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"छोटी- छोटी बातें दिल में रखने से  बड़े -बड़े रिश्ते कमज़ोर हो जाते हैं।"  {18}    "फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर उसकी  सुंदरता को इकट्ठा नहीं कर सकते।"  {19} 

"अच्छे काम करते रहिए... चाहे लोग तारीफ करें या ना करें।  आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है.. .तब भी सूरज निकलता है।  चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है...  और इंसानों की कीमत खोने के बाद होती है

"न रुकी वक्त की गर्दिंश और न ज़माना बदला। पेड़ सूखा तो परिन्दो ने ठिकाना बदला।"  {10}    "दुःख का कारण कर्म का अभाव है।  सुख का कारण कर्म का प्रभाव है  और शांति का कारण स्वयं का स्वभाव है।"  {11}

"सकारात्मकता ऊंचाइयां छूती  है।"  {8} "मौन रहना एक साधना है  और सोच समझ कर बोलना एक कला है।"  {9}

" तिनका हुआ..तो क्या हुआ वजूद है मेरा भी। उड़ उड़ के हवा का रुख तो बताता हूं।"  {6} "न डरा ऐ वक़्त मुझे नाकाम होंगी तेरी कोशिशें। ज़िंदगी के मैदान में डटा हूँ मैं दुआओं का काफ़िला लेकर।"  {7}

"जीत उसी की होती है जो जिद पर अड़ जाता है। थपेड़ों से तूफानों के जम कर टकरा जाता है।" {3} "हर ग़लत रास्ते के जिम्मेदार हम स्वयं होते हैं... कोई दूसरा नहीं।"  {4} "क्या.. सही गलत वास्तव में हो

"जब दर्द शरीर में रच बस जाता है... तो दुख से ऊपर उठकर प्रेरणा बन जाता है।"  {1}  "वर्तमान की चौखट से झांकता भविष्य ...  वर्तमान से ही बनता अतीत अदृश्य।  परिप्रेक्ष्य से वर्तमान के बनता भूत भविष्य।

प्रेरक विचार या सुभाषित ऐसे शब्द-समूह, वाक्य या अनुच्छेदों को कहते हैं जिसमें कोई बात सुन्दर ढंग से या बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से कही गयी हो। सुवचन, सूक्ति, अनमोल वचन, आदि शब्द भी इसके लिये प्रयुक्त हो

 अपने शरणागत जीव को प्रभु हर प्रकार के अनिष्ट से बचा लेते हैं। ऐसी बात भी नहीं है कि प्रभु आश्रित जीव के जीवन में कभी कोई कष्ट ही नहीं आता। सच बात तो ये है कि प्रभु आश्रित जीव धर्म पथ का अनुगमन क

डॉ.निशा गुप्ता साहित्यिक नाम डॉ. निशा नंदिनी भारतीय का जन्म 13 सितंबर 1962 में उत्तर प्रदेश के  रामपुर जिले में हुआ था। पिता स्वर्गीय बैजनाथ गुप्ता रामपुर चीनी मिल में अभियंता थे और माता स्वर्गीय राधा

कुछ पाना है कुछखोना भी सीखेएक सांस ही आती तो एक सांस है जातीप्रकृति के नियम तो बहुत कड़े है चलना तो होगा हीपत्ते गिरते है शाखाओं से तभी नवी कोपल  फूट है पाती हैजो देता है पाता भी वही कु

रात दिन मेहनत करता, जी   भर  पीता    पानी ।तंगी में  भी  खुश  रहतामजदूर तेरी यही कहानी।औरों   की  सेवा   करतासर्दी गर्मी या बरसे प

लेखक की कलम बोलती है लेखक तो कम ही बोलते मिलेंगे

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एक अच्छे इंसान की परिभाषा क्या है?एक अच्छा इंसान हमेशा इन बातों का ध्यान रखता है।जिसे हम परिभाषा भी कह सकते है।1 *उसमें ईमानदारी, इंसानियत, मनुष्यत्व , आदि गुण भी जरूर होंगे।2 *वह अपनी सोच मात्र अपने तक ही सीमित नही रखता। अर्थात वह स्वार्थ से दूरी बनाये रखता है। दुसरो के

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सही कहा है किसी समझदार ने कि अपने तो फिर जी लेने दें लेकिन समाज में ' मैं कौन खामखां ' की मानसिकता वाले जान लेकर ही मानना चाहते हैं।माता-पिता भले ही मान लें-संतान बालिग है, अपना निर्णय लेने को स्वतंत्र है। जहां रहे खुश रहे । संतान ने भी सार्वजनिक रूप से माफ करने की गुहार लगा ली हो। भले ही अपने किए क

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संजय कुमार सुमन sk.suman379@gmail.comदोस्तो सलाहकार ये ऐसा सब्द है, जो कि हम सब के जीवन मे लागू होता है।ऐसा कोई व्यक्ति नही जिसे अपने जीवन मे किसी की सलाह की आवश्यकता नही पड़ी हो। कभी अपने व्यापार संबंधी या फिर अपने निजी जीवन संबंधी हमे

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एक सज्जन है किराये के मकान में रहते है, छोला भठूरे का ठेला लगते हैं, उसकी कमाई से गुजरा होता है, मकान का किराया 1500 रूपए है, वो बिना नागा किये हर महीने किराया भर देते हैं, ऐसा करने का गुप्त रहस्य ये है की वे रोज 50 रूपये निश्चित तारीख को एक डिब्बे में डालते जाते हैं, जो माह पूरा होते होते है 1500 र

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अकेला पन को ईश्वरीय वरदान समझे, न की कोई अभिशाप ! ईश्वरीय ज्योति पुंज मानव ! तू अकेला चल …महान व्यक्ति सदैव अकेले चलते आये हैं इस अकेले पन को अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगा दे। सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जिंदगी की महत्ता समझ इसका एक-एक क्षण भरपूर जिएँ, सदैव यही याद रखें कि दुनिया में अकेले आए थे,

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बच्चों के लिये भगवान,संसार और स्वर्ग वो माता-पिता है जो अपने बच्चों के देख-भाल और पालन पोषण की कोई कमी नही रखते ! संसार के छोटे-बड़े,अच्छे-खराब सभी तरह के विषम परिस्थितियों से उन्हें अवगत कराते है ! उनके कष्ट कम और हरने का प्रयास करते है और अनुभव से सकारात्मक संदेश दे

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