ऐ पृथ्वी के मानव तुम , तेरी आवाहन मैं करती हूँ | सदा हमें सम्भाल कर रखना , तुम्हें हमेशा कहती हूँ | मैं स्वस्थ्य तो तुम स्वस्थ्य हो , तुमसे स्वस्थ्य पुर्ण संसार होगा | कर मदद सदा दुखियों का , प्रसन्न मन शांति तुम्हारा उपहार होगा | जल,वायु,आकाश,अग्नि
आमुख "ताप-परिताप"उपन्यास उदय नामक एक ऐसे लड़के की कहानी है जो स्कूली अवस्था से ही दिग्भ्रमित होकर बुरी संगति में पड़ जाता है। माता पिता के बहुत समझाने पर भी उसे कोई असर नहीं होता है। उदय के लिए उसके दोस्त माता-पिता से ज्यादा महत्व रखते हैं। थक हार कर
खो गयी हूंँ मैं, हूंँ इसी जमीं पर , पर अपनों के बीच खो गयी हूं मैं!
एक ऐसी लड़की की कहानी जो अपने प्रेमी संग घर से भाग जाती है लेकिन उसके प्रेमी का परिवार उसको नहीं अपनाता न ही उसका प्रेमी।....पर वक्त सारे पासे पलट कर रख देता है अचानक से।
एक आतंकिय घटना से प्रभावित कहानी। कुछ उपद्रुवियों क् कारण समाज की कैसी दशा हो जाती है और मानवता अपाहिज। अब्दुल के बहाने उसी समाज को यह कहानी सामने लाती है।
बर्षा रानी बर्षा रानी, आती हो तुम कितनी प्यारी। छम छम करती डम डम करती, उछल पुछल तुम दिन भर करती। अपने आंचल में तुम सबको भरती, प्रेम सदा तुम सबको करती। सबका खयाल सदा तुम रखती, प्रकृति के आंचल को ढकती। किसानों के खुशी की मुस्कान तुम बनती, फसलों की सि
लोग सिर्फ भूत-पिसाच या बुरी आत्मा नहीं डरते। कई बार उस डर से भी भयभीत रहते हैं, जो हमें यह एहसास करवाता है कि हमारे अंदर कोई कमी है। श्यामबाबू पेशे से प्रोफेसर है, वह सुख भोगना तो चाहते है, मगर उन्हें लगता है, उनके बस की कुछ नहीं है। एक कष्टदायक
बात उन दिनों की है जब लक्ष्मण सिंह पैदावार ले रहे थे , उनके पास उनके सबसे बड़े साले के उससे छोटे भाई का फोन आया, फोन उठाया ,उनकी आँखों से आँसू बहने लगे, वेसे ये बात उनकी पत्नी गंगा देवी को पता नहीं थीं। वेसे बात ये थीं कि उन्होंने बताया था कि उनकी भ
एक पिता के संघर्ष भरी कहानी जो अपने डाक्टर बनाना चाहता
इस किताब में मैने अपने अंदर के एहसासों को कविताओं के रूप में ढाला है।
ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल दे, चाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे !!
तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......
यह एक एक भिखारिन की कहानी है लोग उसका उपयोग कैसे करते हैं
राजकुमार एक बिगडैल रईस जादा है। रैश ड्राइविंग उसका शगल है। जिसके कारण वह कई लोगों को घायल कर चुका है। पर वह अपने पैसों के बल पर कानूनी कार्यवाही से बचा हुआ है। एक रात जब वह क्लब से नस्जे की हालात पर घर आ रहा था की उसकी कार से एक रिक्शा वाले को चोट
हमारे समाज में कुछ भ्रांतियां फैली हुई है। जिन्हें मैं इन लघु कहानियों के रूप में बयां करना चाहती हूं। बहुत से लोगों ने कहीं न कहीं ऐसी विवशता का सामना किया होगा। और वो अपने आप को इनसे जुड़ा पाएंगे।
मेरी ये कहानी पूर्णतया काल्पनिक है । मेरी इस कहानी में एक व्यक्ति जिसे अपने पिता की दी हुई अंगूठी से अत्यधिक लगाव होता है ,उसकी वो अंगूठी चोरी हो जाती है और वो अंगूठी चोरी का इल्ज़ाम घर की नौकरानी जिसका नाम कमला है ,उसे जेल भिजवा देता है। क्या सच मे
समय का चक्र जिस पर चलता है उसका बर्बादी निश्चित है !ऐसे भी कहा गया है "-समय का मारा क्या करे बेचारा ,बुद्धि छीन हो जाता है, कोई भी सहारा न कर पता है !एक कहानी सत राजा हरिश्चंद्र का है -जिन्हे राजा होते हुए भी एक दिन ऐसा हुआ की डोम घर बिकना पड़ा था !