देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक शहर हरिद्वार में
इस समय अर्धकुंभ का मेला चल रहा है| अर्धकुंभ में अगर आप भी हरिद्वार जाने वाले हैं
तो हर की पैड़ी में गंगा स्नान एवं आरती के साथ ही यहाँ मां मन्शा देवी मंदिर का
पावन दर्शन करने भी अवश्य जाइए जहां निश्चय ही आपको आध्यात्मिक शांति मिलेगी|
बिल्व पर्वत पर विराजमान हरिद्वार के पञ्चतीर्थों में से एक ‘बिल्वतीर्थ’ के नाम
से भी मशहूर इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं देवी शक्ति, दुर्गा या मां पार्वती
का अन्य स्वरुप मां मन्शा देवी जिनकी पौराणिक उत्पत्ति भगवान शिव के मन-मष्तिष्क
से मानी जाती है| इसी कारण इनका नाम मन्शा देवी पड़ा| इसके साथ ही कुछ जानकार
इन्हें नाग वासुकी की बहन के रूप में भी पूजते हैं| मनसा शब्द मन्शा का अपभ्रंश है
जिसका अर्थ है इच्छा| इसलिए समस्त इच्छाओं या मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी
के रूप में भी मां मन्शा देवी के दर्शन हेतु देश-विदेश से भक्त-गण यहाँ सहज ही
खिंचे चले आते हैं| रोप-वे (मन्शा देवी
उड़नखटोला) द्वारा यहाँ आप आसानी से पहुंच सकते हैं|