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नारीवाद

17 सितम्बर 2022

31 बार देखा गया 31

डियर दिलरुबा

दिनांक-17/9/2222
दिन-शनिवार
समय-रात 11:5

डियर दिलरुबा,, कल तो मैं तुमसे मिलने का टाइम ही नहीं निकाल पाई,, कहीं तुम नाराज़ तो नहीं,, चलो कोई बात नहीं हक़ है तुम्हारा,,,,,,।

😊हक़ से यादा आया दिलरुबा अपने अधिकारों के प्रति हर महिला को जागरूक रहना चाहिए वैसे भी आज मैं नारीवाद पर बात करने वाली  हूं,, तो सबसे पहले दिलरुबा नारीवाद को समझ लेते हैं,,,

😊भारत में नारीवाद का अर्थ है औरतों को सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्रों में समान अधिकार दिलाना हर क्षेत्र में औरतों की सहायता करना और हर प्रकार के उत्पीड़न से बचाने के लिए आंदोलनों का एक समूह है नारीवाद,,,।

😊 पर दिलरुबा,,,,,,,,, तुम तो जानते ही हो औरतें सदैव उत्पीड़न की शिकार रही हैं,, सदियों से औरतें प्रत्येक क्षेत्र में उत्पीड़न और अत्याचार को सहती आ रही हैं कभी वह पारिवारिक स्तर पर उत्पीड़न का शिकार होती हैं,,,,,,, तो कभी समाजिक यहां तक के आर्थिक स्तर पर भी औरतों का उत्पीड़न होता है ,,,।

😊बहुत सी जगह आज भी ऐसी हैं जहां एक ही काम के करने में औरतों को कम मज़दूरी दी जाती है,,, इन्हीं सब विसंगतियों को दूर करने के लिए नारीवाद जैसे समूहों की आवश्यकता पड़ती है जहां महिलाएं इन विसंगतियों के विरोध में आवाज उठा सकती हैं,,,,,,।

😊 पर दिलरुबा चाहे कितने भी समूह बना लिए जाएं कितने भी प्रयास किए जाएं वह तब ही सफल होंगे जब औरत स्वयं आगे आएगी अपने अधिकारों के लिए,,,,।
आवाज उठाना ज़रूरी है दिलरुबा,,,,,।

😊 पहले महिलाएं हर अत्याचार को अपना भाग्य समझ कर झेलती रहती थीं,,,, पर आज ऐसा नहीं आज बहुत सी औरतें ना सही,,,,,,,,,,,,,,लेकिन कुछ औरतें ज़रूर अपने अधिकारों के प्रति सजग हो गई हैं,, विरोध का स्वर उठने लगा है वह समझ गई हैं कि हम भी पुरुषों के समान बराबरी का अधिकार रखते हैं,,,,,,,,,।

😊 यही वजह है कि आज सब औरतों की ना सही लेकिन कुछ औरतों की स्थिति में सुधार अवश्य हुआ है,, निराशा को गले लगाकर कभी नहीं बैठना चाहिए एक कोशिश अपने लिए अवश्य करनी चाहिए,,, किसी कवि की यह पंक्तियां सदैव ध्यान में रखनी चाहिए,,,

कौन कहता है कि आसमान में

सुराख़ नहीं हो सकता एक पत्थर तो

तबियत से उछालो यारो,,,।

😊प्यारी दिलरुबा सामने रखा हुआ खाना भी मुंह तक नहीं जाता उसके लिए भी प्रयत्न करना पड़ता है,,, नारीवाद जैसी संस्थाऐं भी तभी आपकी सहायता कर सकती हैं,,, जब आप स्वयं अपनी समस्या बताने के लिए वहां सूचित करोगे,, नारीवाद पर एक कविता के रूप में कहना चाहती हूं,,,,

तू नारी है आज के समाज की

कल भी बेड़ियां थी तेरे पांव में

और हैं जंजीरें है आज भी,,।

फर्क आ गया है मगर तुझ में

आज बहुत ही,,।

कल तक तू खामोश थी

मगर उठाती है आज आवाज़ भी

उम्मीद की चमकी है किरण,

नारीवाद भी है आज अहम

पर कुछ ना होगा किसी के किए

आवाज तुझे ही खुद के लिए

उठानी होगी, अहमियत अपनी

दुनिया को बतानी होगी,,

तू दुर्गा है सावित्री है,

और है तू मरियम भी

रुतबा हरगिज़ कम नहीं  नारी का,,

हक़ बराबरी का है तेरा मेरा,,,,,(खा़तून)

