shabd-logo

शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023

204 बार देखा गया 204
भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़ थीं।जो भी रिक्शा निकलता उसपर सवारी होती थी और उन्हें अपने काॅलेज जाने के लिए देर हो रही थी।
"उफ!! एक तो इतनी गर्मी ऊपर से एक रिक्शा न मिल रही है।"शिवा ने अनन्या से कहा।

सड़क के एक तरफ मंदिर था और मंदिर की सीढियों के दाईं तरफ एक व्यक्ति अपने ठेले पर प्रसाद,फूल,धूप,इत्यादि रखे हुए भक्तों के आने की प्रतीक्षा 
कर रहा था ।
"चल ना शिवा,जब तक रिक्शा न मिलता,मंदिर की सीढियों पर बैठते हैं।"अनन्या ने पसीना पोछते हुए कहा और दोनों मंदिर की सीढियों की तरफ जाकर खडी़ हुईं ।
अकस्मात शिवा की निगाह मंदिर की सीढियों के सबसे नीचे पायदान पर बैठे एक बुजुर्ग पर गई-- 
घुँघराले सफेद बाल,गेहुआं रंग,बडी़-बडी़ मूँछें,हल्की दाढी़,झीना सा मैला सूती कुर्ता और लुंगी पहने गले में मैला सा लाल अँगौछा डाले बैठा हुआ बुजुर्ग बहुत मायूस सा लग रहा था ।
"देख न अनन्या,वो बुजुर्ग कितने उदास लग रहे हैं !!"शिवा ने उस बुजुर्ग की तरफ देखते हुए अनन्या से कहा।

"छोड़ ना शिवा,मुझे तो ये समझ न आ रहा कि एक भी खाली रिक्शा क्यों न निकल रहा है ??दस बजे से क्लास है और समय से न पहुँचे तो चोपडा़ सर क्लास में घुसने भी न देंगे !!एक तो उनका मुँह ही ऐसा है कि अच्छे-भले इंसान की भी उनको देखकर घिघ्घी बँध जाए ।" अनन्या  उस बुजुर्ग की तरफ देखे  बिना ही अपने दुपट्टे का कोना उमेठते हुए शिवा से बोली तब तक शिवा की नज़र मंदिर की दाईं तरफ प्रसाद वाले ठेले  के कोने में खडे़ एक रिक्शे पर पडी़--" ऐ देखो,वो एक रिक्शा खडा़ है पर रिक्शा वाला कहाँ है ??"शिवा ने कहा और अनन्या ने देखा कि मंदिर के सबसे नीचे पायदान पर बैठा एक बुजुर्ग उनकी ही तरफ आने लगा ।
"बेटियों , आप दोनों को कहीं जाना है !! मेरा रिक्शा वो उधर खडा़ है ,मैं आप दोनों को लिए चलूँ !!" उस बुजुर्ग ने मंदिर के दाईं तरफ प्रसाद वाले ठेले के कोने में खडे़ अपने रिक्शे की तरफ इशारा करते हुए थरथराती आवाज में कहा ।
शिवा और अनन्या ने एक दूसरे को देखा और फिर शिवा ने कहा --"हाँ बाबा जाना तो है काॅलेज,आप ले चलोगे !!"
"हाँ ,मेरा तो यही कार्य ही है !" बुजुर्ग काँपते स्वर में कहते हुए अपना रिक्शा इन दोनों के पास लाने को चल दिया।
"यार , इन बुजुर्ग बाबा को देखो ,इस उम्र में इन्हें रिक्शा चलाना पड़ रहा है "अनन्या ने कहा तब तक वो बुजुर्ग अपना रिक्शा लेकर इन दोनों के पास आ गया था और दोनों उस पर बैठकर काॅलेज के लिए निकल लीं ।बुजुर्ग हाँफते हुए रिक्शा खींच रहा था और वो दोनों आपस में बात करती हुई जा रही थीं पर बार -बार उनका ध्यान हाँफते हुए रिक्शा चलाते बुजुर्ग पर चला जाता था ।उन्हें उस बुजुर्ग को इस उम्र में रिक्शा चलाते देखकर बहुत तरस आ रहा था ।
शिवा और अनन्या दोनों अपने-अपने शहर क्रमशःकानपुर और बरेली से दूर यहाँ लुधियाना में किराए पर कमरा लेकर कानून की पढा़ई पढ़ रही थीं ।
जहाँ शिवा साँवले रंग की,लम्बे बालों वाली,छरहरी काया की थी वहीं अनन्या गोरे रंग की घुँघराले कंधे तक बालों वाली आकर्षक व्यक्तित्व की लड़की थी।दोनों की मुलाकात किराए पर लिए कमरे पर ही हुई थी ।
जिनके घर में उन्होने किराए पर कमरा लिया था वो बहुत संभ्रांत दंपत्ति थे।
ऊपर की मंजिल में दंपत्ति  रहते थे व नीचे किराए पर उठा दिया था ,वहीं एक कमरे में शिवा और अनन्या रहती थीं।
बातें करते हुए दोनों का काॅलेज आ गया था ।शिवा और अनन्या रिक्शे से उतरीं और बुजुर्ग रिक्शा चालक भी पसीना पोछता हुआ एक तरफ खडा़ हो गया।
शिवा ने अपना पर्स खोला तो देखा कि छुट्टे रुपए न थे ।
"अनन्या तेरे पास छुट्टे हैं क्या ??" शिवा ने पर्स खोले ही खोले अनन्या से पूछा ।
"नहीं यार,पाँच सौ की ही नोट है ,छुट्टे कराने थे पर ध्यान से ही उतर गया ।"अनन्या ने उत्तर दिया ।

"मेरे पास सौ की ही नोट है !!"शिवा ने कहते हुए सौ की नोट बुजुर्ग की तरफ बढा़ई ।
"बिटिया,छुट्टे तो मेरे पास भी नहीं हैं !!अभी  आज तुम दोनों को ही रिक्शे पर बैठाकर लाया हूँ बस ।" बुजुर्ग रिक्शा वाला धीमे स्वर में बोला ।
"कोई बात नहीं बाबा , आप रख लो, आप इस उम्र में इतनी मेहनत कर रहे हो ।" शिवा  बुजुर्ग रिक्शे वाले की तरफ नोट बढा़ते हुए बोली।
"नहीं बिटिया,मेरा जितना बनता मैं उतना ही लेता हूँ।"बुजुर्ग रिक्शे वाले ने हाथ जोड़कर कहा।
"बाबा देर हो रही है ,छुट्टे कहाँ से लाएं !!एक काम करिए,हमारा काॅलेज दो बजे छूटता है,आप दो बजे यहीं मिलना,  हम लौटते में आपके साथ ही चलेंगे और फिर हिसाब कर लेंगे ।"कहते हुए अनन्या ने शिवा के हाथ से सौ की नोट  बुजुर्ग को थमाई और दोनों तेजी से काॅलेज के भीतर चली गईं।बुजुर्ग दोनों को भीतर जाते हुए देखता रहा --एक अपनापन सा लगा उसे इन दोनों को देखकर ।

अब तो नित्य का क्रम बन गया था,दोनों उसी बुजुर्ग के रिक्शे से ही जाती और आती थीं।
उस दिन रविवार होने के कारण दोनों देर से सोकर उठीं फिर स्नान-ध्यान करके अपनी-अपनी चाय व नाश्ता अपने कमरे में लाकर बैठ गईं।
कमरे में दो बराबर से सिंगल बेड पडे़ हुए थे,दोनों बेड की तरफ एक कुर्सी व मेज थी और दोनों तरफ एक एक अलमारी रखी हुई थी।
कमरे में एक बडी़ सी खिड़की सड़क की तरफ खुलती थी,उसी तरफ का बेड शिवा का था और कमरे के दरवाजे की तरफ वाला बेड अनन्या का था।
"आ ना अनन्या !मेरे बेड पर।"शिवा ने अपनी चाय व नाश्ते की प्लेट अपनी मेज पर रखते हुए अनन्या से कहा और अनन्या ,शिवा की मेज पर अपने नाश्ते की प्लेट रखकर उसी के साथ उसके बेड पर बैठ गई।
"अनन्या,तू कुछ सोच में लग रही है !! क्या बात है !बता ना !"शिवा ने चाय का घूँट लेते व सैंडविच खाते हुए अनन्या से पूछा।

