आगामी विश्व पर्यटन दिवस (२७ सितम्बर, २०१५) के उपलक्ष्य में आज बात करते हैं भारत के पर्यटन प्रदेश एवं देवभूमि की प्रतिष्ठा रखने वाले उत्तराखंड की, जहां की आर्थिकी मुख्यतः पर्यटन पर ही निर्भर है.........
. प्राकृतिक पर्यटन के परंपरागत प्रतिमान :
नैनीताल, भोवाली, रामगढ, मुक्तेश्वर, भीमताल, रानीखेत, कौसानी, मुनस्यारी, लैंसडोन, देहरादून-मसूरी, धनोल्टी एवं चंबा इत्यादि.
. ऐतिहासिक पर्यटन के प्रतिरूप :
अल्मोड़ा, पाताल-भुवनेश्वर, गंगोलीहाट, द्वाराहाट, कातरमल, चंपावत, चकराता, टिहरी, कालसी एवं श्रीनगर इत्यादि.
. साहसिक पर्यटन के पर्याय :
ट्रैकिंग (मिलाम ग्लेशियर, नामिक ग्लेशियर, पिंडारी ग्लेशियर, रूपकुंड, बेदनी-बुग्याल, अलीबुग्याल, नंदा देवी, हर की दून), रिवर राफ्टिंग (कौड़ियाला से ऋषिकेश- गंगा नदी, कलियासौड़ से श्रीनगर-अलकनंदा नदी, श्रीनगर से बगवान-अलकनंदा नदी, हर्षिल से उत्तरकाशी-भागीरथी नदी, मातली से डुंडा-भागीरथी नदी, धरासू से छाम-भागीरथी नदी, जांगला से झाला-भागीरथी नदी, भाल्डियाना से टिहरी-भागीरथी नदी, घनसाली से गडेलिया-भिलंगना नदी, वडाकोट से लाखामंडल-यमुना नदी, मोरी से त्यूनी-टौंस नदी), पैरासाइक्लिंग एवं पैराग्लाइडिंग (नौकुचियाताल, पिथौरागढ, ऋषिकेश, मसूरी, प्रतापनगर, देहरा-बुग्याल, बेदनी-बुग्याल, धनोल्टी, कालसी), स्कीइंग (औली) इत्यादि.
. धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन के धाम :
हरिद्वार, ऋषिकेश, चारधाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ), पंचप्रयाग, पंचकेदार, पंचबद्री, हनोल, हेमकुंड साहिब, नानकमत्ता साहिब, रीठासाहिब एवं कलियर शरीफ़ इत्यादि.
. वन्य-जीव पर्यटन के वैश्विक आकर्षण :
फूलों की घाटी, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, राजाजी नेशनल पार्क, बिनसर वन्य-जीव विहार, नंदा देवी वन्य जीव विहार, केदारनाथ वन्य-जीव अभ्यारण्य इत्यादि.