डियर दिलरुबा
दिनांक - 23/9/22
दिन - शुक्रवार
डियर दिलरुबा, आज फिर तुम्हारे साथ अपने मनोभावों को शेयर करना है,,, हर बात शेयर करने के लिए तुम ही तो हो मेरे पास जो बिना कुछ कहे मेरी सारी बातें सुनती रहती हो,,,,,,।
😊क्या बताऊं डियर आज का टॉपिक ही कुछ ऐसा है,, शर्मसार होती इंसानियत,,, तुम तो जानती ही हो दिलरुबा,, इस तरहां के टॉपिक मुझे बहुत दुखी करते हैं समाचार पत्र हों या हों न्यूज़ चैनल,, रोज़ किसी ना किसी मुद्दे पर शर्मसार होती इंसानियत का जिक्र करते रहते हैं इंसानियत को शर्मसार करने का ठेका पुरुषों ने ही नहीं उठा रखा महिलाएं भी इसमें अब काफ़ी हद तक भागीदार हो रही है,,,,।
😊कुछ लोग हैं जो किसी ना किसी रूप में इंसानियत को शर्मसार करते हैं और जब पढ़े-लिखे लोग इंसानियत को शर्मसार करते हैं तो मन बड़ा दुखी होता है दिलरुबा,,अभी पिछले दिनों की ही एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है जहां एक अध्यापिका ने छोटी बच्ची के कपड़े उतरवा दिए और इसी हालत में उसे घर भेज दिया,,, ।
😊पुरुष क्या महिलाएं भी इंसानियत को शर्मसार करने में पीछे नहीं,,,, आए दिन कोई सास अपनी बहू को जिंदा जला देती है,,, तो कोई तंग करके उसे जीते जी मार देती है,,,।
😊 और पुरुषों के तो कहने ही क्या,,, जमीन जायदाद के चक्कर में भाई भाई को मार कर,,,, बेटा बाप को कत्ल करके,,, बूढ़े मां बाप को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़कर इंसानियत को लगातार शर्मसार करते रहते हैं,, और बलात्कार की घटनाएं इस क़दर बढ़ गई हैं आए दिन किसी ना किसी का बलात्कार चर्चा का विषय बना रहता है,,,,,,।
😊अफसोस तो इस बात का है वहशी दरिंदे अब छोटी-छोटी मासूम बच्चियों को अपना शिकार बना रहे हैं,,, और उन्हें जीते जी मार डाल रहे हैं,,, उनके पास इंसानियत नाम की तो कोई चीज है ही नहीं तो शर्मसार कहां से होंगे,,,।
😊रोड एक्सीडेंट में ही देख लो,,, या फिर कोई भी घटना हो लोग उसको बचाने की बजाय उसका वीडियो बनाकर नाम कमाना ज़्यादा जरूरी समझते हैं,,, भले ही सामने वाले का दम निकल जाए,,, ।
😊उसकी सहायता तो कोसों दूर ,,,, हज़ारों लोग खड़े हो जाएंगे उसका वीडियो बनाने के लिए,,, किसी हद तक तो ठीक है मुजरिम को सज़ा मिल सकती है वीडियो से,,,,,लेकिन यह भी फ़र्ज़ बनता है कि उस पीड़ित की सहायता तुरंत की जाए,,,।
😊 क्या करूं दिलरुबा लिखने के लिए हज़ार बातें हैं जो इंसानियत को शर्मसार कर रही हैं,, इंसानियत किसी एक दो बात से शर्मसार नहीं हो रही,,,,,,,,,,, करोड़ों वजह हैं इंसानियत को शर्मसार करने की,,,,और जिसकी असली वजहा है लोगों की गिरी हुई मानसिकता,,,,।
😊 एक राइटर के पास क़लम की ताक़त होती है ,,, खुदा से दुआ है कि वह हम राइटर्स के क़लम में इतनी ताक़त दे के विरोध में आवाज़ उठा सकें,,,,,,,,, मेरा तो बस यही कहना है दिलरुबा तुम्हारे माध्यम से,,,, रोको यह हैवानियत,,, अपनी मानसिकता बदलो,,, ज्ञान के चक्षु खोलो,,,, अपने अंदर पल रहे जानवर को मारो,,,,,,,,,, उसे बढ़ावा देखकर इंसानियत को शर्मसार मत करो,,,
रोज़ होता है यहां पर चीरहरण
बचाने द्रौपदी को कब तक
आएगा किशन इतनी सी बस
फरियाद है सब की तरफ से
एक दरखा़स्त है, जुल्मों की
किसी पर जो करे इंतेहा
बिजली दे यारब तू उन पर गिरा
मौत भी मांगे तो ना आए कभी
सुलगता रहे वह सदी दर सदी,,,
खुदा से मेरी यह फरियाद है
शर्मसार ना हो इंसानियत
हमारी ये दरखा़स्त है,,,
अच्छा दिलरुबा आज के लिए बस इतना ही,,, जो कुछ लिखा है सोचना जरूर,,
खातून-