23 सितम्बर 2022
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गुरुजनों और प्रबुद्धजनों के आशीर्वाद से हर साहित्य का प्रेमी ** जन्मजात हास्य कवि *** D
सबसे पहले आपको प्रणाम 🙏🙏 . आपके सुंदर शब्द और अर्थपुर्ण रचना को दिल से प्यार 🌹🌹💐💐
बारम्बार धन्यवाद आपको💐💐
Behtreen prastuti lajwab likha hai sir
बारम्बार धन्यवाद🙏🙏
अंधविश्वास !!आस्था ने पूछा-सखी ! ये अंधविश्वास क्या है ?भक्ति मुस्कुरा कर बोली-मेरा सर्वस्व है !श्रद्धा कुहुँक कर बोली :-विश्वास का हत्यारा है !!निश्छल प्यार रोते-रोते बोली-क्रूर
माल !! ******* बाँझपन रूपी विपत्ति को, मात देकर,नारियों ने, नरों को, अपने नर्क से निकाला है ! जिन्होंने, अनगिनत नरों को, संसार रूपी कम्प्यूटर में, साफ्टवेयर सा डाला है !! अनगिनत नरों ने, नारियों से ज़ि
**जैविक खेती**कृषि प्रधान देश भारत वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और कृषकों के आय का मुख्य स्रोत खेती है । हरित क्रांति के समय से बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए आय की दृष्टि से उत
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏बचपन में संभाला मैंने, जब अपना होश !पढ़ते देख चाचा को,जगा पढ़ने का जोश !! देखने लगा उनकी, किताबें उलट-पुलटकर !तब दादाजी मुग्ध हो,आशीष दिए
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏भूखे को भोजन और प्यासे को पानी !रोगी को उपचार और स्नेहील वाणी !!बड़े-बुजुर्गों और माता-पिता को सम्मान !निर्बल को सहायता और सेवक को मान !!माँगे मदद जब द
🕉️ ॐ नमः चंडिकायै !! 🕉️ मेरे प्यारे अलबेले मित्रों ! बारम्बार नमन आपको 🙏🙏 🕉️ भक्ति शक्ति मुक्ति की देवी माता जगजननी की उपासना के प्रथम दिन मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ आपके समक्ष उपस्
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏 मित्रों ! इस दौड़ती भागती जिंदगी को आसान बनाने के लिए सन 1960 ई0 में इंटरनेट ने जन्म लिया जो कि हमारी ज़िंदगी में एक महत्त्व
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏 एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने युवाओं के विषय में समझाते हुए कहा था कि युवावस्था उत्साह,उमंग, कर्मठता, प्रयोग -धर्मिता और नवोन्मेष
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏जहरीले रसायन खेतों में डाल रहे हैं हम !तात्कालिक पैदावार बढ़ा ले रहे हैं हम !!प्रतिदिन धरती को बाँझ बना रहे हैं हम !और प्राकृतिक आपदा भी बता रहे
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏 इस डिजिटल युग में,ऑन लाइन का है बोलबाला !ऑन लाइन गेमिंग में,किशोरों ने निकाला दिवाला !!इस छलावे के चक्कर में,बनना चाहते हैं मालदार !किशोरों के सि
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏महात्मा गाँधी पर क्या दूँ अपने विचार !हिन्दुओं-सनातनियों को बना गए लाचार !!इनका पहला मंत्र बुरा मत देखो बर्खूर्दार !अपनी बहू-बेटियों संग होने दो व्यभिच
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों ! बारम्बार नमन आपको🙏🙏 🙏जय माता की🙏जय जय श्रीराम🙏 अन्धकार पर प्रकाश की, असत्य पर सत्य की, आलस्य पर श्रम की, घृणा पर प्रेम की, कटुता पर मधुरता की, दुख पर सुख की, दरिद्रता
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏परिचर्चा के लिए आज का अत्यंत हीं महत्वपूर्ण विषय है कर्म और भाग्य । रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदासजी ने लिखा -कर्म प्रधान विश्व रचि राखा । 
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏इस नश्वर संसार में, कोई नहीं है अपना । स्वार्थ पूर्ति का सभी, देख रहे हैं सपना ॥ रोजगार पाने के स्वार्थ ने मेरे जीवन में,घटा दी पछताने वाली स
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏डिजिटलीकरण से देश का,हुआ काम आसान । किसी भी दस्तावेज़ की,सुरक्षा ने भरी उड़ान ॥ कागज की बर्बादी रुकी,बचा समय और पैसा । पेड़-प
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏जैसे-जैसे कथित तरक्की का ढोल, पिटा है विज्ञान ने lआज का मानव आलसी हुआ है,अपने जीवन संग्राम में ll फाँसी देकर मर्यादाओं को,सूली चढ़ाई संस्कार
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏हर वर्ष 11 अक्टूबर को मनाते,स्त्री-पुरुष सुजान lबालिकाओं को अधिकार मिले,बालकों के समान llबालिकाएँ भी उठा सकें,अपने हित में आवाज़ ।अधिकार और सम्मान दें,
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏माता-पिता के लिए अनमोल,लड़का हो या लड़की । तन–मन-धन से पालते हैं,भरा पूरा हो या कड़की ॥ सशक्तिकरण से ही होगी,बच्चियों का समग्र विकास । लैं
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों, आपको बारम्बार नमस्कार🙏🙏 बरसाने हास्य का फुहार, जागा मेरे अंदर का कलाकार !! नखशिख सज सँवर कर चाँदनियाँ करेंगी, अपने -अपने चाँद का दीदार ! एक दूजे के प्रति प्रेम और समर्पण
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏डिजिटल निरक्षरता के कारण,बुजुर्गों की हुई ऐसी-तैसी । पकड़ रहे हैं कोना-किनारा,हुई हाल परित्यक्त जैसी ॥ वृद्धावस्था में इस कारण,पड़ रहा है प्रत
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !15 अक्टूबर 1931 को, तमिलनाडु राज्य के, रामेश्वरम् जिले के, धनुषकोड़ी गांव में, किराए पर नाव देने वाले,अनपढ़ और गरीब पिता जैनलाब्दीन औरअनपढ़ माता गृहिणी अस
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏आज की पीढ़ी के सिर चढ़ा, ऑनलाईन शॉपिंग का खुमार । हर तरह की वस्तुओं का, एक हीं पोर्टल पर है बाज़ार ॥ ऑनलाईन शॉपिंग से मित्रों,भ
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏भाभीजान पान चबाती बोलीं,जीवन में हैं अनगिनत समस्याएँ !उनको दूर करने को,आईए मिलजुल कर कदम बढ़ाएँ !!सकारात्मक बने रहना हीं, हर मनुष्य का व्यक्तिगत धर
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको 🙏🙏जब मैं दस साल का बच्चा था । तब नादान उम्र का कच्चा था ॥ दशहरा मेला घूमने को हठ किया । माई से अपनी दो रुपया पा लिया ॥ बहुत भीड़ थी म
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों ! बारम्बार नमन आपको🙏🙏 अंतस और बाहर के अंधकार को भगाने के लिए प्रकाश का त्योहार दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ एवं अशेष शुभकामनाएँ 💐💐 छल,कपट,दम्भ,निर्दयता,हिंसा,काम,