लबो पर एहसास ए ज़िक्र का इंतज़ार है
आंखों में गहराई का इंतज़ार है
दूर से ही सही पर समझ आता है
की उनके जज्बातो को भी हमारा इंतज़ार है
मन तो हमारा भी व्याकुल है उनसे मिलन का
पर प्रेम की ऋतु का इंतज़ार ह
परमात्माप्रेम है एक अनुभूति है भगवान का अर्थ किसी व्यक्ति से नहीं है ।इसलिए यह न पूछें कि उसकी शक्ल क्या है औरवह कैसे रहता है ?भगवान से अर्थ है एक अनुभूति का ।कोई नहीं पूछता है कि प्रेम कैसा है औ