दो दिलो की है ये किस्से जो कभी अदूरी तो कभी पूरी सी रही जाने किस बात थी जो जुदा होना पड़ गया दोनो को था प्यार बहुत फिर भी दोनो हुए अजनबी सी एक ही पल में
ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।
यह एक महिला की कहानी है जो बिल्कुल अकेली है जिसके अपनों ने उसे अकेला कर दिया है क्या किसी अजनबी से उसे अपनापन मिल पाता है क्या वह अपनापन शादी तक पहुंचता है क्या शादी ही सब कुछ होती है भाई ऐसे कुछ सवालों के जवाब के साथ पढ़ते हैं कहानी आभा।
यह किताब दर्शाती है कि कैसे छोटे से गाँ का एक लड़का जिसका नाम मृदुल है भविष्य सँवारना की उम्र में उसी के गाँ की एक लड़की काव्या जो इन्दौर शहर में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही होती है, उसके प्यार में पड़ जाता है। किताब की कहानी की शुरूआत लेखक मृदुल के गाँव
कमलनयनी एक ऐसी नर्तकी की प्रेम कहानी,जिसने प्रेम के लिए अपना धन-वैभव त्यागकर केवल अपने प्रेमी के लिए तपस्या की,ऐसे प्रेमी की तपस्या की जिसने अपने परिवार के लिए कमलनयनी को ठुकरा दिया।।
मेरी किताब ग़ुंचा-ऐ-ग़ज़ल ख़ूबसूरत ग़ज़लों और शेरों का एक हसीन गुलदस्ता है। मेरी इस पुस्तक में ग़ज़लों और कविताओं द्वारा कभी सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार हुआ है तो कभी हास्य-व्यंग्य का प्रयोग कर कविताओं द्वारा मनोरंजन किया गया है। शेरों-शायरी से कभी-
मेरी किताब आरज़ू मेरे दिल में उठते हुए रंग बिरंगे जज़्बातों का आईना है अपने जज़्बात को मैंने कभी कविता तो कभी लेख के रूप में पिरोया है और कोशिश की है कि मैं अपनी रचनाओं द्वारा पाठकों का हौसला बढ़ा सकूं...... उनका मार्गदर्शन कर सकूं,,,, उदास हो तो उनक
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हुगली नदी के किनारे बसा मशहूर शहर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता । यह शहर अपने आप में ही खास है । प्रकृति ने कई खूबसूरत चीजों से नवाजा है इसे , इसकी खूबसूरती देखने लायक है । जैसे हावड़ा ब्रिज , मानसरोवर झील , विक्टोरिया मेमोरियल , बाबूघाट इत्यादि ।
कबीर तू मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकता। तूने मुझसे वादा किया था कि तू हमेशा मेरे साथ रहेगा। वो उसका कॉलर पकड़ के झंझोड़ते हुए उसे बोल रहा था "हम बचपन से साथ है फिर तू मेरे साथ ऐसे कैसे कर सकता है। तभी वो भी गुस्से में उसका हाथ अपनी कॉलर से झटकते हुऐ ब
यह पुस्तक एक कविता संग्रह है । यह पुस्तक मेरे द्वारा अनुभव किये गए जिंदगी के कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक प्रसंगों का चित्रण कविताओं के माध्यम से करने का प्रयास किया है । कवितायें मुखयतः छंदमुक्त है और सरल भाषा में लिखने का प्रया
ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कह
मेरी कलम से निकली सामाजिक तत्वों को उजागर करती कुछ नज़्में इस किताब में नज़र आने वाली हैं । जिनमें आजकल के दौर के रिश्तों को बाखूबी दर्शाया गया है । बजाय मैं खुद कुछ कहूँ इस से बेहतर यही की मेरी नज़्में औऱ कविताएं ही आप से बातें करें । सादर
मोहोब्बत को मंजिलों की तलाश होती है पर इनकी मोहोब्बत को एक दूसरे की तलाश है
इंसान का जीना ही एक रचना के जैसी होती है, कभी कविता के रूप में तो कभी कहानी के रूप में उसमे भी बिरह प्रेम छल आदि को कवि के द्वारा दर्शन किया जाता है
प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने
मैं शून्य हूँ तुम श्वाँस हो मेरे दशा की न्यास हो। तुम ज़िंदगी तुम बंदगी सुरभित समर उछ्वास हो।। मेरे दशा की न्यास हो।। उल्लास तुमसे आजकल कंचन धनक में रंग है। औचक महक कर देह संदल कर रहा हिय दंग है। मुश्किल बहुत है प्रेम में लेकिन सुगम मलमास हो। मे
भूतनाथ बाबू देवकीनंदन खत्री का तिलस्मि उपन्यास है। चन्द्रकान्ता सन्तति के एक पात्र को नायक का रूप देकर देवकीनन्दन खत्री जी ने इस उपन्यास की रचना की। किन्तु असामायिक मृत्यु के कारण वे इस उपन्यास के केवल छः भागों लिख पाये उसके बाद के अगले भाग को उनके प
प्रेम जैसे पवित्र रिश्ते पर अंकित इस कहानी में कहो तो कुछ नयापन नहीं है, और अन्य लेखकों की तरह मैं ये नहीं कहूंगा की मेरी कहानी सबसे हट के है, पर प्रेम जैसे विषय के साथ बिलकुल भिन्न कथानक पर आधारित है मेरी कहानी। सिर्फ ३ किरदारों के इर्द गिर्द घूमती
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो अनजाने से देश में अपने प्यार के लिए आयी है. लेकिन देश के सरजमीं पर कदम रखते ही उसके साथ कुछ ऐसा हुआ की उसकी ज़िन्दगी ही बदल गयी. उसकी किस्मत में कुछ और ही लिखा हुआ था . ऐसा क्या हुआ जानने के लिए पढ़े इंकार या इकरार.