"कुछ नहीं यार ,बरबस ही वो रिक्शे वाले बाबा याद आ रहे हैं ।आज रविवार है ,पता नहीं उन्हें कोई सवारी मिली होगी या नहीं !" अनन्या ने सैंडविच खाते हुए कहा।
"हाँ तू कह तो सही रही है, पता है मेरा मन तो ये सोचने लगता है कि कौन होंगे वो बुजुर्ग !!कैसी परिस्थितियां रही होंगी जो उन्हें इस अवस्था में रिक्शा खींचकर जीविका चलानी पड़ रही है "शिवा बोली........शेष अगले भाग में।

Papiya

Papiya

बहुत ही शानदार

21 सितम्बर 2023

ऋतेश आर्यन

ऋतेश आर्यन

शिवा और अनन्या की ये कहानी शुरू से ही बांधने वाली आकर्षक है, बहुत खूब 💐💐

22 अगस्त 2023

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

23 अगस्त 2023

बहुत बहुत धन्यवाद आपका ,हर भाग पर अपना लाइक दे दें 🙏😊

Sandhya

Sandhya

वाह वाह

22 अगस्त 2023

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

22 अगस्त 2023

धन्यवाद बहन , कचोटती तन्हाइयां के सभी भागों पर अपना लाइक 👍 और व्यू दे दें 😊🙏

 Dr.Jyoti Maheshwari

Dr.Jyoti Maheshwari

बहुत अच्छा लिखा आपने

30 जून 2023

Pradeep Tripathi

Pradeep Tripathi

बहुत अच्छा लिखा है आपने।

16 जून 2023

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

16 जून 2023

धन्यवाद सर

Berlin

Berlin

वाह लाजवाब भाग

16 जून 2023

BBL

BBL

बहुत अच्छा लगा पहला भाग 😊🙏🙏

16 जून 2023

22
रचनाएँ
शापित संतान
5.0
मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
1

शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
54
27
10

भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

2

शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
38
24
2

"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

3

शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
31
24
2

,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

4

शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
30
24
2

"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वा

5

शापित संतान -भाग 5

18 जून 2023
28
24
2

दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

6

शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
29
24
3

इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

7

शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
28
24
1

"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

8

शापित संतान भाग 8

19 जून 2023
28
24
1

"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

9

शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
27
24
1

कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

10

शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
27
24
1

शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

11

शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
27
24
1

शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

12

शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
27
24
1

श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

13

शापित संतान -भाग 13

20 जून 2023
26
24
1

" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

14

शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
26
24
1

शिवा स्नान करके अपने कमरे में आई ही थी कि उसके फोन की घण्टी बजी ।शिवा ने फोन उठाकर कहा -" हाँ अनन्या ,कैसी है तू ?" उधर से अनन्या की आवाज आई -"मैं सही हूँ तू बता तुझे कारण पता चला कि तेरी माँ तुझ

15

शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
26
24
1

शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

16

शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
26
24
1

मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

17

शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
26
24
1

सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

18

शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
26
24
1

"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

19

शापित संतान -भाग 19

22 जून 2023
26
24
1

अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

20

शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
27
23
1

गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

21

शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
27
24
1

सर ने बडे़ सर को फिर मेरे स्नानागार में बाँध कर रखा और फिर अगले दिन उन्हें लुधियाना जाने वाली बस में बैठा दिया ,, बडे़ सर इस घटना से इतना टूट चुके थे कि उन्होने बिना कोई क्रिया,प्रतिक्रिया किए लुधियान

22

शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
27
24
7

छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए