देवी
दुर्गा का अन्य प्रतिरूप मां गर्जिया का यह पवित्र मंदिर विश्वप्रसिद्ध कॉर्बेट
टाइगर रिज़र्व के मनोरम वन्य-क्षेत्र में स्थित है | कॉर्बेट का प्रवेश-द्वार रामनगर
क़स्बा जो नैनीताल जनपद का हिस्सा है से इस मंदिर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है | उल्लेखनीय
है कि नैनीताल से लगभग 63 किलोमीटर दूर रामनगर से कॉर्बेट-पार्क के केंद्र ढिकाला जाने
वाली रोड पर कोसी नदी के किनारे एक पहाड़ी पर विराजमान इस अति सुन्दर मंदिर के
गर्भ-गृह में विराजमान मां गर्जिया का पावन दर्शन करने के लिए भक्तों को लगभग 67 सीढियां चढ़नी होती हैं | गर्जिया पहाडी से कुछ दूर भैरव जी का भी
मंदिर है जिसे प्रेतराज का मंदिर कहा जाता है | जन-मान्यता है कि कोसी नदी की बाढ़
में बहकर आई एक पहाड़ी को प्रेतराज ने ही रोककर इस मंदिर में मां गर्जिया को
प्रतिस्थापित किया था इसीलिये भक्त प्रेतराज के नाम से मां गर्जिया को प्रसाद के
रूप में खिचड़ी चढ़ाते हैं | जनश्रुति है कि प्रसाद चढाने से भक्त की हर मनोकामना
पूर्ण होती है | साथ ही वैवाहिक जोड़ों द्वारा मां गर्जिया के दर्शन से उनका जीवन
सुख-शांति से बीतने की भी यहाँ लोकप्रिय स्थानीय मान्यता है | ज्ञातव्य है कि यह
वही स्थल है जहां ऋषी विश्वामित्र एवं राजा विराट ने कठिन तप कर देवी से मनचाही
सिद्धियाँ हासिल की थीं | वहीं मंदिर परिसर में ही कत्युरी वंश का लगभग 10-11 वीं शताब्दी का
बना श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर भी अति दर्शनीय है |