डियर दिलरुबा
दिनांक 19/9/22
दिन-सोमवार।
समय-1:10रात्री
📚📚📚📚 डियर दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने कितनी देर में आई हूं,,, तुम्हें इंतज़ार करना पड़ा ना,,,, तुम तो जानती ही हो,, वैसे तो रात के सन्नाटे में ठंडी ठंडी हवा के बीच बालकनी में बैठकर डायरी लिखना मुझे बहुत पसंद है,,, तुमसे पहले भी बताया था ना,,,,,,।
🌫️🌫️और आज तो शाम से ही हवा बहुत ठंडी चल रही है काले काले बादल इधर से उधर भाग रहे हैं रह रह कर बिजली चमक रही है,,,।
😓 सोचा देर में ही सही तुमसे मिल जरूर लूं,, तुम से क्योंकि आज बालकनी मे बैठना बहुत अच्छा लग रहा है ठंडी ठंडी हवा के झोंके बालों से खेल रहे हैं,,, और इन सबसे बेख़बर मैं तुमसे कुछ बातें करना चाहती हूं,,,।
☕☕🍛 शाम चाय के साथ दही पापड़ी की चाट और गोलगप्पे खाए थे किसी का अभी खाने का मूड नहीं,,, कह रहे थे कॉफी या दूध पीकर सोना है,,, अरे भाई देखभाल के खाया करो ना ,,,,,, इतना खाते ही क्यों हो जो खाना गोल करना पड़े,,, ।
🌮🌮🌮🌮🌯🌯🌯ख़ैर अब क्या कहे किसी को,,,, लगता है गीता की बनाई हुई सारी की सारी रोटियां,,, कल गाय को जाने वाली है,,, या फिर इनकी पापड़ी बनेगी,,, पिछली बार भी जब रोटियां बज गई थी तो मैंने गीता से कहकर पापड़ी तैयार करवा ली थी,,,,।
😎😎 बहुत आसान है पापड़ी बनाना बची हुई रोटी से,,,, पैन में तेल गर्म करें और धीमी आंच पर रोटी को दोनों तरफ से गोल्डन फ्राई करलें,,, जब तक वह दोनों तरफ़ से पापड़ी की तरह न बन जाए धीमी आंच पर फ्राई करते रहें फिर एक थाली में निकाल कर अतिरिक्त तेल टिशू पेपर से साफ कर दें,, ।
😊😊और ठंडी होने पर डिब्बे में भरकर रख लें,,,,, जब दिल करे तब पापड़ी की चाट बनाकर खाएं,,,,,, यकीन जानिए बहुत स्वादिष्ट होती है दही, पापड़ी, बूंदी और भुजिया मिलाकर बनाई गई चाट बहुत टेस्टी होती है,,,,, उबले हुए आलू भी इसमें थोड़े से डालें,,,,,,,, वाह क्या स्वाद होता है,,,, ।
🌮🌮अब जब भी रोटियां बचें आप उनकी पापड़ी बना लें,,,, हैं ना आम के आम गुठलियों के दाम,,,,,।🍟🍟हमारे पड़ोस में ही गोलगप्पे का पैकेट मिलता है और पानी मैंने घर पर बना दिया था,,,🍺🍺🍺🍺🍯🍯 बहुत मज़ा आया दिलरुबा,,, तुम सोच सोच कर ख़ुश हो जाओ और मुझे दो इजाज़त आज के लिए बस इतना ही कल फिर आऊंगी,,,,,,,,,, कुछ नई पुरानी लेकर तब तक के लिए,,,,,,, शब्बा खै़र शुभ रात्रि शुभ रात्रि शुभ रात्रि,,,।
आपकी दोस्त
-खा़तून-