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शापित संतान भाग 10

19 जून 2023

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शिवा  चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।

वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के कमरे के पास से गुजर रही थी तो मामी के मामा से झगड़ने के तीव्र स्वर आ रहे थे -" ऐसा कब तक चलेगा !! जब छुट्टी हो तब माँ और बेटी मुँह उठाकर चल देती हैं ,, मैं तंग आ गई हूँ ,,, इस सबसे !"

" चेतना ,छुट्टी में इंसान अपनों के ही घर जाता है और वो तो मेरी दीदी व भांजी हैं ,, और इस बार तो दीदी आई भी नहीं हैं !!" 

उसे बहुत जोर रोना आया था और वो कमरे में जाकर सिसकते हुए माँ को फोन मिलाकर धीमे स्वर में कहने लगी थी -"माँ एक बात बताओ ,मैं तुम्हारी शापित संतान हूँ क्या जो तुम मुझे मेरे ही घर से दूर रखे हो !!माँ मुझे अपने घर आना है !!"
नानी उसे खोजते हुए आई थीं और उसे रोते देख लिया था मगर कुछ बोली न थीं ।
फिर जब वो वापस जाने को थी उसके कुछ क्षण पूर्व नानी ने उसे अपने पास बुलाकर कहा था -- शिवा ऐसा नहीं है कि मुझे कुछ सुनाई न देता या दिखाई न देता है मगर मैं क्या करूँ ,हम बुड्डे बुड्डी को दो समय की रोटी चेतना ही देती है ,कुछ कहेंगे तो वो भी मिलनी बंद हो जाएंगी ।तू यहाँ आती रहना ,कम से कम तब तक जब तक हम बुड्डे बुड्डी जीवित हैं ।

शिवा भीतर गई तो उसके नाना जी ने उसे देखकर कहा -"अरे ,मेरी शिवा आ गई !!" 
शिवा ,नाना जी से अभिवादन कर अपना सामान भीतर रखने चली गई फिर वापस आकर वो नानी व नाना के पास बैठ गई ।
मामी बेमन से उसे चाय व नाश्ता परोस रही थीं , और वो प्रतीक्षा कर रही थी कि मामी अकेले मिलें तो उनसे पूछूँ कि कानपुर में मेरा घर कहाँ है,मुझे वहाँ क्यों न माँ बुलाती हैं !!

शाम का समय था ।शिवा मामी के कमरे में गई तो वो कपडे़ तह कर रही थीं ।शिवा उनके सामने जाकर बोली -" मामी मैं जानती हूँ कि आप मुझे पसंद नहीं करती हैं ,मामी मुझे बता दीजिए कि कानपुर में मेरा घर कहाँ है ,मेरी माँ मुझे मेरे ही घर क्यों न बुलाती है ?आप बता दो तो मैं चली जाऊँ या मामा से कहकर मुझे कानपुर भिजवा दीजिए ,मैं फिर कभी आपको तंग करने न आऊँगी पर मुझे बता दीजिए कि कानपुर में मेरा घर कहाँ है, किस वजह से मुझे मेरे ही घर जाने को न मिल रहा है !!" 

चेतना कपडे़ तह करते हुए रूखेपन से बोली -" मुझे नहीं पता !!मुझे तुम्हारे मामा ने बस इतना बताया था कि तुम कानपुर में रहती हो बस ,,।" 
चेतना का उत्तर सुनकर शिवा जाने को मुडी़ ही थी कि उसे सामने से अपने मामा आते दिखाई दिए ,, 
शिवा ने उन्हें रोककर कहा -"मामा मुझे आपसे कुछ बात करनी है ।"

शिवा के मामा समझ गए कि ये क्या पूछना चाहती है और बोले -"चलो बाहर चलकर  बात करते हैं "और वे शिवा को लेकर एक काॅफी शाॅप में आ गए और दो काॅफी मँगाकर एक शिवा के सामने रखकर दूसरी से सिप करते हुए बोले -"बोलो ,क्या बात करनी है ?"

"मामा मुझे कानपुर अपने घर जाना है , मुझे मेरे ही घर क्यों न जाने दिया जाता है !!मैं जानना चाहती हूँ कि मुझे किस अपराध की सजा मिल रही है जो मुझे मेरे ही घर से दूर रखा जा रहा है ,, मुझे घर जाना है ,,घर जाना है"शिवा कहते कहते फफक फफक कर रोने लगी और  विशाल उठकर शिवा से थोडी़ दूर पर जाकर किसी को फोन मिलाकर बात करने लगा ।

बात करने के बाद विशाल आकर शिवा के पास बैठकर बोला -"सामान रख लेना ,कल हम कानपुर चल रहे हैं ।" और शिवा खुश होकर मामा के साथ वापस आकर अपना सामान रखने लगी थी ।अगली सुबह शिवा  मामा के साथ बस में कानपुर जा रही थी ।
अपनी आदतानुसार शिवा खिड़की की तरफ बैठी ,खिड़की से बाहर देखते हुए सोच रही थी -आखिर अपने घर कानपुर जा रही हूँ ,अब वहाँ जाकर पता करूँगी कि मुझे मेरे ही घर से क्यों दूर रखा गया !घर में कौन-कौन है!मेरे पापा कौन हैं !! सारे प्रश्नों के उत्तर लूँगी मैं ।

जिस चीज को दिल से पाना चाहो उसे पाने का समय बहुत लम्बा लगता है और जिससे दूर भागना चाहो वो चीज़ आपसे जैसे पीछा ही न छुडा़ना चाहती ।

शिवा भी सोच रही थी कि कानपुर जल्दी क्यों न आ रहा है !!

सोचती हुई शिवा के मुँह से निकला -कब आएगा कानपुर !! और बस में यात्री उसकी तरफ देखकर मुस्कुराने लगे और एक यात्री ने कहा -"बस थोडी़ ही दूर बचा है ।"

कानपुर को तो आना ही था सो आ गया ।विशाल शिवा को लेकर बस से उतरा और घर के लिए आटो करके शिवा को लेकर उसके घर चल दिया ।
आटो तेजी से गंतव्य की ओर भाग रहा था और शिवा के हर्ष का ठिकाना न था ।
देखते ही देखते शिवा का घर आ गया ।



"बस !बस! यहीं रोक दो !" शिवा के मामा ने आटो वाले से कहा और आटो वाले ने आटो रोका ।शिवा के मामा आटो वाले को रुपए देने लगे और शिवा घर की तरफ देखने लगी - एक छोटा सा लोहे का गेट लगा हुआ था और उससे अंदर का  पतला ,लम्बा बरामदा दिख रहा था और बरामदे में घर का मुख्य दरवाजा था ।

"आओ शिवा ।" शिवा के मामा ने उसके बैग आटो से उतारकर पकडे़ हुए शिवा से कहा और आगे बढ़कर एक हाथ के बैग रखकर वो लोहे का गेट खोला और भीतर गए।शिवा भी उनके पीछे -पीछे देखती हुई बढी़  - लोहे के गेट के अंदर प्रवेश करते ही पतला सा खुला परिसर था जिसमें एक तरफ एक चापाकल लगा हुआ था और दूसरी तरफ कुछ गमलों में दिखने में आकर्षक पेड़ लगे हुए थे। 
उस परिसर के बिलकुल बीच में तीन सीढियों के बाद पतला और लम्बा बरामदा था ।बरामदे में चार कुर्सियां व उनके बीच एक मेज पडी़ हुई थी और बरामदे में ही घर का मुख्य दरवाजा था जिसके ऊपर व्हील चैम लगा हुआ था जो हवा से हिलकर वातावरण में एक मधुर संगीत उत्पन्न कर रहा था ।
घर के मुख्य दरवाजे के पास ही एक बडी़ खिड़की लगी थी जिसपर पर्दा पडा़ हुआ था ।.........शेष अगले भाग में।

Papiya

Papiya

शानदार तरीके से आपने शब्दों को पंक्तिबद्ध किया है।

21 सितम्बर 2023

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रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
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शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
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भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

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शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
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"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
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"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

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शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

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शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
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इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

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शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
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"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

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शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
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"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

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शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
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कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

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शापित संतान भाग 10

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शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
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शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

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शापित संतान -भाग 12

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श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

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शापित संतान -भाग 13

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" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

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शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
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शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

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शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
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शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

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शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
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मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

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शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
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सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

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शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
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"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

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शापित संतान -भाग 19

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अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

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शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
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गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

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शापित संतान -भाग 21

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सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

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शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

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छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

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