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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
चर्चा के बीच

मन के भावों को कागज पर उतारती कलम

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सांध्य काकली

निरालाजी की ये अंतिम कविताएँ अनेक दृष्टियों से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं । उनके विचारों, आस्थाओं ही के सम्बन्ध में नहीं, उनके मानसिक असन्तुलन की उग्रता के सम्बन्ध में भी लोगों में बड़ा मतभेद है । उनकी इन अन्तिम कविताओं से इन विवादग्रस्त विषयों पर विचा

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कभी

वह रविवार की आम सी सुबह थी। मैं एक घंटा और सोना चाहती थी जब अचानक मेरे पति विदुर ने मेरे गाल पर थपकी दी- “अरन्या!” मैंने आँखें खोलीं। “माँ को कल रात एक आतंकवादी हमले में मार दिया गया!” मैं एक पल में उठ बैठी! “माँ”? मैं उनके चेहरे को देखते हुए दोहराय

1 पाठक
24 अध्याय
28 मई 2022
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पथ के दावेदार

पथेर दावी’ उपन्यास-सम्राट स्व. श्री शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की सर्वश्रेष्ठ रचना है। शरत बाबू के उच्चकोटि के, मौलिक, स्वदेशानुराग और देश सेवा के भावों से ओत-प्रोत होने के कारण इस उपन्यास का बड़ा महत्त्व समझा जाता है। जिस समय इस उपन्यास का प्रथम संस्क

22 पाठक
10 अध्याय
23 जुलाई 2022
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रावी पार

रवि पार लघु कथाओं का एक संग्रह है जो किसी विशेष विषय का पालन नहीं करता है बल्कि विभिन्न मानवीय भावनाओं को छूता है। इस पुस्तक की कहानियों की जड़ें भारतीय संस्कृति में हैं, लेकिन उन सार्वभौमिक भावनाओं को व्यक्त करती हैं जो क्षेत्रों, जाति और पंथ की सीम

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30 मई 2022
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घाट-84, रिश्तों का पोस्टमार्टम

एक कहानी जो सभी को अपनी सी लगती है

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पाजी नज़्में

ये गुलज़ार की नज़्मों का मजमूआ है जिससे हमें एक थोड़े अलग मिज़ाज के गुलज़ार को जानने का मौका मिलता है। बहैसियत गीतकार उन्होंने रूमान और ज़ुबान के जिस जादू से हमें नवाज़ा है, उससे भी अलग। ये नज़्में सीधे सवाल न करते हुए भी हमारे सामने सवाल छोड़ती हैं, ऐ

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30 मई 2022
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कहानी दीवाली वर्सेस ईद चौथी क़िश्त

यह कहानी की चौथी किश्त है एक खबर आती है की रायपुर से 150 किमी दर गंडई कस्बे की मस्जिद में आग लग गई। वहां फंसे लोगों को बचाने के लिए कस्बे के बहुत सारे लोग अपनी भूमिका निभाने आगे आ गए।

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1 अध्याय
27 जनवरी 2022
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पन्द्रह पाँच पचहत्तर

‘पन्द्रह पाँच पचहत्तर' की कविताएँ पंद्रह खंडों में विभाजित हैं और हर खंड में पाँच कविताएँ हैं। गुलज़ार का यह पहला संग्रह है, जिसमें मानवीयकरण का इतना व्यापक प्रयोग किया गया है। यहाँ हर चीज बोलती है-आसमान की कनपट्टियाँ पकने लगती हैं, काल माई खुदा को न

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30 मई 2022
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Toast Burst की डायरी

Toast

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31 जनवरी 2022
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रिवेंज: एन अनप्रीडिक्टेबल लाइफ

रिवेंज: एन अनप्रीडिक्टेबल लाइफ - इंट्रो सत्या सिन्हा - उम्र करीब साढ़े 21 साल। इंडियन आर्मी की बिग फैन। आर्मी में जाना इसका ड्रीम है। काफी समझदार और थोड़ी सी चुलबुली। इसको हर टाइम फालतू बात बकना ज्यादा अच्छा लगता है। ये प्रयागराज

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खुशियों का खजाना.....

खुशियों का खजाना.... कुछ बंटा... कुछ गुमा... कुछ छूटा... कुछ जमाने ने लूटा.... खुशियों का खजाना.... पास था... जब कुछ अपनों का साथ था... कैसा बेखबर.... नादान था.... सहेज कर रख नहीं पाया इस बेजोड़ थाती को... इसके अनमोल मोतियों को मन मंजूषा में.... सुरक्

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अपरा

निराला के काव्य में बुद्धिवाद और हृदय का सुन्दर समन्वय है। छायावाद, रहस्यवाद और प्रगतिवाद तीनों क्षेत्रों में निराला का अपना विशिष्ट महत्त्वपूर्ण स्थान है। इनकी रचनाओं में राष्ट्रीय प्रेरणा का स्वर भी मुखर हुआ है। छायावादी कवि होने के कारण निराला का

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पंचवटी

सन्दर्भ- प्रस्तुत पद 'हिन्दी काव्य' में संकलित एवं मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित खण्डकाव्य 'पंचवटी' से लिया गया है। प्रसंग- यहाँ कवि ने पंचवटी के प्राकृतिक सौन्दर्य का सजीव चित्रण किया है। व्याख्या- गुप्त जी कहते हैं कि सुन्दर चन्द्रमा की किरणें जल और

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कुछ लड़कों के जज़्बात, कुछ लड़कों के लिए बात

पुरुष का जीवन कुछ बाते जाने क्या कहता उसका मन कुछ उनके लिए बात समझे वो भी दूसरों के जज़्बात

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सैरन्ध्री

साहित्यकारों के लेखकीय अवदानों को काव्य हिंदी हैं हम श्रृंखला के तहत पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। हिंदी हैं हम शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- मुदित, जिसका अर्थ है प्रसन्न होना, खुशी। प्रस्तुत है मैथिलीशरण गुप्त के काव्य सैरंध्री (द्रौपदी

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मैथिलीशरण गुप्त की प्रमुख  कविताएँ

गुप्त जी कवि की यह भी अधिमान्यता है कि उसकी मातृभूमि की धूल परम पवित्र है। यह धूल शोकदार में दहते हुए प्राणी को दुःख सहने की क्षमता देती है। पाखण्डी-ढोंगी व्यक्ति भी इस धूली को तन-माथे लगाकर साधु-सज्जन बन जाता है। इस मिट्टी में वह शक्ति है जो क्रूर ह

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