दिनांक -10/9/22
दिन-शनिवार
समय-रात 11:50
प्यारी दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने दूसरी बार आ गई,,, क्या करूं नींद नहीं आ रही थी,,,, फिर टॉपिक पर नज़र गई,, ध्यान- योग सोचा क्यों ना इस पर अपने विचार तुम्हारे साथ साझा करूं,, आखिर रोज़ाना इस पर अच्छा खासा समय बिताती हूं मैं,,, तो आओ थोड़ी बात कर लें ध्यान- योग पर,,,,
साथियों योग और ध्यान क़ुदरत का एक करिश्मा है प्रकृति द्वारा दिया गया एक नायाब तोहफा है,,,, ध्यान एक ऐसी अद्भुत प्रक्रिया है जो हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारती है,,,,,,।
चंचल मन को एकाग्र करने और शांति पाने का अद्भुत तरीका है,, ध्यान योग का एक ऐसा महत्वपूर्ण तत्व है जिसके माध्यम से तन, मन और आत्मा के बीच एक सुंदर लयात्मक संबंध का निर्माण होता है,,,।
इस को अंग्रेजी में मेडिटेशन कहते हैं,,,मेडिटेशन के लिए सुबह का समय बहुत ही अच्छा माना जाता है,,,,मेडिटेशन करने से पहले ध्यान साधना जरूरी है,,,, इससे सांस स्थिर होती है,, चैन की नींद आती है,,,, और मन मस्तिष्क शांत बना रहता है,,, इच्छाएं और महत्वाकांक्षाएं इंसान के अधीन हो जाती है,,,।
ध्यान लगाने के लिए आराम से बैठ जाएं और प्रार्थना से शुरुआत करें।इसके बाद सिद्धासन में बैठकर बाएं हाथ को बाएं घुटने पर और दाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें. रीढ़ को सीधे रखते हुए गहरी सांस ले और छोड़ें।
और अपने शरीर और आसपास होने वाली हलचल पर ध्यान ना देते हुए पूरा ध्यान सांसो पर केंद्रित करें,, सांसों की ओर ध्यान देने से चित्त शांत हो जाता है ,, और चित की शांति अनेक बीमारियों को जड़ से नष्ट कर देती है,,,,,,,।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर मानव तनाव से ग्रस्त है ,,,,नींद ना आना भूख ना लगना मानसिक चिंता और हर तरहं के दबाव को झेल कर अधिकांश लोग ब्लडप्रेशर की बीमारी से पीड़ित हो रहे है,,,,, ऐसे में और भी आवश्यक होता है कि अपनी दिनचर्या में योग और साधना को जगह दी जाए,,।
निरंतर ध्यान करने से मस्तिष्क को नयी ऊर्जा मिलती है और तनाव से बचा जा सकता है. साथ ही ध्यान लगाने वाले व्यक्ति को थकान का अहसास नहीं होता है. गहरी से गहरी नींद से भी कहीं अधिक लाभ ध्यान से मिलता,,,, आदिकाल से हमारे ऋषि मुनि इस बात पर बल देते आए हैं और सदैव ध्यान और योग के द्वारा बड़े से बड़े कार्य को सिद्ध किया है उन्होंने,,,,,,।
अंत में साथियों अगर बीमारियों से पीछा छुड़ाना है तो योग ध्यान को अपनाना होगा,,,, आजकल की व्यस्त दिनचर्या में से हमें कुछ समय अपने लिए अवश्य ही निकालना चाहिए,,,आज स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र योग और ध्यान ही है,,,अब तो हमारे देश में ही नहीं विदेश में भी,,, इसके महत्व की चर्चाएं होती हैं,,अब लोग अधिकांशतः योग-साधना को अपने जीवन का हिस्सा बना रहें हैं और सही भी है अगर रहना है निरोग तो अपनाइए योग,,,।
सय्यदा खा़तून ✍️
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