जीवन के वो पल जिन्हें हम रोज जीते हैं, उन्हीं भावनाओं को शब्द देने का प्रयास है यह किताब।
पहला प्रेम कुछ शिशुवत होता है ,जिस प्रकार एक शिशु के लिए उसकी माँ से अत्यधिक कुछ और महत्वपूर्ण नही होता ठीक उसी तरह जब एक लडकी प्रेम मे होती है तो उसके लिए उसके प्रिय से अत्यधिक महत्वपूर्ण और कुछ नही होता , वो उसको ही आधार मानकर स्वयं निराधार हो जाती
नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 ये किताब एक औरत की कहानी है । जिसने एक ख्वाब देखे थे जो ख्वाब अधूरे ही रह गए और अपनों के द्वारा बेरहम तरीके से तोड़े गए । देखते तो सभी हैं ख्वाब , पर पूरा कहां हो पाता है । कुछ ख्वाब अधूरे ही रह जाते हैं या फिर कुछ ख्वाबों को रि
मन के उद्गार नामक इस पुस्तक में मैं ने, नारी, समाज ,भावनाओं, कुप्रथाओं को संदर्भ मे रख कर ।अपनी काव्य रचनाओं को संग्रहित किया है ।
इस कहानी के माध्यम से यह बताया गया है कि एक छोटी सी बच्ची ने कैसे सभी डाकुओं को सुधार दिया और सब को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया।
कुछ परेशानियां हैं जिन्हें खत्म करना चाहती हूंँ कुछ उलझनें हैं जिन्हें सुलझाना चाहती हूँ ! कुछ बिताएं तेरे संग जो पल है उन्हें फिर से जीना चाहती हूँ ! क्या क्या ख्वाहिश है इस दिल में उसे फिर से पूरा करना चाहती हूँ ! कुछ अपने हैं जो खफा हो गए है
साहित्य समाज से पैदा होकर समाज के विभिन्न रुपों को चित्रित कर उसे पुनः उसी को सौंपता है।इस तरह साहित्य निर्माण हो जाता है।मेरी लघुकथाओं में आपको यही दिखेगा।
परियां होती बेटियां जानने के लिये आगे पढ़ते रहें.. परियां आपको आसमां के सैर कराते मिलेगी.. औऱ आप आसमां में खोते... हुये.. 🌸🌸
आपके अपने हीं हैं वो, होतें हैं...जो देखते हैं सबसे सुंदर सबसे अलग, सबसे बेहतर सपने आपके लिये.. वो हो सकते आपके सबसे करीब आपके.. सबसे अपने.. आपके... ऐसे हीं सुन्दर सपने देखने बालों को देखे इस रचना में...
औरत.....ऊपरवाले का बनाया हुआ एक नायाब किरदार... लेकिन आज तक औरत को कोई समझ नहीं पाया हैं... क्योंकि किसी ने दिल से कभी कोशिश की ही नहीं हैं.... औरत पर व्यंग्य करना.... चुटकुले बनाना ... हंसी मे हर बात उड़ाना तो बहुत आसान हैं..... पर क्या कभी उसे समझन
हिन्दी स्वचरित पंक्तियां व विचार।
नमस्कार 🙏🙏🙏 मेरे प्रिय पाठकों मैं अपनी पहली रचना नारी जीवन लिखने जा रहीं हू.... इसमे एक नारी एक स्त्री को कितने ही रूप रंग एक ही जीवन मे अपनी एक ही जिंदगी मे जीने को मिलते है ये भी दिखाना चाहूँगी... तो चलिए चलते है अपने इस नए और जाने पहचाने स
नारी शक्ति स्वरूपा नमन कीजिए। अपने भावों को थोड़ा मनन कीजिए।। नारी अबला बेचारी अब नहीं रह गई। इनको उड़ने के खातिर चमन दीजिए।। सम्मान होता रहा जिनका वैदिक काल से। बाद आई विसंगतियों का शमन कीजिए।।
एक गरीब लड़की का राजा से विवाह होना और उसकी जिंदगी में बदलाव आना
ये कहानी एक ऐसे विषय पर हैं.... जिस विषय पर हम आज तक खुलकर किसी से बात नहीं कर सकते..। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं पर विषय हमारे समाज में चल रहें एक बेहद विचारणीय मुद्दे पर हैं...। आपका सहयोग और प्यार बनाएं रखें...। कुछ आपत्तिजनक लगे तो कृ
मन में अनेकों विचार समय समय पर उठते रहते हैं ,वही विचार कविता के रूप में प्रस्फुटित होते हैं
कोई शान की बात नही है शर्म की बात है इसलिए बताने योग्य नही है 😥
एक कहानी जो आज भी गांव की गलियों में दहशत के साथ सुनी जाती है
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। 'प्रतिज्ञा' उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घु