shabd-logo

शापित संतान भाग 7

19 जून 2023

68 बार देखा गया 68
"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।

" अनन्या ,शुभ्रा काकी को उनके किराए के रुपए देने हैं , तू अपने रुपए भी दे दे ,देकर आती हूँ फिर साथ में खाना खाते हैं ।"काॅलेज से आकर कपडे़ बदलते हुए शिवा ने अनन्या से कहा और अनन्या ने उसे अपने हिस्से के रुपए पकडा़ए और कपडे़ बदलने लगी ।

शिवा सीढियां चढ़कर ऊपर गई और "शुभ्रा काकी " आवाज लगाती हुई सीढियों के पास बने बरामदे में पहुँची।
सीढियां चढ़कर ऊपर बरामदा था और उसी बरामदे से भीतर जाने के लिए दरवाजा बना था ।बरामदे में झूला पडा़ हुआ था और बरामदे से लगे आँगन के मध्य जाल के  चारों और किनारे -किनारे गमलों में पौधे रखे हुए थे जिसमें बहुत सुंदर गुलाब,गेंदा,सूरजमुखी इत्यादि के फूल लगे हुए थे ।बरामदे में एक तरफ एक पिंजरे लटका हुआ था  जिसमें तोता जी विश्राम कर रहे थे ।बरामदे में ही एक कोने में बडा़ सा कांच का जलाशय था जिसमें रंगबिरंगी मछलियां तैर रही थीं।

शिवा बरामदे में पहुँची तो देखा कि लाल रंग की मैक्सी पहने,बालों का जूडा़ लगाए शुभ्रा काकी झूले पर बैठी थीं ,उनके हाथ में चाय का प्याला था और उनके सामने ही फर्श पर पडी़ टाट पर एक दुबली-पतली सी  काले रंग की महिला मैली-कुचैली साडी़ पहने बैठी हुई थी । उसके सामने भी चाय का प्याला रखा हुआ था ।शुभ्रा काकी उस महिला से  बात कर रही थीं।शिवा को देखकर शुभ्रा काकी ने कहा --
"अरे शिवा आ ना !इधर बैठ !" झूले पर अपने पास बैठने का इशारा शुभ्रा ने किया और शिवा झूले पर शुभ्रा के पास बैठती हुई बोली -"काकी ये इस महीने का हम दोनों का किराया ।"
"अरे !किराया कहीं भागा जा रहा था क्या !!अच्छा चाय पिएगी !!जा अंदर जाकर अपने लिए चाय छान ला ।"
कहने को तो शुभ्रा की रसोंई नीचे थी ,वहीं दोनों समय का खाना ,रसोंइया पकाता था मगर शुभ्रा को अपनी चाय अपने हाथ ही बनाकर पीने  की आदत थी सो अंदर एक छोटी रसोंई में चाय का सामान रखे हुए थी ।
"नहीं काकी ,काॅलेज से आई हूँ तो बहुत जोरों की भूख लगी है ,सीधा खाना खाने ही जा रही हूँ ।"शिवा ने फर्श पर बैठी उस मैली-कुचैली महिला की तरफ देखकर कहा।

"अच्छा!अच्छा !  इससे मिलो ,तुम दोनों के आने से पहले यही मेरे अकेलेपन की साथी थी ।" शुभ्रा ने उस महिला की तरफ संकेत करते हुए शिवा से कहा और उस महिला ने शिवा की तरफ देखकर अपने मैले,पीले दांत फैलाकर मुस्कुराया ।शिवा ने भी हल्की मुस्कान छोडी़ ।

" अरे दांत फैला चुकी हो तो ये बताओ ,काम क्यों छोड़ दिया था !! कितना रास्ता देखा तेरा ,कहाँ मर गई थी ,आज जिंदा हुई तो मेरी याद आई तुझे और तू आज यहाँ प्रकट हुई !!" शुभ्रा ने उस महिला से पूछा ।शिवा नीचे जाने को उठ खडी़ हुई ।
" मैं क्या करती मैडम जी !! मेरा मरद टें बोल गया था ,,,और उसके बिना कुछ अच्छा ही न लगता था ,,  वही तो था जो रिक्शा खींचकर अपना और मेरा पेट भरता था ,वो रिक्शा खींचता और मैं आपके यहाँ बरतन धोती,व सफाई कर देती ।अपनी छोटी सी दुनिया में हम बहुत खुश थे मगर मरद ही चला गया !!"वो औरत कहते कहते उदास होकर अपना सिर झुका ली थी और शिवा धीमे-धीमे कदमों से सीढियों की तरफ जाते हुए उसकी बात सुन रही थी ।
" अरेए !!ये तो बहुत बुरा हुआ मगर तेरा मरद गुजर गया और तूने मेरे यहां काम छोड़ दिया तो तेरा घर कैसे चलता है !! अपना पेट कैसे भरती है तू !!" शुभ्रा ने अफसोस प्रकट करते हुए उस महिला से पूछा ।
वो तो ,,, शिवा सुनते हुए नीचे उतर आई और अपने कमरे में आ गई ।
"शिवा देर लगा दी तूने ऊपर शुभ्रा काकी के पास ! वो अपने पास झूले पर बैठाकर चाय पिलाने लगी थीं क्या ??"अनन्या ने शिवा को आया देखकर पूछा ।

शुभ्रा की ऐसी ही आदत थी ,एक तो चाय की बडी़ शौकीन थी तो जब देखो उसके हाथ में चाय का प्याला होता और वो अपने झूले पर होती थी ।शिवा या अनन्या किसी काम से जातीं तो उनसे वह कहती जा अपनी चाय छान ला , और मेरे पास बैठकर पी आकर ।

"नहीं ,वो कह तो रही थीं चाय पीने को पर मैंने मना कर दिया ,वो उनकी कामवाली बाई आई थी ,, उससे वो बात कर रही थीं ,बता रही थीं कि तुम दोनों के आने से पहले यही मेरे अकेलेपन की साथी थी ,,  अब तू जा और खाना लेकर आ फटाफट बहुत जोरों की भूख लगी है।" शिवा ने अपने बेड पर बैठते हुए अनन्या से कहा।

"खाना तो मैं ले आई थी ,तुम्हारी ही राह देख रही थी ,उठो और खाना खाओ आकर मेरे साथ ।" अनन्या ने शिवा से कहते हुए अपनी तरफ की मेज पर से खाने की थाली शिवा की तरफ बढा़ई और दोनों खाना खाने लगीं।

" शिवा ,  मेरी माँ ने मुझे ये कुर्तियां दी हैं  देख कैसी हैं ?  अनन्या ने खाना खाने के बाद अपना बैग खोलकर शिवा की तरफ कुछ कुर्तियां बढा़ते हुए कहा ।
"हाँ अच्छी तो हैं ।"शिवा देखते हुए बोली।
"मैडम जी ,शाम को चलते हैं ,इन्हें सिलवाने को डालना होगा ना !!" अनन्या कुर्तियां एक तरफ रखते हुए बोली।

"हा ! सिलवाने ,मतलब निराली बस्ती !!"शिवा ने एक लम्बी सांस छोड़ते हुए कहा और अपने बिस्तर पर पसर गई।
" सुन ना शिवा ,शाम को पैदल ही टहलते हुए चलते हैं ,टहलना भी हो जाएगा और कुर्तियां सिलवाने को भी पड़ जाएंगी ।"अनन्या ने शिवा का हाथ पकड़ कर उसे उठाते हुए कहा ।

"ओहो !! निराली बस्ती और वो भी पैदल !! ऐसा है मुझे अपनी टांगें तुड़वाने का कोई शौक नहीं है ,,, निराली बस्ती क्या पास है !! अपने यहाँ से अपना काॅलेज तीन किलोमीटर दूर है और अपने काॅलेज से विपरीत दिशा में निराली बस्ती भी इससे कम दूर न होगी ।"शिवा ने हाथ हिलाते हुए कहा और अनन्या कुछ सोच में पड़ गई।
"क्या हुआ !क्या सोचने लगी !अरे आटो से चलेंगे ना !!" शिवा ने कहा ।..........शेष अगले भाग में ।

Papiya

Papiya

जानदार 👏🏼👏🏼👏🏼

21 सितम्बर 2023

22
रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
1

शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
161
38
10

भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

2

शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
83
31
4

"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

3

शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
62
31
2

,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

4

शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
56
30
2

"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

5

शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
52
30
2

दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

6

शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
50
30
3

इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

7

शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
48
30
1

"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

8

शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
46
32
3

"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

9

शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
44
30
1

कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

10

शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
44
31
1

शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

11

शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
44
30
1

शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

12

शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
43
31
3

श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

13

शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
41
30
1

" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

14

शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
41
30
3

शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

15

शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
41
30
1

शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

16

शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
42
30
1

मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

17

शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
41
30
1

सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

18

शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
40
30
1

"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

19

शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
39
30
1

अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

20

शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
40
31
1

गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

21

शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
40
30
1

सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

22

शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
40
31
7

छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए