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शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023

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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।

शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका मन जयपुर ननिहाल जाने का बिलकुल भी न था मगर विवशता थी ,जाना तो था ही ! उसका तो कभी कभी मन होता कि शुभ्रा काकी से कह दे कि छुट्टी में भी वो उनके यहाँ रुकेगी मगर  ये सोचकर कह न पाती थी कि शुभ्रा काकी क्या सोचेंगी कि छुट्टियों में भी ये घर क्यों न जाना चाहती है !! 
जयपुर ननिहाल में बूढे़ नाना और नानी थे जो उससे प्यार तो बहुत करते थे मगर प्यार ही कर सकते थे और कुछ नहीं ,,, मामा थे वो भी उसे चाहते बहुत थे मगर क्या फायदा !! 

उसने अनन्या से झूठ ही तो बोला था कि मामा से जिद करने पर उन्होने बताया था कि उसका घर कानपुर में है जबकि असलियत तो वही जानती थी !! 
वो दिन उसे भूला ही कहाँ जब उसे पता चला था कि उसका घर कानपुर में है !! 
सोचती हुई शिवा जैसे उन्हीं पलों में पहुँच गई-- दोपहर का समय था ,
नाना जी कुर्सी पर बैठे हुए थे और माँ नानी के बालों में तेल लगा रही थीं और वो वहीं बैठे हुए अपने मोबाइल में अपनी जरूरी फाइल देख रही थी कि नानी ने कहा था कि शिवा जरा ग्लास भर पानी ले आ , खाना खाने से पहले वाली दवा खा लूँ फिर अभी खाना खाना होगा ।
वो नानी के कमरे से निकलकर बरामदे से  आँगन होते हुए रसोंई के पास पहुँची ही थी कि उसे रसोंई से मामा व मामी के आते स्वर सुनाई पडे़ थे -" चेतना तुम इतना क्यों झल्लाने लगती हो ,मुझे समझ न आता है !! मामा की आवाज आई थी।
" झल्लाऊँ न तो क्या करूँ !! महारानी जी की जैसे ही छुट्टी होने वाली होती है ,,वैसे ही उनकी माँ यहाँ धमक पड़ती हैं जैसे कोई धर्मशाला हो और फिर उनकी लाड़ली,महारानी जी  पधार जाती है ,, खाना बनाने के लिए नौकरानी तो है ही जो अपने घर के लिए खाना बनाए और इनके लिए भी बनाए ,,, "मामी की आवाज आई थी।

" मेरे लिए ,माँ और बाबू जी के लिए,अपने लिए बनाते हुए तुम थकती नहीं हो पर जैसे ही मेरी बहन व भाँजी के आने का सुनती हो वैसे ही तुम्हें दिक्कत होने लगती है !!" मामा ने कहा था ।

" हाँ तो दिक्कत तो होगी ही ! छुट्टियों के लिए हमारा ही घर दिखता है ! अपनी महारानी को वो लाटसाहिबा  अपने घर कानपुर न बुलाकर यहाँ मरने क्यों आ जाती हैं !!" मामी का तीखा स्वर आया था ।

"तमीज से  बात करो ,,वो मेरी बहन है !मेरी इकलौती बहन और दीदी तुम्हारे काम में तुम्हारा हाथ बँटाने को कहती तो हैं मगर तुम ही मना कर देती हो कि नहीं दीदी मैं कर लूँगी तो वो क्या करें !!"मामा बोले थे ।

"हाँ तो उन्हें ये सोचने का अवसर दे दूँ कि मैं कौर तोड़ती हूँ तो काम भी करती हूँ !" 
मामी ने कहा था ।

" वाआआह ! जब वो तुम्हारे काम में हाथ बँटाने को कहें तो तुम मना कर दो और बाद में उन्हें कोसो !! ,,ये तुम्हारा अच्छा है !!"कहकर मामा रसोंई से निकल गए थे ।वो उसे न देख पाए थे ।

उसे बहुत खराब लगा था ये सब सुनकर और मामी का तैश में ये सब कहना गलत तो नहीं था !! 
आखिर ऐसी क्या विवशता थी माँ की जो माँ उसे उसके ही घर कानपुर न ले जाती थीं ! कुछ तो था जो माँ उससे छुपाए थीं मगर क्या !! 
वो छोटी थी तब समझ आता है कि उसे बताना सही न होगा मगर अब ,,,, अब तो वो बडी़ हो गई है ,परिपक्व है ,चीजों को समझ सकती है फिर भी उससे कुछ न कहना !!ये तो सही नहीं है !!
नाना और नानी से पूछने की हिम्मत ही न होती है ,मामा ही हैं जो उसे सच बता सकते हैं मगर उन्हें बताना होता तो बता न देते ! माँ की तरफ से मनाही होगी तभी न मामा और न ही नाना और नानी उसे अपनी तरफ से कुछ बताते हैं ,,, जब वो नानी के घर होती है तो कानपुर की चर्चा भी न होती है ,, 

अनन्या बरेली जाती हुई सोच रही थी कि इस बार माँ से पूछ ही लूँ जिद करके कि आखिर वो ननिहाल का नाम तक क्यों न लेती हैं उसके सामने !! 
कौन ऐसी बेटी होगी जो अपने मायके न जाना चाहे !! पर यहाँ तो  माँ मायके की चर्चा तक  उससे न करती हैं ।शायद मायके से माँ की कुछ कड़वी यादें जुडी़ हों जो माँ उससे बताकर अपने मन को कष्ट न पहुँचाना चाहती हों !! कुछ तो है जो माँ उससे छुपाती हैं ,, माँ अपनी बेटी पर इतना भी विश्वास न करती हैं कि उससे अपना मन खोल सकें !! 
एक बेटी के लिए उसकी माँ और माँ के लिए उसकी बेटी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं ना !! 

शिवा उदास मन से ट्रेन की खिड़की से बाहर देख रही थी - चीजें पीछे छूटती जा रही थीं और ट्रेन आगे भागती जा रही थी ।यही तो जिंदगी है ,, जहाँ हम आगे बढ़ते रहते हैं और हमसे आगे बढ़ने में कितना कुछ है जो पीछे छूट जाता है ,, कुछ अच्छा तो कुछ बुरा ,,, 
हम  रुककर पीछे जाकर उन चीजों को अपने साथ ले भी न सकते हैं ,, आगे बढ़ते हुए पीछे मुड़ने वाला आगे जा ही कहाँ पाता है !!
माँ भी शायद उसे आगे धकेल रही हैं और उसे आगे धकेलने में वो ये भूल रही हैं कि पौधे को उसकी जडो़ं से दूर न किया जा सकता है ,,,

जयपुर आ गया था और शिवा बेमन से अपना बैग अपने कंधों पर डालकर ट्रेन से उतरी थी और आटो करके नानी के घर के निकल ली थी ।
आटो करते हुए उसे रह -रह कर रिक्शे वाले बाबा याद आ रहे थे ।उनका भी कुछ ऐसा अतीत अवश्य था जो वो अपने भीतर दबाए थे और उसके बोझ तले उनकी मुस्कुराहट भी शायद दब कर दम तोड़ चुकी थी।.......शेष अगले भाग में।

Papiya

Papiya

बहुत खुब

21 सितम्बर 2023

BBL

BBL

वाह

18 जून 2023

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रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
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शापित संतान --भाग 1

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भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

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शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
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"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
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"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

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शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

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शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
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इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

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शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
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"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

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शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
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"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

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शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
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कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

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शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
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शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

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शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
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शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

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शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
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श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

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शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
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" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

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शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
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शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

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शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
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शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

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शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
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मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

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शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
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सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

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शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
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"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

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शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
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अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

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शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
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गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

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शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
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सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

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शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
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छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

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