shabd-logo

शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023

122 बार देखा गया 122
"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में तुझे बताती हूँ।"अनन्या नाश्ते की प्लेटें व चाय के कप अपनी मेज पर रखकर पुनः शिवा के बेड पर धम्म से पलथी मारकर बैठते हुए बोली।
"हमम् बात तो तेरी सही है !हमने एक दूसरे के बारे में न कभी जानना चाहा न ही पढा़ई की व्यस्तता के चलते हमारा इस तरफ ध्यान ही गया ,कोई बात नहीं ,,,,अब जान लेते हैं एक दूसरे के बारे में ,मैं कानपुर से हूँ ,ये तो तुझे पता ही है ,,, मेरी पढा़ई-लिखाई जयपुर में हुई उसके बाद तो कानून की पढा़ई पढ़ने लुधियाना आ गई।
छुट्टियों में ही बस,, ,,,,,,, अरे !ऐसे कैसे पचास रुपए हो गए!! जितने मुँह में आ जाएं उतने बोल दोगे क्या ????

बाहर से आती तेज आवाज सुनकर शिवा अपनी बात कहते हुए रुकी और खिड़की से बाहर देखने लगी।
उसको बाहर देखता देख और तेज आवाज की वजह से अनन्या ने भी खिड़की से बाहर देखा।
"अरे ये तो वही रिक्शे वाले बाबा हैं !!"अनन्या के मुँह से निकला।
"हाँ यार और ये आदमी इनसे तेज आवाज में क्यों बात कर रहा है !!इधर आ खिड़की से सटकर सुनते हैं ।"शिवा ने अनन्या को अपनी तरफ खींचते हुए कहा और दोनों खिड़की से सटकर सुनने लगीं --
"बाबूजी आप लाल चौक से यहाँ घण्टाघर तक आए हैं और वहाँ से यहाँ तक का पचास रुपए ही होता है बाकी आप जो देना चाहो दे दो "वो बुजुर्ग सिर झुकाकर कंधे पर पडे़ अँगौछे से अपना पसीना पोछते हुए बोला।
"हाँ तो जो दूँगा वही तो लोगे !!लूटने का धंधा बनाकर रखा है !"कहते हुए उस आदमी ने तीस रुपए बुजुर्ग रिक्शेवाले को पकडा़ए और जाने को मुडा़।
"अरे !ये कैसा आदमी है !बेचारे बाबा को उनकी मेहनत के पूरे रुपए भी न दिए और उनकी उमर का भी लिहाज न कर रहा है !!चल!चल!चल"कहते हुए शिवा,अनन्या का हाथ पकड़ कर कहते हुए तेजी से कमरे से बाहर निकलते हुए सड़क पर आ गई।
वो आदमी जा रहा था ।
"अंकल जी !!!" अनन्या ने आवाज दी और शिवा ने बुजुर्ग रिक्शेवाले बाबा को रुकने को कहा ।

"जी, आपने मुझसे कुछ कहा !!" उस आदमी ने अनन्या से पूछा ।
"जी हाँ,आपसे ही कह रही हूँ महोदय, लाल चौक से घण्टाघर तक पचास रुपए ही होते हैं  और आपने बूढे़ बाबा को तीस रुपए ही दिए ! उनका मेहनताना मारा और उनकी उम्र का लिहाज भी न कर रहे हैं !! " अनन्या उस आदमी से कहे जा रही थी और बुजुर्ग रिक्शेवाला अपने दोनों हाथ आगे करके दीन स्वर में कह रहा था -" जाने दो न बिटिया! जाने दो न बिटिया !!" 
शिवा अपना हाथ उठाकर  "निश्चिंत रहिए बाबा !" का संकेत कर रही थी।
--- अगर अभी आपकी बेटी आपसे सौ रुपए माँगे तो आप उसे सहर्ष दे देंगे !तब तो न कहेंगे कि बेटी चालिस ही ले लो ,,, पर इन बुजुर्ग बाबा की मेहनत की कमाई देने में आना-कानी करेंगे!!"
अनन्या को तेज स्वर में कहते देखकर उस आदमी ने बुजुर्ग रिक्शेवाले को पूरे रुपए देना ही श्रेयस्कर समझा और उसने बाकी के बीस रुपए ऐसे थमाए जैसे उस पर बडा़ भारी एहसान कर रहा हो और उसे आग्नेय नेत्रों से देखता हुआ वहाँ से तेज कदमों से रवाना हो लिया ।
बुजुर्ग रिक्शेवाले की आँखों से आँसुओं की धार बह चली,,,,,,, ये आँसू ,इन अहसान धरकर दिए गए बीस रुपयों की वजह से न आ रहे थे ,,, 
कुछ और ही था,,,,,, कुछ अनकहा दर्द 
"बाबा आपने सुबह से कुछ खाया है ?" शिवा ने पूछा पर बुजुर्ग रिक्शेवाला कुछ न बोला और सिर झुकाकर ,उदास कदमों से वापस जाने को मुडा़ ।

शिवा और अनन्या जब से इस बुजुर्ग रिक्शेवाले बाबा से मिली थीं तब से देख रही थीं कि बाबा बहुत कम बोलते हैं ,, मुस्कुराते हुए उन्हें तो उन दोनों ने कभी देखा ही नहीं था ।
कुछ तो ऐसा था जो रिक्शेवाले बाबा अपने अंदर समेटे थे पर क्या !! ये,वो दोनो समझ नहीं पा रही थीं।

"बाबा,चलिए न ,, हमारा कमरा भी देख लीजिए और कुछ खा भी लीजिए " अनन्या ने कहते हुए उन रिक्शे वाले बाबा का हाथ पकडा़ और जबरन उन्हें अपने साथ लाने को मुडी़ं पर उन्होने धीमे स्वर में कहा -" नहीं बिटिया,घर जाना है " और वो जाने लगे।
वे दोनों उन्हें जाते हुए देखती रहीं और फिर अपने कमरे में लौट आईं और मायूस होकर बैठ गईं ।
दोनों का मन उन बुजुर्ग रिक्शेवाले बाबा में लगा हुआ था ।

" शिवा ,सो गई क्या ??" रात को अपने बिस्तर पर स्कर्ट व टाॅप पहने लेटी हुई अनन्या ने शिवा की तरफ करवट बदलते हुए पूछा ।

" इन्ना !!"  शिवा ने अपने सिर को झटका देते हुए और बहुत जोर देते हुए किसी बच्चे की तरह से कहा ,फिर अनन्या से पूछा -"तुझे भी नींद न आ रही है क्या ?" और अनन्या ने  एक लम्बी श्वास छोड़ते हुए उत्तर दिया -"नहीं ना यार !!"
"हाँ ,वही तो !!" शिवा ने मुँह बिचकाकर कमरे की खिड़की से बाहर की तरफ मुँह करते हुए कहा ।
अभी बहुत रात बाकी थी भोर होने में और चंदा जैसे अपनी चांदनी की गोद में सुकून से अपना सिर रखे,मुस्कुराता हुआ अपने नक्षत्रों रूपी संतानों को सोता हुआ देख रहा था" 
अरे हम लोगों की बात अधूरी रह गई थी , तू अपने बारे में बता रही थी ना !  नींद तो आ न रही है तो चल बता  !" अनन्या ने अपने बिस्तर से उठकर पलथी मारकर बैठते हुए कहा ।
शिवा भी उठकर बैठ गई और बोली-"हाँ तो मैं बता रही थी कि मेरी शिक्षा-दीक्षा जयपुर,,,,,,, अरे ये तो बता चुकी है तू ,, आगे बता न ! तू कुछ कह रही थी कि बस छुट्टियों में ही,,,,, अनन्या ने शिवा की बात को बीच में ही काटकर कहा ।

"हाँ वही तो !,,,,,,,," शिवा ने अपनी बात प्रारंभ की ।

'हाँ वही तो' उसका तकियाकलाम था ।

..........शेष अगले भाग में।

प्रभा मिश्रा 'नूतन'






प्रिया राव(रघुवंशी) ✍🏻📚

प्रिया राव(रघुवंशी) ✍🏻📚

गरीब इंसान अपना और अपने बच्चों का पेट पालने के लिए दिन रात मेहनत करता है और हम क्या करते हैं गरीब को उसके मेहनत का पैसा भी देने में आनाकानी करते हैं,अभी किसी बड़े और महंगे मॉल में या होटल में हमे ज्यादा पैसे भी देने पड़े तो हम बिना मोल भाव के दे आते हैं l आपने कहानी का शीर्षक बहुत ही बढ़िया चुना है मैम 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

2 अप्रैल 2024

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

2 अप्रैल 2024

बहुत बहुत धन्यवाद आपका जो आपने मेरी कहानी का भाग पढ़ा और आपको पसंद आया ये जानकार बहुत खुशी मिली 😎 कृपया कचोटती तन्हाइयां भी पढ़कर देखें आपको पसंद आएंगी पुनः एक बार धन्यवाद आपका 😊🙏🙏🙏

Papiya

Papiya

वाह

21 सितम्बर 2023

BBL

BBL

बहुत सुंदर भाग 😊😊🙏

18 जून 2023

22
रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
1

शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
118
31
12

भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

2

शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
66
25
4

"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

3

शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
50
25
2

,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

4

शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
46
24
2

"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

5

शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
42
24
2

दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

6

शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
40
24
3

इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

7

शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
39
24
1

"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

8

शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
37
26
3

"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

9

शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
35
24
1

कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

10

शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
35
25
1

शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

11

शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
35
24
1

शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

12

शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
35
25
3

श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

13

शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
33
24
1

" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

14

शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
33
24
3

शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

15

शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
33
24
1

शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

16

शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
34
24
1

मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

17

शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
33
24
1

सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

18

शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
32
24
1

"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

19

शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
32
24
1

अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

20

शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
33
23
1

गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

21

शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
33
24
1

सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

22

शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
33
25
7

छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए