अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्
सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित है! उनके पूर्वजों से उनके जन्म तक का वर्णन है! उनके पूर्वज देवराज इंद्र , देवेंद्र से उनके पुत्र चंद्र हुए ? चंद्र से राजा गंधर्व सेन और गंधर्व सेन से वीर विक्रमादित्य कैसे हुए? उनका सारा वर्णन इस पुस्तक में प
ये कलम तू है कितना महान तेरे नीचे झुकता सारा संसार तू ही करती सब पर उपकार जिसके पास हो तेरी ताक्कत उसको भला हराये कौन ये कलम तू है कितना महान तुना देखे कोई जात - पात तूझ से करते है सभी प्यार जिंका हो ऊँचा विश्वास उनका करती तू हरदम
अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जी काव्य को लोकगीत एवं मानव कल्याण के साधन के रूप में स्वीकार करते थे | वह कविता को ईश्वर प्रदत्त अलौकिक वरदान समझकर काव्य रचना करते थे | इसीलिए उनके काव्य में सर्व मंगल का स्वर मुखरित होता है उनके काव्य में पौराणिक एवं
दूसरी घटना इस प्रकार है कि, सभी देवताओं को----- धरती की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता रखी गई। गणेश जी ने अपनी चतुराई से, अपने वाहन चूहे पर बैठकर ,अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की। पौराणिक काल के, हमारे ऋषि-मुनि---- बहुत ज्ञानी और बुद्धि
अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्
बनवारी लाल एक रईस सेठ है।जिनका सोने चांदी की दुकान है।जिसे उनका बेटा देखता है।बनवारी लाल खुद ब्याज के धंधे में ज्यादा व्यस्त रहते। वे गरीबों व अनपढ लोगों को 5 से 10% मासिक के दर पैसा उधार देते थे।
अमर कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद द्वारा इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद के नवासे हुसैन की शहादत का सजीव एवं रोमांच विवरण का एक ऐतिहासिक नाटक है | इस मार्मिक नाटक में यह दिखाया गया है कि उस काल के मुसलिम शासकों ने किस प्रकार मानवता प्रेमी व असहायों
अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्
कमलेश्वर का जन्म ६ जनवरी १९३२ को उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ। उन्होंने १९५४ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. किया। उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएँ तो लिखी ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। 'आंधी', 'मौसम (फिल्म)', 'सा
इस बुक में बच्चों को बाल कविताओं के माध्यम से गणित की मूल अवधारणाओं को रोचक एवं सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है। आशा है मेरा ये प्रयास आप सभी को जरूर पसंद आयेगा।
अपने राष्ट्र फ्रांस की मुक्ति के लिए अपने जीवन की आहुति देने वाली फ्रांस की देवी ”जोन ऑफ आर्क” का नाम विश्व की उन अदम्य साहसी, देशभक्त महिलाओं में बड़े आदर के साथ लिया जाता रहेगा, जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए कठोर, असहनीय यातनाएं सहते-सहते अपना
रेहन पर रग्घू प्रख्यात कथाकार काशीनाथ सिंह की रचना-यात्रा का नव्य शिखर है। भूमंडलीकरण के परिणामस्वरूप संवेदना, सम्बन्ध और सामूहिकता की दुनिया मे जो निर्मम ध्वंस हुआ है- तब्दीलियों का जो तूफान निर्मित हुआ है- उसका प्रामाणिक और गहन अंकन है रेहन पर रग्घ
यह देखा गया है कि सामान्य ज्ञान की तैयारी करते समय, किसी विषय की, विशेषकर सूचीबद्ध जानकारी एकसाथ करने से सबकुछ गड्डमड्ड होने की आशंका रहती है । इस समस्या के निदान के रूप में प्रतिदिन, एक पृष्ठ पर, विविध विषयों से सम्बंधित महत्वपूर्ण एकाध बिन्दु को प्
मुंशी प्रेमचंद भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं | जिनके युग का विस्तार सन 1800 से 1936 तक है यह कालखंड भारत के इतिहास में बहुत महत्व का है इस युग में भारत का स्वतंत्रता संग्राम नई मंजिलों से गुजरा प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था |
''अमीरी कì चोटी पर पहòँचनेकेिलए आपको åरच डडै, पअुर डडै पढ़नी ही चािहए। इससेआपको बाज़ार कì और पसै ेकì Óयावहाåरक समझ िमलेगी, िजससेआपका आिथªक भिवÕय सुधर सकता ह।ै'' - िज़ग िज़µलर - िवĵÿिसĦ लखे क और वĉा ''अगर आपको अंदर कì बात जाननी हो िक िकस तरह अमीर बना