां मैंने सोचा कुछ इस विषय पर लिखूं पर पहले मुझे कुछ समझ नहीं आया कि क्या लिखूं मैं कोई बहुत बड़ी लेखिका तो हूं नहीं कि,जो विषय दिखाई दे जाए उस पर अपनी लेखनी चला सकूं
अखबार की सुर्खियों पर अगर लिखने बैठ जाएं तो कागज कम पड़ सकता है पर अखबार की सुर्खियों में आज कल होता क्या है। सिर्फ चोरी डैकती, बलात्कार, बेईमानी, धोखाधड़ी,सच कहीं दिखाई नहीं देता। कोई अच्छी ख़बर कभी पढ़ने को मिल जाती है तो मन खुश हो जाता है वैसे इस समय यूक्रेन और रूस का युद्ध दूसरे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी पर बहुत कुछ पढ़ने को मिल रहा है यह बात तो बिलकुल सत्य है यूपी में सुशासन व्यवस्था स्थापित हुई है।
पर ऐसी खबरें कभी कभी ही पढ़ने को मिलती हैं।
मेरी डायरी आज मैं तुमसे अपने मनोभावों को व्यक्त करूंगी।आज हम कहते हैं कि, औरतों को बराबरी का अधिकार प्राप्त है पर मुझे तो ऐसा नहीं लगता कि सभी औरतों को बराबरी का अधिकार प्राप्त हो रहा हो। ज्यादातर औरतें अपने मन के उदगारों को व्यक्त नहीं करती ऊपरी मन से मुस्कुराने का नाटक करती हैं। उन्हें आज भी मानसिक और भावनात्मक पीड़ा सहन करनी पड़ती है। कुछ तो आज भी शारीरिक प्रताड़ना सहन करने को विवश हैं। क्योंकि वह आर्थिक रूप से सबल नहीं हैं आज के युग में औरतों का अपने परों पर खड़े होना बहुत आवश्यक हो गया है।जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं होगी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सकता।
आज इतना ही कल फिर मिलेंगे,
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
16/3/2022