भोजपुरी गीत, मात्रा भार-24, मुखड़ा समान्त- ए चिरई, अंतरा समान्त- क्रमशः खटिया,जनाना, जवानी,
"भोजपुरी गीत"
साँझे कोइलरिया बिहाने बोले चिरई
जाओ जनि छोड़ी के बखरिया झूले तिरई....... साँझे कोइलरिया बिहाने बोले चिरई
देख जुम्मन चाचा के अझुराइल खटिया
होत भिनसारे ऊ उठाई लिहले लठिया
गैया तुराइल जान हेराइ गईल बछवा
खोजटाते गली-गली हेराइल भल नथिया
मेला उहें लागल जा खियाव पान बिरई..............साँझे कोइलरिया बिहाने बोले चिरई
बारंबार कहिला की बिगड़ल जनाना
नाहिं सुख देई तुहके मुसुकी मन मखाना
मड़ई मुहल्ला प्रीत महके मधुर माटी
शिशिर हेमंत शरद ऋतु बसंत खिलखिलाना
सैंया सुधरि जा अब सयान भईल जरई........... साँझे कोइलारिया बिहाने बोले चिरई
नाहीं रहल बचपन गईल ऊ जवानी
तलवा तलैया पोखर पीय जनि पानी
छानि-छानि घूँट पीय मिलल बा भल गगरी
राम-राम, कहो राम कर जी मति नादानी
झबरा झुठरलस आज जियावन के परई........... साँझे कोइलरिया बिहाने बोले चिरई
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी