प्रस्तुत है शुद्धभाव आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण :-
https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353
(कल टेलीविजन पर काशी में हो रहे एक कार्यक्रम के सजीव प्रसारण में एक वक्ता श्री गिरीश चन्द्र त्रिपाठी जी बोले अब समय की मांग है कि संत समाधि -कक्ष से बाहर आयें ) आचार्य जी का कहना है हम लोगों को तात्त्विक चर्चा भी करनी चाहिये,तात्त्विक चर्चा में प्रश्नोत्तर अत्यन्त आवश्यक हैं और इसका कोई कार्यक्रम होना चाहिये आचार्य जी ने कल की एक घटना की चर्चा की जिसमें ओवैसी पर हमला हुआ इस तरह का हमला निन्दनीय है किसी पर गोली चलाना उसके विचारों का समापन नहीं है विचार को विचार से काटना व्यवहार को व्यवहार से जीतना और जहां संघर्ष है वहां संघर्ष करके विजय प्राप्त करनी चाहिये कहां तनबल की आवश्यकता है कहां संयम -बल की कहां विचार -बल की इसके लिये हमारे यहां सदाचार में कहा गया है श्रुतिः स्मृतिः सदाचारः स्वस्य च प्रियमात्मनः | सम्यक् संकल्पजः कामो धर्ममूलमिदं स्मृतम् | भारत वर्ष का चिन्तन कहता है यह परमात्मा की शक्ति है जो सृष्टि की रचना करती है सृष्टि कैसे बनी आदि रहस्य भौतिक विज्ञान द्वारा सुलझ नहीं सकते उसके लिये अध्यात्म ज्ञान की आवश्यकता होती है छह वेदांगों में एक है कल्प, कल्प में यज्ञ विधानों के वर्णन के साथ सूत्र ग्रन्थ भी हैं हमारा बचा हुआ साहित्य ग्रंथागार किसी भी तरह से कम नहीं है हमें इस ओर अपनी दृष्टि रखनी चाहिये | आचार्य जी चाहते हैं हम यशस्वी नागरिक बनें l