नव-वर्ष
के नव-श्रृंगार भरे माहौल में मन के मेले का आगाज़ हो गया है | जी हाँ, धर्मनगरी हरिद्वार
में में हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ 1 जनवरी से आरम्भ हो गया है अर्धकुंभ-2016
का जो 30 अप्रैल तक समाप्त होगा | मान्यतानुसार पौराणिक समुद्र-मंथन के बाद निकले दिव्य
अमृत की बूँदें पृथ्वी पर 4 स्थलों- प्रयाग (इलाहाबाद), नाशिक, उज्जैन और हरिद्वार में गिरीं थीं, जिसके
कारण इन स्थलों को कुंभनगरी की संज्ञा दी जाती है | विश्वभर में जन-समूह के इस सबसे
बड़े धार्मिक-आयोजन में आइये आप भी शामिल होइए और आध्यात्मिक शांति का अहसास कीजिये
| निःसंदेह आपके लिए यह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा....
एक नज़र अर्धकुंभ-2016 (हरिद्वार) के प्रमुख स्नान-तिथियों पर :
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14 जनवरी : मकर संक्रांति
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12 फरवरी : बसंत पंचमी
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22 फरवरी : माघ पूर्णिमा
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7 मार्च : महाशिवरात्रि
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7 अप्रैल : चैत्र अमावस्या
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8 अप्रैल : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
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14 अप्रैल : मेष संक्रांति
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15 अप्रैल : राम नवमी
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22 अप्रैल : चैत्र शुक्ल पूर्णिमा