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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
आलेख

एक अच्छा परिवार एक अच्छे समाज की नींव रखता है। अच्छा समाज समूचे देश का प्रतिबिंब होता है। हमारे संस्कार और सामाजिक वातावरण से ही देश का व्यक्तित्व विश्व पटल पर दैदीप्यमान होता है।

2 पाठक
1 अध्याय
13 जनवरी 2024
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कहानी

रामभरोसे एक छोटा किसान है। दिर्ग शहर के बाहर के हिस्से में 5 एकड़ जमीन है।जिसे दुर्ग नगर निगम कानूनी रूप से अधिगृहित किये बिना अपने कब्जे में लेकर एक बगीचा बनाना प्रारंभ कर देता है। राम भरोसे इसके विरोध मेँ कै जगह गुहार लगाता है। पर कहीं उसकी सु

1 पाठक
4 अध्याय
31 जनवरी 2022
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अपरिचित

एक ग्रामीण आँचलके परिवेश में जिंदगी की तमाम मुसीबतों को बयां करती दास्तां ...

1 पाठक
1 अध्याय
13 जनवरी 2024
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काव्य - कुसुम

सामाजिक जीवन में तमाम अनुभूतियों को व्यक्त करने के कई माध्यम होते हैं। कुछ अनुभूतियां कविता के रूप में स्फुटित होकर हमारे आपके बीच बहुत कुछ कह जाती हैं। ऐसी ही कुछ अनुभूतियों को आप सब के बीच रखने का एक छोटा सा प्रयास है।

3 पाठक
4 अध्याय
14 जनवरी 2024
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कवितांजलि

जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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1 अध्याय
2 फरवरी 2022
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हल सिंह

एक काल्पनिक कहानियों की श्रृंखला लिख रहा हूं जिसमें सब कहानियां काल्पनिक है जिसका मुख्य पात्र जिसका नाम हल सिंह है जो अपनी बुद्धिमानी से हर समस्या को हल कर देता है गरीबों की हमेशा मदद करता है यदि किसी गरीब के साथ किसी प्रकार का भी गलत होता है तो अपनी

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2 अध्याय
31 जनवरी 2024
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Dr. Phool Kumar Rathee की डायरी

समाज के ज्वलंत मुद्दे।

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बस इसी की तलाश थी

हसरत जयपुरी ने कहा था कि ,’खुशी फुलझड़ी की तरह होती है थोड़ी देर के लिए चमक बिखेरती है फिर बुझ जाती है और उदासी अगरबत्ती की तरह होती है देर तक जलती है और बुझने के बाद भी कमरे में महक बिखरी रहती है।‘ इस कहानी की नायिका श्रेया का जीवन भी कुछ ऐसा ही

5 पाठक
1 अध्याय
18 नवम्बर 2023
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सफर ए शायरी

रविन्द्र सिंह शायरी संग्रह😊

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31 मार्च 2022
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साधु की धुनी "पवित्र विचार"

साधु की धुनी💎"पवित्र विचार" 🌍🔥🔥🔥🌺💥💎💥💥💦🌹        पावन रखियो हे परमेश्वर                (मेंरे) मन चित वाणी विचार ।   पवित्र संत की धुणी मे ज्यो                फरके नही कोई विकार 🔥🙏💎🌍🌱🔥😍🏵💦💥💎                हे परम पिता परमेश्वर आप सदा मुज पर दयाभाव र

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रास्ता

किसी व्यक्ति की की हुई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है उसकी मेहनत का फलों सेउसको अवश्य मिलता है

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1 अध्याय
18 फरवरी 2024
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Mithi

तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......

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 बुरा आदमी

यह एक लघु कथा है , जो यह दर्शाता है कि इंसान जो दिखता है वैसा अंदर से भी होगा यह सही नहीं है, बुरा आदमी भी अंदर से अच्छा होता है,

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भगत की बांसुरी

किताब एक गांव में रहने वाले भगत जी के इर्द गिर्द घूमती है। इसमें उनके जीवन में घटी घटनाओं और उनके बांसुरी के प्रेम को दिखाया गया है।तो कौन हैं ये भगत........ आइए जानते हैं

1 पाठक
1 अध्याय
2 फरवरी 2022
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स्पर्श

अनूदित।अनुभूतियां। संदीप शर्मा कृत।।

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11 अध्याय
3 मार्च 2024
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एक अमीर बाकी सब गरीब

कहते हैं अगर जेब में पैसा है तो सब कुछ अच्छा लगता है । लेकिन क्या हो जब पैसा इतना हो कि संभाला भी न जाए और किसी को दिया भी न जाए ? विराट जिसकी पहचान थी दुनिया के सामने नकली । आखिर क्या थी उसकी असली पहचान ? और क्यों छुपी हुई थी उसकी असली पहचान । जानने

2 पाठक
1 अध्याय
14 मार्च 2024
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मेरा बाप मेरा दुश्मन

"मेरा बाप ही मेरा दुश्मन हो गया मेरे बाप ने मेरे साथ जो किया नहीं जानती हूं मेरी जगह कोई और होती तो स्वयं आत्महत्या करने की अथवा अपने बाप का गला दबा देती।" इतना कहकर रमला बुरी तरह रोने लगी।

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0 अध्याय
3 फरवरी 2022
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खुद की तराश

मेरी किताब का "नाम ख़ुद की तराश" है। ख़ुद की तराश किताब में मैंने कुछ कविताएं लिखी हैं। मैं यह नहीं कहती कि मैं बहुत अच्छी कावित्री हूँ। मैंने अभी कविताएं लिखना शुरू किया है और मैं कविता लिखना सीख रही हूँ। यह कविताएं मेरी छोटी सी पहल हैं। मैंने अपनी

6 पाठक
5 अध्याय
8 दिसम्बर 2024
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बूढ़ी अम्मा

इस किताब में सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को दर्शाया गया है।मानव विकास तो कर रहा है,मगर रिश्तों की अहमियत को भूल रहा है।

2 पाठक
1 अध्याय
14 अप्रैल 2024
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मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज

अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है, जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है, घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है, फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,

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