"मुक्तक"
सुखद आगमन आप का, माता महिमा प्यार।
शारदीय नवरात में, सजा मातु दरबार।
कीर्तन भजन व आरती, थाली पूजा फूल-
नमन करूँ यश दायिनी, भजन करे परिवार।।-1
मातु आगमन आप का, जल्दी हो इस बार।
भक्त मंडली कर रही, माँ तेरा इंतजार।
धूप दीप नैवेद्य है, अगर कपूरी थाल-
हाथ-हाथ में कलश जल, और फूल का हार।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी