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स्त्री विमर्श की किताबें

Feminism books in hindi

स्त्री विमर्श से जुड़े सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारे संग्रह में स्त्रियों पर पुरूष लेखकों के नजरिये के अलावा स्त्री लेखिकाओं का स्वीकरण भी है। यहां स्त्री विशेष समस्याओं के निवारण से ले कर उनके हितों से जुड़े सामग्री का बड़ा संग्रह है। तो जानते हैं स्त्रियों पर स्त्रियों का स्वघोष।
औरत का त्रिया चरित्र

अगर आप औरत को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह आपका सब सुख-चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी...

8 पाठक
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3 अध्याय
28 सितम्बर 2022
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2
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क़ैद बाहर

प्रेमी जहाँ पति मैटेरियल में बदलने लगता है और प्यार विवाह नाम के नरक में, क़ैद की दीवारें वहीं उठना शुरू होती हैं, जिनसे निकलने का संघर्ष इस उपन्यास की स्त्रियाँ कर रही हैं। लेकिन इस मुक्ति का निर्वाह क्या इतना आसान है? प्रेम से रहित हो जाना और अपने

2 पाठक
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2 अध्याय
23 मार्च 2023
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299
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नई राह

जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती, स्त्री विशेष कहानियों का संग्रह है यह पुस्तक lइसमें नारी के संघर्ष, प्रेम ,तिरस्कार और साहस जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया हैl

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अधूरे ख्वाब

ग्रामीण अंचल में पली बढ़ी लड़की का ग्रामीण-शहरी माहौल में आकर उस माहौल की दिक्क़ते झेलते हुए ख्वाब बुनने और उन खाव्बो को कभी हकीकत बनते और कभी ढेर होते देखने की कहानी .

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चरित्रहीन

इस कहानी में एक लड़की विधि को जिंदगी के बारे में बताया गया है।की जब वह चरित्रहीन नही थी तब उसे चरित्र हीन बोल कर बदनाम किया किया,लेकिन जब वो अपना मुकाम हासिल करने के लिए खुद चरित्रहीन बन जाती है तो समाज उसे उसे इज़्ज़त देने लगता है।वही दूसरी ओर मीरा की

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नारी जीवन दर्पण

नारी जीवन दर्पण सूना क्यों नारी मन शदियों से रीत रिवाज़ के दायरों में जीवन जीती है नारी वक्त बदला सोच बदली नारी जीवन अब भी कायदे है जारी अब भी कहीं बाल विवाह से बचपन मुरझाता कहीं अबला समझ अपना ज़ोर आजमाता कोई विधवा जीवन जीने को मजबूर कोई घरेलू हिंस

77 पाठक
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46 अध्याय
26 अगस्त 2022
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53
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मनमोहिनी

मनमोहिनी एक ऐसी लड़की मोहिनी की कहानी है जो बहुत ही खूबसूरत है और उसके पास कुछ विशेष प्रकार की शक्तियां है ,जिसके कारण उसके पिता उसे दुनिया वालो से छुपाकर रखना चाहते थे।मोहिनी इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि जो भी उसको देखता ,देखता ही रह जाता।मोहिनी अपने रू

26 पाठक
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13 अध्याय
9 मार्च 2022
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मतलबी दुनिया- नारी विशेष

इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी

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राय साहब की चौथी बेटी

ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो

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0 अध्याय
3 अगस्त 2022
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माही.. 🌺

भीगने जैसा हर कुछ महसूस करा जाये.. यें रचना...

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10 अध्याय
12 जनवरी 2022
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काव्य मंजरी

जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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कैसी ये हैवानियत

औरतों पर बरबरता व्यक्त करती कहानी

2 पाठक
1 अध्याय
1 जून 2023
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क़िरदार

‘मेरे क़िरदार थोड़ा इसी समाज से आते हैं, लेकिन समाज से कुछ दूरी बरतते हुए। मेरी कहानियों में ‘फ्रीक’ भी जगह पाते हैं, सनकी, लीक से हटेले और जो बरसों किसी परजीवी की तरह मेरे ज़हन में रहते हैं। जब मुकम्मल आकार प्रकार ले लेते हैं, तब ये क़िरदार मुझे विव

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9 जुलाई 2022
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सोने का पिंजरा..

कई बार जो हमे दिखता हैं वो सच नहीं होता..।

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बेदर्दी पिया

सर्दी के मौसम मे बेदर्दी हुई,रजाई, पिया नही आयेा रे किसके लिए घर सजाई! ़ शरद शितल हवा चले घना कोहरा छा जाई, रूत मिलन के जागे जीया मे् पिया मन मे भयो रे ! झुमर गाती आ रही कोहरा झम झमा झम बरस जायो रे, तन मन नश नश हमे सताये कडाके ठंढ से रूह तक काप जाय

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प्यार दीमाग और  बरबादी

ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो बहुत ही समझदार थी अपने परिवार की सब से प्यारी बेटी थी दुनिया दारी से कोई मतलब नहीं था लेकिन कभी सोचा नहीं था कि किसी से प्यार होगा और वो ऐसा निकलेगा लोग अक्सर प्यार में दिमाग नहीं लगाते हैं बोलते हैं प्यार में दिमाग और

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जिये जा रही हूँ...

नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 ➡️ क्या कहूं दोस्तों .... ➡️ जो करना नहीं चाहती , ➡️वही किए जा रही हूँ , ➡️शायद अपनों के लिए ही , ➡️जिये जा रही हूँ... ! ➡️ ना जाने किस बात की ➡️झूठी तसल्ली दिए जा रही हूंँ, ➡️थम सी गई है जिंदगी , ➡️ यादों की सुनहरे पन्नों मे

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कुछ कहुँ या चुप रहुँ....

औरत हूँ और माँ भी, पत्नी हूँ और भाभी भी, बहु हूँ और बेटी भी, अगर नहीं हूँ तो अपने लिए आज़ाद, अगर नही हूँ तो, अपने लिए कुछ पल को जीने वाली,......

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