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शापित संतान भाग 9

19 जून 2023

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कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!

उस आदमी ने सुना तो  मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! 
मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू बहाने लगा ।मैंने उससे पूछा कि आप क्यों रो रहे हो तो बोला कि मेरा कोई नहीं है ,,मैं कहाँ जाऊँ ,,यहाँ मुझे कोई नहीं जानता है ,,, 
मैंने उससे कहा कि आप अच्छे भले घर के लग रहे हो ,,आपको दिक्कत न हो तो आप मेरे गरीबखाने चलो ,, मैं एक जगह बरतन साफ करके अपना पेट पालती थी, आप चलो ,मैं जो रूखासूखा खाती हूँ उसमें आप भी खा लेना ,मेरा मरद टें बोल गया तो रिक्शा तो मैं खींच न सकती हूँ ।
उसने कहा कि अगर आपको दिक्कत न हो तो मैं आपका रिक्शा खींचकर घर चलाऊँगा  बहन,आप काम न करना और मैं उन्हें घर ले आई ।

तब से वो मेरे साथ रहते हैं । शिवा और अनन्या ये सब सुनकर घर आ गईं और दोनों रिक्शेवाले बाबा के बारें में बातें कर रही थीं कि उनके कमरे की खिड़की के बाहर से आवाज आई --शिवा ,अनन्या 
शिवा ने खिड़की से देखा तो रिक्शेवाले बाबा खडे़ थे ।

शिवा और अनन्या अपने कमरे से उठकर बाहर आईं और शिवा ने रिक्शेवाले से पूछा -"बाबा आप यहाँ ,इस समय !! कोई काम था क्या !!" 
उसे घबराहट हुई कि कहीं उस औरत ने रिक्शेवाले बाबा को बता तो न दिया कि दो लड़कियाँ आई थीं और आपके बारे में पूछताछ कर रही थीं !!
रिक्शेवाले ने शिवा और अनन्या की तरफ देखकर फिर निगाहें झुकाकर दीन भाव से कहा -" आप दोनों को काॅलेज की छुट्टी के बाद मेरे रिक्शे पर न आना था तो बता देतीं ,, मैं जितनी देर वहाँ खडा़ आप दोनों की प्रतीक्षा करता रहा उतनी देर में कुछ सवारी ही मिल जातीं मुझे !" 

अरे राम ! शिवा ने अनन्या की तरफ देखते हुए अपने मन में कहा - हम दोनों अपनी योजना बनाने में ये तो भूल ही गए कि काॅलेज के बाहर दो बजे रिक्शेवाले बाबा हमारी प्रतीक्षा करेंगे ,,, ये तो बडा़ गलत हो गया !हमारी वजह से रिक्शेवाले बाबा का नुकसान हो गया !! 

अनन्या ने शिवा की तरफ देखते हुए बात सँभालते हुए कहा -" बाबा दरअसल आज हमारे सर आए न थे इस वजह से हमें काॅलेज से जल्दी लौटना पडा़ और  ऐसे में हम आपको सूचित कैसे करते !! आप यहीं रुको मैं कुछ रुपए लेकर आती हूँ आप रख लें ।" और वो जाने को मुडी़ पर रिक्शेवाले ने कहा -"नहीं !नहीं बिटिया , अब इसमें तो आप दोनों की भी कोई गलती नहीं है !! और रुपए किस बात के लूँ ,, चलता हूँ ।" और वे सिर झुकाकर जाने लगे ।

" यार हम तो भूल ही गए कि अपनी योजनानुसार हमें दो बजने वाले हों तब काॅलेज पहुँचना है और वहाँ से रिक्शेवाले बाबा के रिक्शे पर आना है !! हम तो उस औरत से मिलकर दूसरा रिक्शा करके अपने कमरे पर आ गए और हमारी वजह से रिक्शेवाले बाबा का नुकसान हो गया और उन्होने रुपए भी न लिए !
शिवा ने अनन्या से मन मसोस कर कहा और दोनों अंदर आ गईं और फिर से पढ़ने लगीं ।

"अनन्या ये क्या कर रही है तू वहाँ बैठे -बैठे ??" शाम को अपने कमरे में बैठे हुए शिवा ने अनन्या से पूछा ।
अनन्या शुभ्रा से एक पुराना अखबार लाई थी अलमारी में बिछाने को उसमें से एक पन्ना बच गया था जिसपर लड़की को उसके घर पहुँचाओ नामक पहेली खेल बना हुआ था ,,, अनन्या उसी को उसमें बनी अनेक डोरियों की सहायता से खेल कर लड़की को घर पहुँचाने का प्रयास कर रही थी मगर जिस डोर को चुनती वो ही आगे जाकर उलझ जाती थी ।
"देखो न यार लड़की को उसके घर पहुँचा ही न पा रही हूँ !"अनन्या ने उस पहेली खेल वाले अखबार में नज़र गडा़ए हुए कहा ।

" वही तो !! लड़की अपने घर पहुँच ही कहाँ पा रही है !!" शिवा ने मायूसी से कहा ।
अनन्या ,शिवा की बात सुनकर समझ गई कि उसका इशारा किस तरफ है !! 

"शिवा ,तुम अपने घर पहुँच सकती हो ,,, जानती हो कैसे !!" अनन्या ने अखबार एक तरफ रखकर कहा ।
"कैसे ?" शिवा ने पूछा ।
"सिंपल,, अपने मामा से तगडा़ वाला हठ करो कि मुझे अपने घर ले चलिए मतलब ले चलिए !!" अनन्या ने कहा।

शिवा के मन में कुछ और ही विचार आया पर उसने अनन्या से न कहा और दोनों अपनी पढा़ई करने लगीं।
शिवा और अनन्या दोनों महसूस कर रही थीं कि इधर वे पढा़ई के प्रति कुछ लापरवाह हो रही हैं ।दोनों ने एक दूसरे से कहा कि रिक्शेवाले बाबा के लिए कुछ करना हमारे हाथ में नहीं है तो अपने उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें और वे अपना ध्यान रिक्शेवाले बाबा से हटाकर मन से पढा़ई करने लगी थीं ।
पढा़ई करते हुए शिवा को बेसब्री से प्रतीक्षा थी कि जल्दी से लम्बी छुट्टियां हों और वो ननिहाल जाकर वो करे जो वो सोचे हुए है ।

शिवा की प्रतीक्षा पूर्ण हुई थी और उन दोनों की महीने भर की छुट्टियां हो गई थीं और शिवा जयपुर जाने को और अनन्या बरेली जाने को अपना -अपना सामान रख रही थीं।
अगले दिन तड़के ही दोनों अपने अपने गंतव्य जाने को अपनी -अपनी ट्रेन में बैठी हुई थीं ।शिवा ट्रेन की खिड़की से बाहर देखती हुई सोच रही थी कि इस बार मामी उसको देखकर तो बहुत ही जल उठेंगी ,,महीने भर की छुट्टी जो है !! पर इस बार तो कुछ भी हो वो तो अपने घर कानपुर जा कर ही रहेगी !! 
मामी का तमतमाया हुआ चेहरा उसे अपने सामने दिख रहा था ।
मामी की कोई गलती भी तो न थी !!इतनी मँहगाईं के जमाने में मेहमान तो हर किसी को खलते हैं !! 
अपने विचारों में खोई हुई शिवा को पता ही न चला था कि कब जयपुर आ भी गया था । ट्रेन जयपुर स्टेशन पहुँचने वाली थी और शिवा ने देखा कि उसके मामा उसको लेने आए थे ।वो ट्रेन से उतरी तो  मामा ने हाथ बढा़कर कहा -"लाओ अपना  बैग मुझे दे दो ।" और उन्होने उसके हाथ से बैग ले लिया और घर जाने को आटो रोकने लगे ।

मामा के साथ शिवा घर आ गई थी और उसने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ था ,,  घर के बाहर ही मामी मिल गई थीं और मामी ने उसको देखते ही ऐसा मुँह बनाया था जैसे मानो कह रही हों -तुम्हारा और कोई ठिकाना नहीं ,,हमारे यहाँ आने के अलावा !!.......शेष अगले भाग में।

Papiya

Papiya

सुंदर

21 सितम्बर 2023

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रचनाएँ
शापित संतान
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मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
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शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
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भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

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शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
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"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
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"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

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शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

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शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
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इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

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शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
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"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

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शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
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"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

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शापित संतान भाग 9

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शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
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शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

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शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
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शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

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शापित संतान -भाग 12

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श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

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शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
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" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

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शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
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शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

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शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
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शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

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शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
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मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

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शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
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सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

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शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
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"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

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शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
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अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

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शापित संतान -भाग 20

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गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

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शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
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सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

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शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

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छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

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