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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023

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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है ,  मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी  सारी शिक्षा हुई । मेरे नाना,मामा तो मुझसे मिलने आते ही रहते थे ।

मैं अपनी शिक्षा पूरी करते बडी़ हो रही थी और मुझे समझ न आता है कि जब भी मेरी छुट्टियां होती थीं तब  मैं से माँ घर आने को कहती मगर माँ हर बार मुझसे यही कहतीं कि तू नानी के यहाँ पहुँच मैं वही आ रही हूँ और मामा मुझे लेने आते और ननिहाल ले जाते थे । मैं  आज तक कभी भी अपने घर कानपुर न गई! मुझे तो पता भी नहीं है कि कानपुर में मेरा घर कहाँ है !!"

"अच्छा !! तूने कभी भी अपनी माँ से पूछा नहीं कि मुझे कानपुर क्यों न आने देती हो ?? और तुझे फिर किसने बताया कि तेरा घर कानपुर में है ??" अनन्या ने हैरानी से भौहें चढा़कर अपने एक हाथ को अपने गाल पर रखते हुए शिवा से पूछा ।

" माँ से तो जब भी कुछ पूछती थी तो वो इधर इधर की बातें करके मेरी बात को टाल ही देती थीं पर एक बार मैं अपने मामा के साथ घूमने जा रही थी तब मैंने अपने मामा से पूछा पर वो भी पहले कुछ भी बताने से इंकार ही करते रहे मगर जब मैं जिद पर अडी़ रही तब बस इतना बताया कि तुम्हारा ददिहाल कानपुर में है मगर कहाँ ये नहीं ही बताया ।
मैं तो ये भी न जानती कि मेरे ददिहाल में कौन -कौन है ! मेरे पापा कौन हैं !! बाबा का तो अब चेहरा भी मुझे याद नहीं है !!" शिवा ने मायूसी से अनन्या को बताया ।

"अच्छा ,,, जानती हो मेरी माँ का मायका कानपुर में है पर मुझे भी हैरानी होती है कि जब से मैं समझने वाली हुई तब से मैंने माँ को मायके जाना तो दूर की बात है ,,मायके की चर्चा भी उनके मुँह से कभी न सुनी !! 
मैं भी न जानती कि कानपुर ,मेरे ननिहाल में कौन -कौन है ?? और माँ ननिहाल की चर्चा तक  क्यों न करती हैं ,,  मैंने भी पापा से  बहुत बार पूछा तब उन्होनें बस इतना ही बताया कि तुम्हारा ननिहाल कानपुर में है ।" अनन्या ने शिवा से कहा 
"यार कानपुर में ऐसा क्या है जो न मेरी माँ मुझे वहाँ जाने देती है और न तुम्हारी माँ वहाँ का नाम तक लेती है !!" शिवा ने हैरानी जताते हुए अनन्या से कहा ।

"कहीं कानपुर की सीमा प्रारंभ होते ही कोई भूत बँगला तो न पड़ता है !" हा हा हा हा 
अनन्या ने बुक्का फाड़कर हँसते हुए और अपने हाथों से ताली पीटते हुए शिवा से कहा ।
"कुछ भी !!" शिवा ने सिर हिलाते हुए कहा और अनन्या की तरफ करवट करके लेट गई।

अनन्या भी लेट गई और कमरे की छत की ओर शांत होकर देखने लगी ।कुछ क्षण पश्चात अनन्या कमरे की छत की ओर ही देखते हुए शिवा से बोली -" यार उन रिक्शेवाले बाबा को इस उम्र में कितनी मेहनत करनी पड़ती है तब जाकर उन्हें रुपए मिल पाते हैं ।"

"हाँ ,वही तो !!" शिवा बोली ।
दोनों की बातें शुरु चाहे जहाँ से हों पर घूमफिर कर दोनों की बात उस बुजुर्ग रिक्शे वाले बाबा पर ही आकर खत्म होती थी।

रजनी ने अपने नाखूनों से अँधकार खुरच-खुरच कर आसमान में भोर का उजाला फैला दिया था । चिडियों ने चहचहाकर उन दोनों के लिए नित्य की तरह अलार्म का काम किया था और दोनों उठकर नित्य क्रियाओं से निपटकर,नाश्ता करके काॅलेज के लिए तैयार हो रही थीं।

"अरे शिवाआआआ,,, अनन्याआआआ !!" ऊपरी मंजिल से मकान मालकिन शुभ्रा ने शिवा और अनन्या को आवाज दी ।
मकान मालकिन शुभ्रा के कोई संतान न थी ।उनके पति भी अपने व्यापार के सिलसिले में ज्यादातर बाहर ही रहते थे और शुभ्रा पूरा दिन अकेले ऊबा करती थी तो उसने अपने घर में किराएदार रखने का सोचा पर मन में ये भी था कि पता नहीं कैसे किराएदार मिलें ,,,  फिर कुछ सोचा और घर के दरवाजे पर बोर्ड लगा दिया -काॅलेज जाने वाली लड़कियाँ किराए पर रहने हेतु संपर्क करें ,रहने के साथ भोजन की व्यवस्था भी उपलब्ध है और पलकें बिछाए राह देखने लगीं कि कोई लड़कियाँ आएं और उनके रहने से उन्हें ये अहसास न हो कि वे अकेली हैं ,, घरेलू लड़कियां मिलें जो मिलनसार हों तो पौ बारह हो और ईश्वर ने उनकी सुनकर पहले शिवा को और फिर अनन्या को भेज दिया ।
इन दोनों का व्यवहार उन्हें इतना भाया कि घर के बाहर लगा बोर्ड उतार कर रख दिया ।अब उन्हें किसी और की आवश्यकता ही न थी ,उनके अकेलापन इन दोनों की उपस्थिति के अहसास भर से ही दूर हो गया था ।
एक रसोंइया तो लगा ही रखा था जो दोनों समय का भोजन,नाश्ता बनाता, बर्तन साफ करता , नीचे की साफ-सफाई करता था ।ऊपर मंजिल की साफ-सफाई शुभ्रा स्वयं करती थी ।

"हाँ काकी !" शिवा अपने बालों में कंघी करती हुई कमरे से निकलकर आँगन में आकर ऊपर छज्जे की तरफ देखते हुए बोली।
"शिवा , तुम दोनों काॅलेज से लौटते में क्या मेरे कपडे़ ले आओगी !! मैंने सिलवाने को दिए थे ,आज मिलने हैं ,,, वो जो  निराली बस्ती में शाँति मार्केट है,, वहीं सोमराज दर्जी की दुकान से लाने हैं ,, ला सको तो रसीद दे दूँ ,, रुपए मैं पहले ही दे आई थी ।" मकान मालकिन शुभ्रा ने अपना पल्लू हाथ में पकडे़ हुए नीचे देखकर  शिवा से कहा।
"आहाआं काकी ,, ले आऊँगी ,आप रसीद दो ।" शिवा ने हल्की मुस्कान लाकर कहा और शुभ्रा अंदर जाकर रसीद ले आई और सीढियों से उतर कर शिवा के हाथ में थमा दी।
शिवा रसीद लेकर कमरे में आई और कमरे की खिड़की से बाहर की ओर देखकर फिर अनन्या की तरफ देखकर बोली -" तेरा हो गया हो तो चलें ,देख रिक्शेवाले बाबा आ गए हैं ।"
अनन्या अपना  गले में पडा़ दुपट्टा सही करते और शीशे में स्वयं को निहारते हुए बोली -"हाँ चलती हूँ ना ।"
" अरे बस बहुत अच्छी लग रही है अब चल !!" शिवा ने हँसते हुए कहकर अनन्या का हाथ पकडा़ और कमरे से निकलकर कमरे में ताला डालकर चाभी रख ली और दोनों बाहर आ गईं जहाँ बुजुर्ग रिक्शेवाला खडा़ था । दोनों बैठकर काॅलेज के लिए निकल लीं ।

अनन्या  ने रिक्शे बैठे हुए शिवा से पूछा -" शुभ्रा काकी ने क्यों बुलाया था ??"........शेष अगले भाग में।

Papiya

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21 सितम्बर 2023

BBL

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एक प्रश्न पर भाग का समापन 🙏

18 जून 2023

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रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
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शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
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भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

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शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
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"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
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"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

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शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

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शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
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इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

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शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
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"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

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शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
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"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

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शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
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कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

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शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
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शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

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शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
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शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

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शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
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श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

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शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
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" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

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शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
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शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

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शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
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शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

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शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
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मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

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शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
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सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

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शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
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"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

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शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
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अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

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शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
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गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

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शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
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सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

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शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
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छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

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