प्रवाह -पतित न हों प्रस्तुत है विश्रम्भभूमि आचार्य श्री ओम शंकर जी का (MAN WHO KNEW INFINITYश्रीनिवास रामानुजन का जन्मदिवस /राष्ट्रीय गणित दिवस ) का सदाचार संप्रेषण https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353 , संसार में विचार और विकार दोनों हैं देव हैं तो दैत्य भी हैं खाद्याखाद्य विवेक जिस पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गई हैं अपने शरीर, मन, मस्तिष्क,विचार, भाव, अपनी सब प्रकार की सांसारिक शक्तियों के साथ अपने आध्यात्मिक भावों की जागृति का आधार है भक्तों को लगा कि उनका काम केवल भक्ति है यह तो एक तरह की सद्गुण विकृति है | आत्मचिन्तन में कौन कौन से विषयवर्ग होते हैं इस पर विचार करें शरीर मन बुद्धि का संपोषण कैसे हो इनमें शक्तियां कैसे आयें समय पर आवेश कैसे आये केवल लिखा पढ़ी में ही भाव व्यक्त न हों भारतवर्ष में जब भी संकट आये तो तपस्वी साधक संत विचारक सामने आकर खड़े हो गये और उसके पश्चात् उनके पीछे भीड़ चल पड़ी आनन्द मठ के समय की स्थितियों का हम लोग विचार करें और आज भी वैचारिक युद्ध चल रहे हैं l केवल उपदेश न दें अपने अध्ययन स्वाध्याय चिन्तन और फिर क्रिया पर ध्यान दें (इदं शस्त्रं इदं शास्त्रं शापादपि शरादपि ) परशुराम का अवतार इसी तरह की परिस्थितियों में हुआ है जब ईसाई मत का बहुत तेजी से प्रसार शुरु हुआ तो 1901 में स्वामी ज्ञानानंद जी की प्रेरणा और निर्देशन में मथुरा में सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा हेतु श्री भारत धर्म महामंडल की स्थापना हुई , जिसका मुख्यालय वाराणसी में स्थापित हुआ। पहले संस्था का मुख्यालय गुरुधाम में था। वर्तमान में श्री भारत धर्म महामंडल अपने विस्तार स्वरूप में लहुराबीर (जगतगंज) में संचालित हो रहा है। जहां पर आप हैं वहां आपकी ऊर्जा फैलती दिखे दुनिया देखे कि यह कोई विशेष है इस तरह के बहुत से दीपक जब जलने लगेंगे तो दुनिया को अन्धेरा नहीं दिखाई देगा | खानपान में रस्मरिवाज में बहुत से विकार आ गये हैं जिन पर निगाह रखने की जरूरत है आचार्य जी ने इसके लिए श्री राघवेन्द्र जी जो इटकुटी गांव (पिनकोड 209831)(थाना अजगैन)उन्नाव में एक फार्महाउस बनवा रहे हैं के पिता जी कुशवाहा जी का एक प्रसंग बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपनी पुत्री के विवाह में कोई भी विदेशी तौर तरीका इस्तेमाल नहीं किया हमें किसी उद्देश्य के लिए संघर्ष करना है अध्यात्म और शौर्य का सामञ्जस्य समझें और प्रयोग
करें समय के मूल्य को समझें |