डियर दिलरुबा
दिनांक-18/9/22
दिन-रविवार
समय-8:15
📚अरे कैसी हो दिलरुबा, यह इतने सारे ताबीज हाथ पर क्यों बांध रखे हैं,,?? अरे क्या बताऊं मेरी दोस्त कल मैं बर्थडे में गई थी वहां चक्कर खाकर गिर पड़ी,,, भूत प्रेत का साया है उस घर में,,, तभी मौलवी साहब को दिखाकर ताबीज ले आई हूं,, कह रहे थे ताबीज बांधने से आराम मिल जाएगा ,,,,, ।
😊अरे दिलरुबा दुनिया कहां से कहां पहुंच गई तुम अभी तक अंधविश्वास में ही उलझी हुई हो,,, चक्कर आया था तो डॉक्टर को दिखाती ना हो सकता है तुम्हारा बीपी लो हो गया हो या फिर हाई भी हो सकता है,,,,,।
😊 ताबीज भला इसमें क्या करेगा,, दिलरुबा किसी भी बात पर बिना सोचे समझे विश्वास रखना अंधविश्वास कहलाता है जब पढ़े-लिखे लोग इस तरह की बातें करते हैं तो मन और भी दुखी हो जाता है,,,, आज भी देखने को आता है बहुत से लोग आज भी ऐसी चीजों में विश्वास रखते हैं,,, यह सब अज्ञानता ही तो है,,, बिना सोचे समझे अंधविश्वास करना,,,,।
😊 कुछ लोग बीमारियों को भी जादू टोना भूत प्रेत और न जाने कैसी कैसी बातों के साथ जोड़ लेते हैं जिससे हमारी बीमारी और भी बढ़ जाती है हालात सुधरने की बजाय बिगड़ जाते हैं,,, कुछ लोग तो यहां तक अंधविश्वास में उलझे हुए हैं कहते हैं बिल्ली ने रास्ता काट दिया अब हम यात्रा पर नहीं जाएंगे,,,।
😊 भला बिल्ली का रास्ता काटना और आपकी यात्रा का क्या संबंध है,,, यह सिर्फ एक अंधविश्वास है,, इस तरहां तो जीना दूभर हो जाए हर हर चीज में बहुत से लोग अंधविश्वास कर लेते हैं,,,, अमुक आदमी ने छींक दिया अब काम तो बिगड़ेगा ही,,,,,, भला क्यों करते हैं,,,हम बिना सोचे समझे ऐसी चीजों में विश्वास,,,।
😊यह सब अंधविश्वास ही तो है,,, बिना सिर पैर की यह तो छोटी-छोटी रोजमर्रा की चीजें हैं,,,,,, लोग तो बड़ी से बड़ी बीमारी को भी अंधविश्वास के साथ जोड़ लेते हैं,,, किसी को बिना सोचे समझे चुड़ैल बता देना,,,,, किसी दुखियारी को मनहूस कह देना,,,,, बच्चे ना होने पर झाड़-फूंक कराना,,, पागल हो जाने पर बीमार न समझते हुए भूत प्रेत का साया बताना,,,,,,, यह सब अंधविश्वास ही तो है,,,।
😊इन सब बातों के पीछे छुपे सच को समझना चाहिए,, कभी किसी चीज पर बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए बिना सोचे समझे विश्वास करोगे तो समस्या गंभीर अति गंभीर होती चली जाएगी,,,, इसलिए दिलरुबा मैं तो किसी भी बात पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करती,,, आंख खोलकर गंभीरता से विषय पर विचार विमर्श करो,,,,, ।
😊आजकल के समय में ऐसी बिना सिर पैर की बातों पर विश्वास करना अंधविश्वास ही कहलाता है और और ऐसा अंधविश्वासी अपने आप ही नहीं संपूर्ण समाज के लिए कष्टकारी होता है,, वादा करो दिलरुबा तुम ऐसे किसी भी अंधविश्वास पर विश्वास नहीं करोगी,,,
मैं तो,,,,,,
बेड़ियां अंधविश्वास की दरकिनार कर रही हूं
मैं आज नई जिंदगी का आग़ाज़ कर रही हूं।
तोड़ कर बंदिशें अंधविश्वास की,खुली हवा में
सांस लेने का अब दुनिया में ऐलान कर रही हूं
अंधविश्वास में फंसकर न गंवाएं जिंदगी अपनी
सोचे समझे फिर पहुंचे मंजिल पे अपनी-अपनी
आज के लिए बस इतना ही कल फिर आऊंगी किसी नए टॉपिक के साथ,,,।
खा़तून ✍️
---------------🌹🌹🌹-------