यह एक काव्य संग्रह है जो आपको मेरी कविताओं से परिचय कराएगी । कविताएं प्रकृति सौंदर्य , प्रेम की अनुभूति , भावनाओं की अभव्यक्ति , समाज की सच्चाई और आध्यात्म पर आधारित है ।🙏🙏
मेरी यह पुस्तक नारी जीवन के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में दो कहानियां हैं। "ससुराल रूपी पिंजरा "जिसमें शादी के बाद आनेवाली बहुत सी समस्याओं में से एक कहानी का विषय है। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद आये बदलाव और सामंजस्य बिठाने को लेक
"कुसुमदी ", इंगित करती है एक ऐसी महिला की कहानी जो,करुणामयी हैं, ममतामयी हैं, वसुधैव कुटुंबकम की भावना से ओतप्रोत हैं । जो मनुष्य मात्र के लिए संभाव रखेती हैं । "कुसुमदी" का हृदय बहुत ही विशाल है। आज वो धरा से दूर अंबर पर कहीं हैं पर हम सभी के दिल
एक स्त्री जब दूसरी स्त्री के दर्द को नहीं समझती और अपने स्वार्थ में वह उसके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करती है तो पीड़ित औरत की आत्मा कराह उठती है मैंने इस लेख में द्रौपदी के माध्यम से सभी स्त्रियों की पीड़ा को व्यक्त करने का
दोस्तों यह कहानी सिर्फ निम्मी की ही नहीं उस हर एक औरत की कहानी है जो इस समाज से जूझ रही है एक औरत पर कितना भार होता है परिवार का बच्चों का समाज का इस बीच उसको पारिवारिक रूप से और सामाजिक रूप से कितना प्रताड़ित किया जाता है यह बात सिर्फ एक औरत ही समझ
इसमें मेरी बात वास्तविकता दर्शाती कविताएं होंगी इनको मैंने लिखा है बहुत साहित्यिक भाषा मुझे नहीं आती है सीधी सादी सरल भाषा में लिखी गई कविताएं
अगर आप औरत को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह आपका सब सुख-चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी...
नारी जीवन के सफर जहा उसके जीवन में उतार चढाव अच्छा बुरा घटित होता है मान अपमान प्यार दुलार के अलग अलग रंग को जीते हुए नारी का जीवन व्यतीत होता है
इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी
ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो
सामाजिक परिवेश और उसमें घटित घटनाओं और माहौल को इस किताब के माध्यम से आपके समक्ष लाने का लघु प्रयास किया हूँ।
‘मेरे क़िरदार थोड़ा इसी समाज से आते हैं, लेकिन समाज से कुछ दूरी बरतते हुए। मेरी कहानियों में ‘फ्रीक’ भी जगह पाते हैं, सनकी, लीक से हटेले और जो बरसों किसी परजीवी की तरह मेरे ज़हन में रहते हैं। जब मुकम्मल आकार प्रकार ले लेते हैं, तब ये क़िरदार मुझे विव
एक लड़की किसी एक इंसान के लिए, अपना पतिवार,अपने रिश्ते नाते छोड़कर छोड़ कर इस उम्मीद से आती है, कि उसका एक सच्चा साथी सुख-दुख बांटने वाला खुशियां देने वाला सहयोगी होगा। वह नए रिश्तो को अपनाकर सभी को खुशियां देने , घर को सजाने संवारने की कोशिश क
भोगने की प्रक्रिया जितनी जटिल है, भोग आत्मसात करके एक दृष्टि के रूप में विकसित कर पाना उससे भी दुरूह। वर्णसंकरता और सहकारिता के विराट दर्शन में अकूत विश्वास के बावजूद कविता है तो शर्मीली-सी, कमसुखन विधा। ऊपर से आदमी भी एक क्लिष्ट जीव है-भोगे और कहे ह
एक लड़की, जो बचपन में जिस लड़के के साथ खेलते बड़ी हुई और अपनी मोहब्बत का इज़हार करने से पहले ही उस लड़के के अचानक चले जाने के बाद उसकी तलाश में उसके जैसी समानताओं वाले मर्दों द्वारा बार-बार छली गई। उसकी इस तलाश भरी भटकन की कहानी जो तब पूरी हुई जब उसक
यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह
यह स्त्री पर होने वाले अत्याचार और नारी की सहनशीलता का वर्णन है।