हर रोज़ एक नयी राह पर चलने की सोचती हूँ। सबको सकारात्मक करने की सोचती हूँ। इस नयी पीढ़ी में कुछ नहीं हैं। अभी जाग जाओ फिर मौका नहीं देगी जिंदगी। दो पल ही सही सोशल मीडिया और अपनेअहंकार को त्याग के। कुछ पल अपनी जि़दगी -जिद़गी के खुशी से बिता लो
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कुछ लिखा ही नहीं है। कुछ तो लिख देती। कुछ पंक्तियां अपनी सोच पर ही लिख देती तो खुशी होती।
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