भारत में हर मौसम के लिए इतने पर्यटन स्थल हैं कि हमें किसी और देश में जाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी | भारत में सामुदायिक विविधता भरे इन पर्यटन स्थलों की संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन और सुन्दरता इन्हें ख़ास बनाती है | आइये एक नज़र डालते हैं, भारत के ऐसे ही कुछ चुनिंदा पर्यटन प्रदेशों, केन्द्रशासित राज्यों पर........
-
सिक्किम:
छुपे स्वर्ग की भूमि
सिक्किम भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का वह खूबसूरत राज्य है, जहां विश्व की तीसरी
सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी कंचनजंघा का विहंगम नज़ारा दिखाई पड़ता है | अपनी विशिष्ट
संस्कृति, महान मठों, जैव विविधता तथा प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण सिक्किम पूर्णतः
पर्यटन पर आधारित राज्य है, जहां नामची स्थित गुरु रिनपोछे की ३६ मीटर ऊँची दुनिया
में किसी भी संत की सबसे ऊँची मूर्ति है | सिक्किम की राजधानी गंगटोक है, जहां
पहुँचने के लिए बागडोगरा, जलपाईगुड़ी तथा दार्जीलिंग से उत्क्रिस्ट परिवहन सेवा
उपलब्ध है | सिक्किम स्थित युमथांग “पूर्व का स्विट्ज़रलैंड” की ख्याति रखता है |
सिक्किम में आर्किड्स के साथ ही अन्य पादप प्रजातियों की उत्कृष्ट श्रृंखला पायी
जाती है | तीस्ता एवं रंगीत नदिओं वाला सिक्किम साहसिक पर्यटन का भी एक उम्दा
केंद्र है | मूलतः यह राज्य पर्यटन पर ही आधारित है, जहां पर्यटन के कारण लाखों रोज़गार
स्वतः ही सृजित हुए हैं ।
-
गोवा:
पर्यटन और गोवा एक-दूसरे के
पर्याय हैं | शायद ही कोई पर्यटक होगा, जो गोवा-भ्रमण की इच्छा न रखता हो | गोवा
की पूरी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर है | अगर पर्यटन आधारित रोज़गार के
असीमित अवसरों को प्रत्यक्ष देखना चाहें तो सागरतटीय गोवा राज्य जरुर पधारें |
गोवा में विभिन्न ऐतिहासिक गिरिजाघरों की लम्बी सूची है | साथ ही यहाँ विभिन्न
त्योहारों की धूम भी बस देखते ही बनती है | जिंदादिल गोवा का नृत्य-संगीत, व्यंजन
सभी मशहूर है विशेष कर यहाँ की नाईट-लाइफ | वहीं सागर के सुन्दर तटों का नज़ारा
गोवा को एक उत्कृष्ट पर्यटन केंद्र का दर्ज़ा स्वतः ही प्रदान करता है, जहां
पर्यटकों की बढती आवक के साथ ही रोज़गार की ढ़ेरों संभावनाओं में भी भारी वृद्धि
बढती ही जा रही है |
-
उत्तराखंड:
देवभूमि उत्तराखंड की
आर्थिकी प्रमुखतया पर्यटन पर ही आधारित है | नयनाभिराम हिमालय की गोद में बसा यह
सुन्दर राज्य धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है, जहां यमुनोत्री, गंगोत्री,
केदारनाथ तथा बद्रीनाथ धामों के अलावा ऋषिकेश एवं हरिद्वार जैसे सुविख्यात स्थल
हैं | गौरतलब है कि पर्यटन की महत्ता और इससे उत्पन्न रोज़गार की सम्भावनाएं जनवरी
से अप्रैल, २०१६ में कुंभनगरी हरिद्वार में प्रस्तावित अर्धकुम्भ मेले में आप सहज
ही देख सकेंगे | साथ ही उत्तराखंड में अब चारधामों की शीतकालीन यात्रा यमुनोत्री
हेतु खरसाली, गंगोत्री हेतु मुखबा, केदारनाथ हेतु उखीमठ तथा बद्रीनाथ हेतु जोशीमठ
भी पर्यटन में अवसरों की प्रतिबद्धता स्वतः ही दर्शा रहा है | इन स्थलों के साथ ही
नैनीताल, मसूरी, कौसानी, लैंसडोन इत्यादि पर्यटन आकर्षणों के कारण उत्तराखंड में
बड़े पैमाने पर पर्यटकों की आवक के मद्देनज़र यहाँ रोज़गार के अवसर निरंतर बढ रहे हैं
|
-
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह:
बंगाल की खाड़ी में अवस्थित
यह केन्द्रशासित प्रदेश अपने शांत सागर-तटों की बेमिसाल सुन्दरता, साहसिक
जल-क्रीडाओं तथा अद्भुत जलीय संसार के दीदार के कारण पूरी दुनिया में तेजी से
लोकप्रिय हो रहा है | विभिन्न द्वीपीय स्थलों के उलट यहाँ के सागर-तटों में
व्याप्त नीरवता आपके मन-मस्तिष्क को तरो-ताज़ा कर देती है, यही कारण है कि वर्ष भर
यहाँ सैलानिओं का रेला उमड़ा नज़र आता है | यहाँ की अर्थव्यवस्था भी मूलतः पर्यटन पर
ही आधारित है | सेलुलर जेल, महात्मा गांधी मैरीन नेशनल पार्क, अंडमान वाटर
स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, मिनी जू, कार्बिंस कोव, चिड़िया टापू, वानदूर सागर तट,
समुद्रिका तथा हैवलॉक स्थित राधानगर सागर-तट औरर सबसे बढकर जलीय साहसिक पर्यटन के
कारण यहाँ बड़े पैमाने पर पर्यटकों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी हो रही है, जिससे
यहाँ पर्यटन में रोज़गार की संभावनाएं भी उत्तरोत्तर फल-फूल रही हैं |
-
लक्षद्वीप:
अरब सागर में बसा भारत का
यह केन्द्रशासित प्रदेश अपने कोरल द्वीपों, लाइटहाउसेस, मछलिओं की विशिष्ट
प्रजातिओं, एकान्तमय सुन्दर सागर-तटों तथा बेहिसाब प्राकृतिक सुन्दरता के कारण
पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में शामिल है, जहां स्कूबा डाइविंग, विंड सर्फिंग,
कयाकिंग, सर्फिंग, कैनोइंग, वाटर स्कीइंग इत्यादि वाटर स्पोर्ट्स का भरपूर मज़ा
लिया जा सकता है | नाईट समुद्री यात्रा के कारण भी इसकी ख्याति है | अमूमन मानसून
को छोड़कर वर्षभर क्रूज़ के जलीय मार्ग पर अवस्थित होने के कारण लक्षद्वीप पर्यटकों
के बीच तेजी से अपनी पैठ बना रहा है, जहां की आर्थिकी भी पर्यटन के कारण ही प्रगति
की ओर निरंतर अग्रसर है |
-
पुदुचेरि:
भारत में फ्रेंच संस्कृति
का प्रतीक स्तम्भ है केन्द्रशासित प्रदेश पुदुचेरि | शान्तमय पुदुचेरि बेंगलुरु
तथा चेन्नई का प्रिय सप्ताहांत पर्यटन गंतव्य है, जहां श्री अरबिंदो आश्रम, ऑरोविले
टाउनशिप, फ्रेंच वार मेमोरियल, महात्मा गांधी स्टेच्यू, डुप्लेक्स स्टेच्यू, पार्क
स्मारक, विभिन्न म्यूजियम, बोटैनिकल गार्डेन, ऑसटेरी लेक तथा नेशनल पार्क, साइंस पार्क,
भारती पार्क जैसे उत्कृष्ट दर्शनीय स्थल मौजूद हैं | साथ ही यहाँ विभिन्न ऐतिहासिक
हिन्दू मंदिर, मस्जिद तथा गिरिजाघर भी अवस्थित हैं | वहीं वार मेमोरियल से डुप्लेक्स
पार्क के बीच फैला तथा बंगाल की खाड़ी से लगा प्रोमिनेद सागर-तट या पांडिचेरि
सागर-तट यहाँ का खास आकर्षण है | निश्चित रूप से यह केन्द्रशासित प्रदेश पर्यटकों
की अच्छी आवक के कारण पर्यटन को अपनी अर्थव्यवस्था का मूल आधार मानकर निरंतर
प्रगति पथ पर गतिशील है |
-
दमन और दीव:
पुर्तगाली संस्कृति का
प्रतीक स्तम्भ है यह केन्द्रशासित प्रदेश | गुजरात में वापी से लगभग ७ किलोमीटर
दूर स्थित अपने सागर तट, पुर्तगाली स्थापत्य कला, गिरिजाघरों तथा जुड़वां शहर, नानी
दमन-मोती दमन की प्राकृतिक सुन्दरता के कारण प्रसिद्ध है | वहीं गुजरात के
सौराष्ट्र क्षेत्र से सता दीव अपनी नीरवता भरे सागर-तटों, दीव फोर्ट तथा
गिरिजाघरों के लिए मशहूर है | इस केन्द्रशासित राज्य की आर्थिकी भी पर्यटन पर
आधारित है, जो रोज़गार का प्रमुख आधार है |
-
दादरा और नगर हवेली:
महाराष्ट्र एवं गुजरात के
बीच पश्चिमी भारत का यह केन्द्रशासित प्रदेश अपनी पुर्तगाली संस्कृति, गिरिजाघरों
तथा वन्य संपदा के लिए मशहूर है, जहां की राजधानी है सिलवासा, जो अपनी वर्ली
संस्कृति, प्राकृतिक सुन्दरता तथा सुरम्य बाग़-बागीचों के लिए जाना जाता है | इस
केन्द्रशासित प्रदेश की आर्थिकी में भी पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें
रोज़गार के असीमित अवसर मौजूद हैं |