Kafil Ur Rehman

Kafil Ur Rehman

Very nice 👌🏻

19 सितम्बर 2022

Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

शानदार लेख।

18 सितम्बर 2022

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत शानदार लिखा आपने😊

18 सितम्बर 2022

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रचनाएँ
दिलरुबा माह सितम्बर
5.0
प्यारे साथियों,,, दिलरुबा मेरी डायरी का नाम है,, यह डायरी मेरे व्यक्तित्व का आईना है,, मेरे आसपास घटित होने वाले कुछ कहे अनकहे पल इस डायरी में पढ़ने को मिलेंगे,,,,, कुछ मनोरंजक, कुछ उपयोगी, और कुछ बहुमूल्य विचार मैं इस डायरी में शेयर करती रहूंगी,, मुझे पुराने फिल्मी गीतों का बहुत शौक़ है उसकी झलक भी यदा-कदा आपको मेरी डायरी में देखने को मिलेगी,, बहुत से ऐसे मौलिक विचार जो मैं आप सबके साथ साझा करना चाहती हूं,, इस डायरी में पढ़ सकते हैं,, कुल मिलाकर आपसे कहना चाहती हूं बहुत दिलचस्प है मेरी दिलरुबा,,,। सय्यदा खा़तून,, ✍️
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7 सितम्बर 2022
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8 सितम्बर 2022
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दिनांक 9/9/22 दिन-शुक्रवार प्यारी दिलरूबा कैसी हो तुम आज तो तुमसे बातें करने के लिए मैं कुछ जल्दी ही आ गई हूं,,,वो इसलिए टॉपिक देखकर मुझे एक संस्मरण याद आ गया टॉपिक तो तुम जानती हो ना,,,, रेल यात्

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10 सितम्बर 2022
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दिनांक-10/9/22 दिन- शनिवार समय रात्रि 10: 30 🙇📚कहां हो दिलरुबा क्या कहा सो रही हो अरे अभी कोई सोने का टाइम नहीं है अभी बजा ही क्या है,,, मेरी दोस्त, मेरी दिलरुबा,,,,,, सुनो वैसे तुम तो सब जानती ही

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10 सितम्बर 2022
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दिनांक -10/9/22 दिन-शनिवार समय-रात 11:50 प्यारी दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने दूसरी बार आ गई,,, क्या करूं नींद नहीं आ रही थी,,,, फिर टॉपिक पर नज़र गई,, ध्यान- योग सोचा क्यों ना इस पर अपने विचार तुम्

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डियर दिलरुबा (मानसिक स्वास्थ्य)

11 सितम्बर 2022
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डियर दिलरुबा दिनांक-11/9/22 दिन-रविवार तुम अपना रंजो गम, अपनी परेशानी मुझे दे दो, तुम्हें ग़मकी कसम अपनी निगेहबानी मुझे दे दो। हां दिलरुबा तुम्हारे लिए ही तो लिख रही हूं,,,, तुम आजकल कुछ ज्यादा प

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डियर दिलरुबा

12 सितम्बर 2022
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डियर दिलरुबा दिनांक-12/9/22 दिन-सोमवार 🙇💐कैसी हो दिलरुबा, आजाओ अब  कुछ तुम्हारी सुनते हैं और कुछ अपनी लिखते हैं,,, हां तो दोस्त, मैं बता रही थी...आज तो मैं बहुत ख़ुश हूँ।वजह मेरा बगीचा, सुंदर फूलों

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13 सितम्बर 2022
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14 सितम्बर 2022
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दिनांक -14/9/22 दिन-बुधवार प्यारी दिलरुबा कैसी हो तुम,,, आओ दोस्तों को हिंदी दिवस की बधाई देते हैं,,,, साथियों आप सभी को हिंदी दिवस की ढेरों शुभकामनाएं और बधाइयां,, दिलरुबा हिंदी हमारी बहुत ही प्रिय भ

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डाक्टर साहिबा वो हिंदी की

14 सितम्बर 2022
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🌺डाॅक्टर साहिबा वो हिंदी की अंग्रेजी में करती हैं बात , गुस्सा उनकी नाक पर रहता अंग्रेजी की वो तोड़ें टांग, अंग्रेजी बीच हिंदी ऐसे बोलें जैसे कंकड अटके खाते भात। 🌺डाॅक्टर साहिबा वो हिंदी की अंग्रेजी

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मानवीय पूंजी

15 सितम्बर 2022
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नारीवाद

17 सितम्बर 2022
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डियर दिलरुबा

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डियर दिलरुबा दिनांक 19/9/22 दिन-सोमवार। समय-1:10रात्री 📚📚📚📚 डियर दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने कितनी देर में आई हूं,,, तुम्हें इंतज़ार  करना पड़ा ना,,,, तुम तो जानती ही हो,, वैसे तो रात के सन्ना

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अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना देखी तेरी यारी मेरा दिल जलाओ ना,, 🙇📚मेरी प्यारी दिलरुबा,,,, आजकल तुम नाराज़ बहुत होने लगी हो ,,,,अरे कोई तो वजह होगी इतनी देर मैं तुमसे मिलने आने की,,, किसी को पता

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डियर दिलरुबा

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अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना देखी तेरी यारी मेरा दिल जलाओ ना,, 🙇📚मेरी प्यारी दिलरुबा,,,, आजकल तुम नाराज़ बहुत होने लगी हो ,,,,अरे कोई तो वजह होगी इतनी देर मैं तुमसे मिलने आने की,,, किसी को पता

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